1 Peter 2:5
तुम भी आप जीवते पत्थरों की नाईं आत्मिक घर बनते जाते हो, जिस से याजकों का पवित्र समाज बन कर, ऐसे आत्मिक बलिदान चढ़ाओ, जो यीशु मसीह के द्वारा परमेश्वर को ग्राह्य हों।
Ye | καὶ | kai | kay |
also, | αὐτοὶ | autoi | af-TOO |
as | ὡς | hōs | ose |
lively | λίθοι | lithoi | LEE-thoo |
stones, | ζῶντες | zōntes | ZONE-tase |
up built are | οἰκοδομεῖσθε | oikodomeisthe | oo-koh-thoh-MEE-sthay |
a spiritual | οἶκος | oikos | OO-kose |
house, | πνευματικὸς | pneumatikos | pnave-ma-tee-KOSE |
an holy | ἱεράτευμα | hierateuma | ee-ay-RA-tave-ma |
priesthood, | ἅγιον | hagion | A-gee-one |
to offer up | ἀνενέγκαι | anenenkai | ah-nay-NAYNG-kay |
spiritual | πνευματικὰς | pneumatikas | pnave-ma-tee-KAHS |
sacrifices, | θυσίας | thysias | thyoo-SEE-as |
acceptable | εὐπροσδέκτους | euprosdektous | afe-prose-THAKE-toos |
to | τῷ | tō | toh |
God | θεῷ | theō | thay-OH |
by | διὰ | dia | thee-AH |
Jesus | Ἰησοῦ | iēsou | ee-ay-SOO |
Christ. | Χριστοῦ | christou | hree-STOO |