Genesis 31:1
फिर लाबान के पुत्रों की ये बातें याकूब के सुनने में आई, कि याकूब ने हमारे पिता का सब कुछ छीन लिया है, और हमारे पिता के धन के कारण उसकी यह प्रतिष्ठा है।
Genesis 31:1 in Other Translations
King James Version (KJV)
And he heard the words of Laban's sons, saying, Jacob hath taken away all that was our father's; and of that which was our father's hath he gotten all this glory.
American Standard Version (ASV)
And he heard the words of Laban's sons, saying, Jacob hath taken away all that was our father's; and of that which was our father's hath he gotten all this glory.
Bible in Basic English (BBE)
Now it came to the ears of Jacob that Laban's sons were saying, Jacob has taken away all our father's property, and in this way he has got all this wealth.
Darby English Bible (DBY)
And he heard the words of Laban's sons, saying, Jacob has taken away all that was our father's, and of what was our father's he has acquired all this glory.
Webster's Bible (WBT)
And he heard the words of Laban's sons, saying, Jacob hath taken away all that was our father's; and of that which was our father's hath he obtained all this glory.
World English Bible (WEB)
He heard the words of Laban's sons, saying, "Jacob has taken away all that was our father's. From that which was our father's, has he gotten all this wealth."
Young's Literal Translation (YLT)
And he heareth the words of Laban's sons, saying, `Jacob hath taken all that our father hath; yea, from that which our father hath, he hath made all this honour;'
| And he heard | וַיִּשְׁמַ֗ע | wayyišmaʿ | va-yeesh-MA |
| אֶת | ʾet | et | |
| the words | דִּבְרֵ֤י | dibrê | deev-RAY |
| of Laban's | בְנֵֽי | bĕnê | veh-NAY |
| sons, | לָבָן֙ | lābān | la-VAHN |
| saying, | לֵאמֹ֔ר | lēʾmōr | lay-MORE |
| Jacob | לָקַ֣ח | lāqaḥ | la-KAHK |
| hath taken away | יַֽעֲקֹ֔ב | yaʿăqōb | ya-uh-KOVE |
| אֵ֖ת | ʾēt | ate | |
| all | כָּל | kāl | kahl |
| that | אֲשֶׁ֣ר | ʾăšer | uh-SHER |
| father's; our was | לְאָבִ֑ינוּ | lĕʾābînû | leh-ah-VEE-noo |
| and of that which | וּמֵֽאֲשֶׁ֣ר | ûmēʾăšer | oo-may-uh-SHER |
| father's our was | לְאָבִ֔ינוּ | lĕʾābînû | leh-ah-VEE-noo |
| hath he gotten | עָשָׂ֕ה | ʿāśâ | ah-SA |
| אֵ֥ת | ʾēt | ate | |
| all | כָּל | kāl | kahl |
| this | הַכָּבֹ֖ד | hakkābōd | ha-ka-VODE |
| glory. | הַזֶּֽה׃ | hazze | ha-ZEH |
Cross Reference
Ecclesiastes 4:4
तब में ने सब परिश्रम के काम और सब सफल कामों को देखा जो लोग अपने पड़ोसी से जलन के कारण करते हैं। यह भी व्यर्थ और मन का कुढ़ना है॥
Proverbs 27:4
क्रोध तो क्रूर, और प्रकोप धारा के समान होता है, परन्तु जब कोई जल उठता है, तब कौन ठहर सकता है?
