Ezekiel 40:2
अपने दर्शनों में परमेश्वर ने मुझे इस्राएल के देश में पहुंचाया और वहां एक बहुत ऊंचे पहाड़ पर खड़ा किया, जिस पर दक्खिन ओर मानो किसी नगर का आकार था।
In the visions | בְּמַרְא֣וֹת | bĕmarʾôt | beh-mahr-OTE |
of God | אֱלֹהִ֔ים | ʾĕlōhîm | ay-loh-HEEM |
brought | הֱבִיאַ֖נִי | hĕbîʾanî | hay-vee-AH-nee |
into me he | אֶל | ʾel | el |
the land | אֶ֣רֶץ | ʾereṣ | EH-rets |
of Israel, | יִשְׂרָאֵ֑ל | yiśrāʾēl | yees-ra-ALE |
and set | וַיְנִיחֵ֗נִי | waynîḥēnî | vai-nee-HAY-nee |
upon me | אֶל | ʾel | el |
a very | הַ֤ר | har | hahr |
high | גָּבֹ֙הַּ֙ | gābōha | ɡa-VOH-HA |
mountain, | מְאֹ֔ד | mĕʾōd | meh-ODE |
by | וְעָלָ֥יו | wĕʿālāyw | veh-ah-LAV |
frame the as was which | כְּמִבְנֵה | kĕmibnē | keh-meev-NAY |
of a city | עִ֖יר | ʿîr | eer |
on the south. | מִנֶּֽגֶב׃ | minnegeb | mee-NEH-ɡev |