2 Kings 13:9
निदान यहोआहाज अपने पुरखाओं के संग सो गया और शोमरोन में उसे मिद्दी दी गई; और उसका पुत्र योआश उसके स्थान पर राज्य करने लगा।
Cross Reference
Exodus 25:20
और उन करूबों के पंख ऊपर से ऐसे फैले हुए बनें कि प्रायश्चित्त का ढकना उन से ढंपा रहे, और उनके मुख आम्हने-साम्हने और प्रायश्चित्त के ढकने की ओर रहें।
Exodus 37:9
और करूबों के पंख ऊपर से फैले हुए बने, और उन पंखों से प्रायश्चित्त का ढकना ढपा हुआ बना, और उनके मुख आम्हने-साम्हने और प्रायश्चित्त के ढकने की ओर किए हुए बने॥
2 Chronicles 5:8
सन्दूक के स्थान के ऊपर करूब तो पंख फैलाए हुए थे, जिससे वे ऊपर से सन्दूक और उसके डणडों को ढांपे थे।
1 Kings 8:7
करूब तो सन्दूक के स्थान के ऊपर पंख ऐसे फैलाए हुए थे, कि वे ऊपर से सन्दूक और उसके डंडों को ढांके थे।
2 Chronicles 3:11
करूबों के पंख तो सब मिलकर बीस हाथ लम्बे थे, अर्थात एक करूब का एक पंख पांच हाथ का और भवन की भीत तक पहुंचा हुआ था; और उसका दूसरा पंख पांच हाथ का था और दूसरे करूब के पंख से मिला हुआ था।
And Jehoahaz | וַיִּשְׁכַּ֤ב | wayyiškab | va-yeesh-KAHV |
slept | יְהֽוֹאָחָז֙ | yĕhôʾāḥāz | yeh-hoh-ah-HAHZ |
with | עִם | ʿim | eem |
fathers; his | אֲבֹתָ֔יו | ʾăbōtāyw | uh-voh-TAV |
and they buried | וַֽיִּקְבְּרֻ֖הוּ | wayyiqbĕruhû | va-yeek-beh-ROO-hoo |
Samaria: in him | בְּשֹֽׁמְר֑וֹן | bĕšōmĕrôn | beh-shoh-meh-RONE |
and Joash | וַיִּמְלֹ֛ךְ | wayyimlōk | va-yeem-LOKE |
his son | יוֹאָ֥שׁ | yôʾāš | yoh-ASH |
reigned | בְּנ֖וֹ | bĕnô | beh-NOH |
in his stead. | תַּחְתָּֽיו׃ | taḥtāyw | tahk-TAIV |
Cross Reference
Exodus 25:20
और उन करूबों के पंख ऊपर से ऐसे फैले हुए बनें कि प्रायश्चित्त का ढकना उन से ढंपा रहे, और उनके मुख आम्हने-साम्हने और प्रायश्चित्त के ढकने की ओर रहें।
Exodus 37:9
और करूबों के पंख ऊपर से फैले हुए बने, और उन पंखों से प्रायश्चित्त का ढकना ढपा हुआ बना, और उनके मुख आम्हने-साम्हने और प्रायश्चित्त के ढकने की ओर किए हुए बने॥
2 Chronicles 5:8
सन्दूक के स्थान के ऊपर करूब तो पंख फैलाए हुए थे, जिससे वे ऊपर से सन्दूक और उसके डणडों को ढांपे थे।
1 Kings 8:7
करूब तो सन्दूक के स्थान के ऊपर पंख ऐसे फैलाए हुए थे, कि वे ऊपर से सन्दूक और उसके डंडों को ढांके थे।
2 Chronicles 3:11
करूबों के पंख तो सब मिलकर बीस हाथ लम्बे थे, अर्थात एक करूब का एक पंख पांच हाथ का और भवन की भीत तक पहुंचा हुआ था; और उसका दूसरा पंख पांच हाथ का था और दूसरे करूब के पंख से मिला हुआ था।