Mark 4:28
पृथ्वी आप से आप फल लाती है पहिले अंकुर, तब बाल, और तब बालों में तैयार दाना।
Mark 4:28 in Other Translations
King James Version (KJV)
For the earth bringeth forth fruit of herself; first the blade, then the ear, after that the full corn in the ear.
American Standard Version (ASV)
The earth beareth fruit of herself; first the blade, then the ear, then the full grain in the ear.
Bible in Basic English (BBE)
The earth gives fruit by herself; first the leaf, then the head, then the full grain.
Darby English Bible (DBY)
The earth bears fruit of itself, first [the] blade, then an ear, then full corn in the ear.
World English Bible (WEB)
For the earth bears fruit: first the blade, then the ear, then the full grain in the ear.
Young's Literal Translation (YLT)
for of itself doth the earth bear fruit, first a blade, afterwards an ear, afterwards full corn in the ear;
| For | αὐτομάτη | automatē | af-toh-MA-tay |
| the | γὰρ | gar | gahr |
| earth | ἡ | hē | ay |
| fruit forth bringeth | γῆ | gē | gay |
| of herself; | καρποφορεῖ | karpophorei | kahr-poh-foh-REE |
| first | πρῶτον | prōton | PROH-tone |
| the blade, | χόρτον | chorton | HORE-tone |
| then | εἶτα | eita | EE-ta |
| the ear, | στάχυν | stachyn | STA-hyoon |
| after that | εἶτα | eita | EE-ta |
| full the | πλήρη | plērē | PLAY-ray |
| corn | σῖτον | siton | SEE-tone |
| in | ἐν | en | ane |
| the | τῷ | tō | toh |
| ear. | στάχυϊ | stachyi | STA-hyoo-ee |
Cross Reference
Philippians 1:9
और मैं यह प्रार्थना करता हूं, कि तुम्हारा प्रेम, ज्ञान और सब प्रकार के विवेक सहित और भी बढ़ता जाए।
Philippians 1:6
और मुझे इस बात का भरोसा है, कि जिस ने तुम में अच्छा काम आरम्भ किया है, वही उसे यीशु मसीह के दिन तक पूरा करेगा।
Mark 4:31
वह राई के दाने के समान है; कि जब भूमि में बोया जाता है तो भूमि के सब बीजों से छोटा होता है।
1 Thessalonians 3:12
और प्रभु ऐसा करे, कि जैसा हम तुम से प्रेम रखते हैं; वैसा ही तुम्हारा प्रेम भी आपस में, और सब मनुष्यों के साथ बढ़े, और उन्नति करता जाए।
Colossians 1:10
ताकि तुम्हारा चाल-चलन प्रभु के योग्य हो, और वह सब प्रकार से प्रसन्न हो, और तुम में हर प्रकार के भले कामों का फल लगे, और परमेश्वर की पहिचान में बढ़ते जाओ।
Matthew 13:26
जब अंकुर निकले और बालें लगीं, तो जंगली दाने भी दिखाई दिए।
Hosea 6:3
आओ, हम ज्ञान ढूंढ़े, वरन यहोवा का ज्ञान प्राप्त करने के लिये यत्न भी करें; क्योंकि यहोवा का प्रगट होना भोर का सा निश्चित है; वह वर्षा की नाईं हमारे ऊपर आएगा, वरन बरसात के अन्त की वर्षा के समान जिस से भूमि सिंचती है॥
Isaiah 61:11
क्योंकि जैसे भूमि अपनी उपज को उगाती, और बारी में जो कुछ बोया जाता है उसको वह उपजाती है, वैसे ही प्रभु यहोवा सब जातियों के साम्हने धामिर्कता और धन्यवाद को बढ़ाएगा॥
Ecclesiastes 3:11
उसने सब कुछ ऐसा बनाया कि अपने अपने समय पर वे सुन्दर होते है; फिर उसने मनुष्यों के मन में अनादि-अनन्त काल का ज्ञान उत्पन्न किया है, तौभी काल का ज्ञान उत्पन्न किया है, वह आदि से अन्त तक मनुष्य बूझ नहीं सकता।
Ecclesiastes 3:1
हर एक बात का एक अवसर और प्रत्येक काम का, जो आकाश के नीचे होता है, एक समय है।
Proverbs 4:18
परन्तु धर्मियों की चाल उस चमकती हुई ज्योति के समान है, जिसका प्रकाश दोपहर तक अधिक अधिक बढ़ता रहता है।
Psalm 92:13
वे यहोवा के भवन में रोपे जा कर, हमारे परमेश्वर के आंगनों में फूले फलेंगे।
Psalm 1:3
वह उस वृक्ष के समान है, जो बहती नालियों के किनारे लगाया गया है। और अपनी ऋतु में फलता है, और जिसके पत्ते कभी मुरझाते नहीं। इसलिये जो कुछ वह पुरूष करे वह सफल होता है॥
Genesis 4:11
इसलिये अब भूमि जिसने तेरे भाई का लोहू तेरे हाथ से पीने के लिये अपना मुंह खोला है, उसकी ओर से तू शापित है।
Genesis 2:9
और यहोवा परमेश्वर ने भूमि से सब भांति के वृक्ष, जो देखने में मनोहर और जिनके फल खाने में अच्छे हैं उगाए, और वाटिका के बीच में जीवन के वृक्ष को और भले या बुरे के ज्ञान के वृक्ष को भी लगाया।
Genesis 2:4
आकाश और पृथ्वी की उत्पत्ति का वृत्तान्त यह है कि जब वे उत्पन्न हुए अर्थात जिस दिन यहोवा परमेश्वर ने पृथ्वी और आकाश को बनाया:
Genesis 1:11
फिर परमेश्वर ने कहा, पृथ्वी से हरी घास, तथा बीज वाले छोटे छोटे पेड़, और फलदाई वृक्ष भी जिनके बीज उन्ही में एक एक की जाति के अनुसार होते हैं पृथ्वी पर उगें; और वैसा ही हो गया।