Isaiah 5:14
इसलिये अधोलोक ने अत्यन्त लालसा कर के अपना मुंह बेपरिमाण पसारा है, और उनका वैभव और भीड़ भाड़ और आनन्द करने वाले सब के सब उसके मुंह में जा पड़ते हैं।
Jeremiah 9:23
यहोवा यों कहता है, बुद्धिमान अपनी बुद्धि पर घमण्ड न करे, न वीर अपनी वीरता पर, न धनी अपने धन पर घमण्ड करे;
Ezekiel 16:44
देख, सब कहावत कहने वाले तेरे विषय यह कहावत कहेंगे, कि जैसी मां वैसी पुत्री।
Matthew 4:8
फिर शैतान उसे एक बहुत ऊंचे पहाड़ पर ले गया और सारे जगत के राज्य और उसका विभव दिखाकर
1 Timothy 6:4
तो वह अभिमानी हो गया, और कुछ नहीं जानता, वरन उसे विवाद और शब्दों पर तर्क करने का रोग है, जिन से डाह, और झगड़े, और निन्दा की बातें, और बुरे बुरे सन्देह।
Titus 3:3
क्योंकि हम भी पहिले, निर्बुद्धि, और आज्ञा न मानने वाले, और भ्रम में पड़े हुए, और रंग रंग के अभिलाषाओं और सुखविलास के दासत्व में थे, और बैरभाव, और डाह करने में जीवन निर्वाह करते थे, और घृणित थे, और एक दूसरे से बैर रखते थे।
1 Peter 1:24
क्योंकि हर एक प्राणी घास की नाईं है, और उस की सारी शोभा घास के फूल की नाईं है: घास सूख जाती है, और फूल झड़ जाता है।
Proverbs 14:30
शान्त मन, तन का जीवन है, परन्तु मन के जलने से हड्डियां भी जल जाती हैं।
Psalm 120:3
हे छली जीभ, तुझ को क्या मिले? और तेरे साथ और क्या अधिक किया जाए?
Genesis 45:13
और तुम मेरे सब वैभव का, जो मिस्र में है और जो कुछ तुम ने देखा है, उस सब को मेरे पिता से वर्णन करना; और तुरन्त मेरे पिता को यहां ले आना।
Esther 5:11
तब हामान ने, उन से अपने धन का वैभव, और अपने लड़के-बालों की बढ़ती और राजा ने उसको कैसे कैसे बढ़ाया, और और सब हाकिमों और अपने और सब कर्मचारियों से ऊंचा पद दिया था, इन सब का वर्णन किया।
Job 31:24
यदि मैं ने सोने का भरोसा किया होता, वा कुन्दन को अपना आसरा कहा होता,
Job 31:31
यदि मेरे डेरे के रहने वालों ने यह न कहा होता, कि ऐसा कोई कहां मिलेगा, जो इसके यहां का मांस खाकर तृप्त न हुआ हो?
Psalm 17:14
अपना हाथ बढ़ाकर हे यहोवा, मुझे मनुष्यों से बचा, अर्थात संसारी मनुष्यों से जिनका भाग इसी जीवन में है, और जिनका पेट तू अपने भण्डार से भरता है। वे बाल-बच्चों से सन्तुष्ट हैं; और शेष सम्पति अपने बच्चों के लिये छोड़ जाते हैं॥
Psalm 49:16
जब कोई धनी हो जाए और उसके घर का वैभव बढ़ जाए, तब तू भय न खाना।
Psalm 57:4
मेरा प्राण सिंहों के बीच में है, मुझे जलते हुओं के बीच में लेटना पड़ता है, अर्थात ऐसे मनुष्यों के बीच में जिन के दांत बर्छी और तीर हैं, और जिनकी जीभ तेज तलवार है॥
Psalm 64:3
उन्होंने अपनी जीभ को तलवार की नाईं तेज किया है, और अपने कड़वे वचनों के तीरों को चढ़ाया है;
Genesis 31:8
जब उसने कहा, कि चित्तीवाले बच्चे तेरी मजदूरी ठहरेंगे, तब सब भेड़-बकरियां चित्तीवाले ही जनने लगीं, और जब उसने कहा, कि धारीवाले बच्चे तेरी मजदूरी ठहरेंगे, तब सब भेड़-बकरियां धारीवाले जनने लगीं।