Isaiah 25:6 in Hindi

Hindi Hindi Bible Isaiah Isaiah 25 Isaiah 25:6

Isaiah 25:6
सेनाओं का यहोवा इसी पर्वत पर सब देशों के लोगों के लिये ऐसी जेवनार करेगा जिस में भांति भांति का चिकना भोजन और निथरा हुआ दाखमधु होगा; उत्तम से उत्तम चिकना भोजन और बहुत ही निथरा हुआ दाखमधु होगा।

Isaiah 25:5Isaiah 25Isaiah 25:7

Isaiah 25:6 in Other Translations

King James Version (KJV)
And in this mountain shall the LORD of hosts make unto all people a feast of fat things, a feast of wines on the lees, of fat things full of marrow, of wines on the lees well refined.

American Standard Version (ASV)
And in this mountain will Jehovah of hosts make unto all peoples a feast of fat things, a feast of wines on the lees, of fat things full of marrow, of wines on the lees well refined.

Bible in Basic English (BBE)
And in this mountain will the Lord of armies make for all peoples a feast of good things, a feast of wines long stored, of good things sweet to the taste, of wines long kept and tested.

Darby English Bible (DBY)
And in this mountain will Jehovah of hosts make unto all peoples a feast of fat things, a feast of wines on the lees, of fat things full of marrow, of wines on the lees well refined.

World English Bible (WEB)
In this mountain will Yahweh of Hosts make to all peoples a feast of fat things, a feast of wines on the lees, of fat things full of marrow, of wines on the lees well refined.

Young's Literal Translation (YLT)
And made hath Jehovah of Hosts, For all the peoples in this mount, A banquet of fat things, a banquet of preserved things, Fat things full of marrow, preserved things refined.

And
in
this
וְעָשָׂה֩wĕʿāśāhveh-ah-SA
mountain
יְהוָ֨הyĕhwâyeh-VA
shall
the
Lord
צְבָא֜וֹתṣĕbāʾôttseh-va-OTE
of
hosts
לְכָלlĕkālleh-HAHL
make
הָֽעַמִּים֙hāʿammîmha-ah-MEEM
unto
all
בָּהָ֣רbāhārba-HAHR
people
הַזֶּ֔הhazzeha-ZEH
a
feast
מִשְׁתֵּ֥הmištēmeesh-TAY
of
fat
things,
שְׁמָנִ֖יםšĕmānîmsheh-ma-NEEM
feast
a
מִשְׁתֵּ֣הmištēmeesh-TAY
lees,
the
on
wines
of
שְׁמָרִ֑יםšĕmārîmsheh-ma-REEM
of
fat
things
שְׁמָנִים֙šĕmānîmsheh-ma-NEEM
marrow,
of
full
מְמֻ֣חָיִ֔םmĕmuḥāyimmeh-MOO-ha-YEEM
of
wines
on
the
lees
שְׁמָרִ֖יםšĕmārîmsheh-ma-REEM
well
refined.
מְזֻקָּקִֽים׃mĕzuqqāqîmmeh-zoo-ka-KEEM

Cross Reference

Psalm 63:5
मेरा जीव मानो चर्बी और चिकने भोजन से तृप्त होगा, और मैं जयजयकार करके तेरी स्तुति करूंगा।

Matthew 8:11
और मैं तुम से कहता हूं, कि बहुतेरे पूर्व और पश्चिम से आकर इब्राहीम और इसहाक और याकूब के साथ स्वर्ग के राज्य में बैठेंगे।

Zechariah 9:16
उस समय उनका परमेश्वर यहोवा उन को अपनी प्रजा रूपी भेड़-बकरियां जान कर उनका उद्धार करेगा; और वे मुकुटमणि ठहर के, उसकी भूमि से बहुत ऊंचे पर चमकते रहेंगे।

Jeremiah 31:12
इसलिये वे सिय्योन की चोटी पर आकर जयजयकार करेंगे, और यहोवा से अनाज, नया दाखमधु, टटका तेल, भेड़-बकरियां और गाय-बैलों के बच्चे आदि उत्तम उत्तम दान पाने के लिये तांता बान्ध कर चलेंगे; और उनका प्राण सींची हुई बारी के समान होगा, और वे फिर कभी उदास न होंगे।

Isaiah 2:2
अन्त के दिनों में ऐसा होगा कि यहोवा के भवन का पर्वत सब पहाड़ों पर दृढ़ किया जाएगा, और सब पहाडिय़ों से अधिक ऊंचा किया जाएगा; और हर जाति के लागे धारा की नाईं उसकी ओर चलेंगें।

Daniel 7:14
तब उसको ऐसी प्रभुता, महिमा और राज्य दिया गया, कि देश-देश और जाति-जाति के लोग और भिन्न-भिन्न भाषा बालने वाले सब उसके आधीन हों; उसकी प्रभुता सदा तक अटल, और उसका राज्य अविनाशी ठहरा॥

Micah 4:1
अन्त के दिनों में ऐसा होगा कि यहोवा के भवन का पर्वत सब पहाड़ों पर दृढ़ किया जाएगा, और सब पहाडिय़ों से अधिक ऊंचा किया जाएगा; और हर जाति के लोग धारा की नाईं उसकी ओर चलेंगे।

