2 Kings 25:25
परन्तु सातवें महीने में नतन्याह का पुत्र इश्माएल, जो एलीशामा का पोता और राजवंश का था, उसने दस जन संग ले गदल्याह के पास जा कर उसे ऐसा मारा कि वह मर गया, और जो यहूदी और कसदी उसके संग मिस्पा में रहते थे, उन को भी मार डाला।
But it came to pass | וַיְהִ֣י׀ | wayhî | vai-HEE |
seventh the in | בַּחֹ֣דֶשׁ | baḥōdeš | ba-HOH-desh |
month, | הַשְּׁבִיעִ֗י | haššĕbîʿî | ha-sheh-vee-EE |
that Ishmael | בָּ֣א | bāʾ | ba |
son the | יִשְׁמָעֵ֣אל | yišmāʿēl | yeesh-ma-ALE |
of Nethaniah, | בֶּן | ben | ben |
the son | נְ֠תַנְיָה | nĕtanyâ | NEH-tahn-ya |
Elishama, of | בֶּן | ben | ben |
of the seed | אֱלִ֨ישָׁמָ֜ע | ʾĕlîšāmāʿ | ay-LEE-sha-MA |
royal, | מִזֶּ֣רַע | mizzeraʿ | mee-ZEH-ra |
came, | הַמְּלוּכָ֗ה | hammĕlûkâ | ha-meh-loo-HA |
ten and | וַֽעֲשָׂרָ֤ה | waʿăśārâ | va-uh-sa-RA |
men | אֲנָשִׁים֙ | ʾănāšîm | uh-na-SHEEM |
with | אִתּ֔וֹ | ʾittô | EE-toh |
him, and smote | וַיַּכּ֥וּ | wayyakkû | va-YA-koo |
אֶת | ʾet | et | |
Gedaliah, | גְּדַלְיָ֖הוּ | gĕdalyāhû | ɡeh-dahl-YA-hoo |
that he died, | וַיָּמֹ֑ת | wayyāmōt | va-ya-MOTE |
Jews the and | וְאֶת | wĕʾet | veh-ET |
and the Chaldees | הַיְּהוּדִים֙ | hayyĕhûdîm | ha-yeh-hoo-DEEM |
that | וְאֶת | wĕʾet | veh-ET |
were | הַכַּשְׂדִּ֔ים | hakkaśdîm | ha-kahs-DEEM |
with | אֲשֶׁר | ʾăšer | uh-SHER |
him at Mizpah. | הָי֥וּ | hāyû | ha-YOO |
אִתּ֖וֹ | ʾittô | EE-toh | |
בַּמִּצְפָּֽה׃ | bammiṣpâ | ba-meets-PA |
Cross Reference
2 Kings 11:1
जब अहज्याह की माता अतल्याह ने देखा, कि मेरा पुत्र मर गया, तब उसने पूरे राजवंश को नाश कर डाला।
Jeremiah 40:15
फिर कारेह के पुत्र योहानान ने गदल्याह से मिस्पा में छिप कर कहा, मुझे जा कर नतन्याह के पुत्र इश्माएल को मार डालने दे ओर कोई इसे न जानेगा। वह क्यों तुझे मार डाले, और जितने यहूदी लोग तेरे पास इकट्ठे हुए हैं वे क्यों तितर-बितर हो जाएं और बचे हुए यहूदी क्यों नाश हों?
Zechariah 7:5
सब साधारण लोगों से और याजकों से कह, कि जब तुम इन सत्तर वर्षों के बीच पांचवें और सातवें महीनों में उपवास और विलाप करते थे, तब क्या तुम सचमुच मेरे ही लिये उपवास करते थे?
Zechariah 8:19
सेनाओं का यहोवा यों कहता है: चौथे, पांचवें, सातवें और दसवें महीने में जो जो उपवास के दिन होते हैं, वे यहूदा के घराने के लिये हर्ष और आनन्द और उत्सव के पर्वों के दिन हो जाएगें; इसलिये अब तुम सच्चाई और मेल-मिलाप से प्रीति रखो॥