Ezekiel 20:32
जो बात तुम्हारे मन में आती है कि हम काठ और पत्थर के उपासक हो कर अन्यजातियों और देश देश के कुलों के समान हो जाएंगे, वह किसी भांति पूरी नहीं होने की।
And that which cometh | וְהָֽעֹלָה֙ | wĕhāʿōlāh | veh-ha-oh-LA |
into | עַל | ʿal | al |
your mind | ר֣וּחֲכֶ֔ם | rûḥăkem | ROO-huh-HEM |
not shall | הָי֖וֹ | hāyô | ha-YOH |
be at all, | לֹ֣א | lōʾ | loh |
תִֽהְיֶ֑ה | tihĕye | tee-heh-YEH | |
that | אֲשֶׁ֣ר׀ | ʾăšer | uh-SHER |
ye | אַתֶּ֣ם | ʾattem | ah-TEM |
say, | אֹמְרִ֗ים | ʾōmĕrîm | oh-meh-REEM |
be will We | נִֽהְיֶ֤ה | nihĕye | nee-heh-YEH |
as the heathen, | כַגּוֹיִם֙ | kaggôyim | ha-ɡoh-YEEM |
as the families | כְּמִשְׁפְּח֣וֹת | kĕmišpĕḥôt | keh-meesh-peh-HOTE |
countries, the of | הָאֲרָצ֔וֹת | hāʾărāṣôt | ha-uh-ra-TSOTE |
to serve | לְשָׁרֵ֖ת | lĕšārēt | leh-sha-RATE |
wood | עֵ֥ץ | ʿēṣ | ayts |
and stone. | וָאָֽבֶן׃ | wāʾāben | va-AH-ven |