Ezekiel 26:5
वह समुद्र के बीच का जाल फैलाने ही का स्थान हो जाएगा; क्योंकि परमेश्वर यहोवा की यह वाणी है; और वह जाति जाति से लुट जाएगा;
It shall be | מִשְׁטַ֨ח | mišṭaḥ | meesh-TAHK |
a place for the spreading | חֲרָמִ֤ים | ḥărāmîm | huh-ra-MEEM |
nets of | תִּֽהְיֶה֙ | tihĕyeh | tee-heh-YEH |
in the midst | בְּת֣וֹךְ | bĕtôk | beh-TOKE |
of the sea: | הַיָּ֔ם | hayyām | ha-YAHM |
for | כִּ֚י | kî | kee |
I | אֲנִ֣י | ʾănî | uh-NEE |
have spoken | דִבַּ֔רְתִּי | dibbartî | dee-BAHR-tee |
it, saith | נְאֻ֖ם | nĕʾum | neh-OOM |
the Lord | אֲדֹנָ֣י | ʾădōnāy | uh-doh-NAI |
God: | יְהוִ֑ה | yĕhwi | yeh-VEE |
become shall it and | וְהָיְתָ֥ה | wĕhāytâ | veh-hai-TA |
a spoil | לְבַ֖ז | lĕbaz | leh-VAHZ |
to the nations. | לַגּוֹיִֽם׃ | laggôyim | la-ɡoh-YEEM |