Zechariah 8:3
यहोवा यों कहता है, मैं सिय्योन में लौट आया हूं, और यरूशेलम के बीच में वास किए रहूंगा, और यरूशलेम की सच्चाई का नगर कहलाएगा, और सेनाओं के यहोवा का पर्वत, पवित्र पर्वत कहलाएगा।

Matthew 22:1
इस पर यीशु फिर उन से दृष्टान्तों में कहने लगा।

Luke 14:16
उस ने उस से कहा; किसी मनुष्य ने बड़ी जेवनार की और बहुतों को बुलाया।

Luke 22:30
वैसे ही मैं भी तुम्हारे लिये ठहराता हूं, ताकि तुम मेरे राज्य में मेरी मेज पर खाओ-पिओ; वरन सिंहासनों पर बैठकर इस्त्राएल के बारह गोत्रों का न्याय करो।

Hebrews 12:22
पर तुम सिय्योन के पहाड़ के पास, और जीवते परमेश्वर के नगर स्वर्गीय यरूशलेम के पास।

Revelation 19:9
और उस ने मुझ से कहा; यह लिख, कि धन्य वे हैं, जो मेम्ने के ब्याह के भोज में बुलाए गए हैं; फिर उस ने मुझ से कहा, ये वचन परमेश्वर के सत्य वचन हैं।

Isaiah 55:1
अहो सब प्यासे लोगो, पानी के पास आओ; और जिनके पास रूपया न हो, तुम भी आकर मोल लो और खाओ! दाखमधु और दूध बिन रूपए और बिना दाम ही आकर ले लो।

Isaiah 49:6
उसी ने मुझ से यह भी कहा है, यह तो हलकी सी बात है कि तू याकूब के गोत्रों का उद्धार करने और इस्राएल के रक्षित लोगों को लौटा ले आने के लिये मेरा सेवक ठहरे; मैं तुझे अन्यजातियों के लिये ज्योति ठहराऊंगा कि मेरा उद्धार पृथ्वी की एक ओर से दूसरी ओर तक फैल जाए॥

Psalm 72:14
वह उनके प्राणों को अन्धेर और उपद्रव से छुड़ा लेगा; और उनका लोहू उसकी दृष्टि में अनमोल ठहरेगा॥

Psalm 78:68
परन्तु यहूदा ही के गोत्र को, और अपने प्रिय सिय्योन पर्वत को चुन लिया।

Proverbs 9:1
बुद्धि ने अपना घर बनाया और उसके सातों खंभे गढ़े हुए हैं।

Song of Solomon 1:2
वह अपने मुंह के चुम्बनों से मुझे चूमे! क्योंकि तेरा प्रेम दाखमधु से उत्तम है,

Song of Solomon 1:4
मुझे खींच ले; हम तेरे पीछे दौड़ेंगे राजा मुझे अपने महल में ले आया है। हम तुझ में मगन और आनन्दित होंगे; हम दाखमधु से अधिक तेरे प्रेम की चर्चा करेंगे; वे ठीक ही तुझ से प्रेम रखती हैं॥

Song of Solomon 2:3
जैसे सेब के वृक्ष जंगल के वृक्षों के बीच में, वैसे ही मेरा प्रेमी जवानों के बीच में है। मैं उसकी छाया में हषिर्त हो कर बैठ गई, और उसका फल मुझे खाने मे मीठा लगा।

Song of Solomon 5:1
हे मेरी बहिन, हे मेरी दुल्हिन, मैं अपनी बारी में आया हूं, मैं ने अपना गन्धरस और बलसान चुन लिया; मैं ने मधु समेत छत्ता खा लिया, मैं ने दूध और दाखमधु भी लिया॥ हे मित्रों, तुम भी खाओ, हे प्यारों, पियो, मनमाना पियो!

Isaiah 1:19
यदि तुम आज्ञाकारी हो कर मेरी मानो,

Isaiah 25:10
क्योंकि इस पर्वत पर यहोवा का हाथ सर्वदा बना रहेगा और मोआब अपने ही स्थान में ऐसा लताड़ा जाएगा जैसा घूरे में पुआल लताड़ा जाता है।

Luke 5:39
कोई मनुष्य पुराना दाखरस पीकर नया नहीं चाहता क्योंकि वह कहता है, कि पुराना ही अच्छा है॥

Mark 16:15
और उस ने उन से कहा, तुम सारे जगत में जाकर सारी सृष्टि के लोगों को सुसमाचार प्रचार करो।

Matthew 26:29
मैं तुम से कहता हूं, कि दाख का यह रस उस दिन तक कभी न पीऊंगा, जब तक तुम्हारे साथ अपने पिता के राज्य में नया न पीऊं॥

Jeremiah 48:11
मोआब बचपन ही से सुखी है, उसके नीचे तलछट है, वह एक बरतन से दूसरे बरतन में उण्डेला नहीं गया और न बंधुआई में गया; इसलिये उसका स्वाद उस में स्थिर है, और उसकी गन्ध ज्यों की त्यों बनी रहती है।