Genesis 6:5
और यहोवा ने देखा, कि मनुष्यों की बुराई पृथ्वी पर बढ़ गई है, और उनके मन के विचार में जो कुछ उत्पन्न होता है सो निरन्तर बुरा ही होता है।
Genesis 6:5 in Other Translations
King James Version (KJV)
And God saw that the wickedness of man was great in the earth, and that every imagination of the thoughts of his heart was only evil continually.
American Standard Version (ASV)
And Jehovah saw that the wickedness of man was great in the earth, and that every imagination of the thoughts of his heart was only evil continually.
Bible in Basic English (BBE)
And the Lord saw that the sin of man was great on the earth, and that all the thoughts of his heart were evil.
Darby English Bible (DBY)
And Jehovah saw that the wickedness of Man was great on the earth, and every imagination of the thoughts of his heart only evil continually.
Webster's Bible (WBT)
And GOD saw that the wickedness of man was great in the earth, and that every imagination of the thoughts of his heart was only evil continually.
World English Bible (WEB)
Yahweh saw that the wickedness of man was great in the earth, and that every imagination of the thoughts of his heart was only evil continually.
Young's Literal Translation (YLT)
And Jehovah seeth that abundant `is' the wickedness of man in the earth, and every imagination of the thoughts of his heart only evil all the day;
| And God | וַיַּ֣רְא | wayyar | va-YAHR |
| saw | יְהוָ֔ה | yĕhwâ | yeh-VA |
| that | כִּ֥י | kî | kee |
| the wickedness | רַבָּ֛ה | rabbâ | ra-BA |
| man of | רָעַ֥ת | rāʿat | ra-AT |
| was great | הָאָדָ֖ם | hāʾādām | ha-ah-DAHM |
| in the earth, | בָּאָ֑רֶץ | bāʾāreṣ | ba-AH-rets |
| every that and | וְכָל | wĕkāl | veh-HAHL |
| imagination | יֵ֙צֶר֙ | yēṣer | YAY-TSER |
| of the thoughts | מַחְשְׁבֹ֣ת | maḥšĕbōt | mahk-sheh-VOTE |
| heart his of | לִבּ֔וֹ | libbô | LEE-boh |
| was only | רַ֥ק | raq | rahk |
| evil | רַ֖ע | raʿ | ra |
| continually. | כָּל | kāl | kahl |
| הַיּֽוֹם׃ | hayyôm | ha-yome |
Cross Reference
Matthew 15:19
क्योंकि कुचिन्ता, हत्या, पर स्त्रीगमन, व्यभिचार, चोरी, झूठी गवाही और निन्दा मन ही से निकलतीं है।
Genesis 8:21
इस पर यहोवा ने सुखदायक सुगन्ध पाकर सोचा, कि मनुष्य के कारण मैं फिर कभी भूमि को शाप न दूंगा, यद्यपि मनुष्य के मन में बचपन से जो कुछ उत्पन्न होता है सो बुरा ही होता है; तौभी जैसा मैं ने सब जीवों को अब मारा है, वैसा उन को फिर कभी न मारूंगा।
Romans 1:28
और जब उन्होंने परमेश्वर को पहिचानना न चाहा, इसलिये परमेश्वर ने भी उन्हें उन के निकम्मे मन पर छोड़ दिया; कि वे अनुचित काम करें।
Mark 7:21
क्योंकि भीतर से अर्थात मनुष्य के मन से, बुरी बुरी चिन्ता, व्यभिचार।
Jeremiah 17:9
मन तो सब वस्तुओं से अधिक धोखा देने वाला होता है, उस में असाध्य रोग लगा है; उसका भेद कौन समझ सकता है?
Ezekiel 8:12
तब उसने मुझ से कहा, हे मनुष्य के सन्तान, क्या तू ने देखा है कि इस्राएल के घराने के पुरनिये अपनी अपनी नक्काशी वाली कोठरियों के भीतर अर्थात अन्धियारे में क्या कर रहे हैं? वे कहते हैं कि यहोवा हम को नहीं देखता; यहोवा ने देश को त्याग दिया है।
Romans 3:9
तो फिर क्या हुआ? क्या हम उन से अच्छे हैं? कभी नहीं; क्योंकि हम यहूदियों और यूनानियों दोनों पर यह दोष लगा चुके हैं कि वे सब के सब पाप के वश में हैं।
Ephesians 2:1
और उस ने तुम्हें भी जिलाया, जो अपने अपराधों और पापों के कारण मरे हुए थे।
Titus 3:3
क्योंकि हम भी पहिले, निर्बुद्धि, और आज्ञा न मानने वाले, और भ्रम में पड़े हुए, और रंग रंग के अभिलाषाओं और सुखविलास के दासत्व में थे, और बैरभाव, और डाह करने में जीवन निर्वाह करते थे, और घृणित थे, और एक दूसरे से बैर रखते थे।
Ezekiel 8:9
उसने मुझ से कहा, भीतर जा कर देख कि ये लोग यहां कैसे कैसे और अति घृणित काम कर रहे हैं।
Jeremiah 4:14
हे यरूशलेम, अपना हृदय बुराई से धो, कि, तुम्हारा उद्धार हो जाए। तुम कब तक व्यर्थ कल्पनाएं करते रहोगे?
Genesis 13:13
सदोम के लोग यहोवा के लेखे में बड़े दुष्ट और पापी थे।
Genesis 18:20
फिर यहोवा ने कहा सदोम और अमोरा की चिल्लाहट बढ़ गई है, और उनका पाप बहुत भारी हो गया है;
Deuteronomy 29:19
और ऐसा मनुष्य इस शाप के वचन सुनकर अपने को आशीर्वाद के योग्य माने, और यह सोचे कि चाहे मैं अपने मन के हठ पर चलूं, और तृप्त हो कर प्यास को मिटा डालूं, तौभी मेरा कुशल होगा।
Psalm 14:1
मूर्ख ने अपने मन में कहा है, कोई परमेश्वर है ही नहीं। वे बिगड़ गए, उन्होंने घिनौने काम किए हैं, कोई सुकर्मी नहीं।
Psalm 53:2
परमेश्वर ने स्वर्ग पर से मनुष्यों के ऊपर दृष्टि की ताकि देखे कि कोई बुद्धि से चलने वाला वा परमेश्वर को पूछने वाला है कि नहीं॥
Proverbs 6:18
अनर्थ कल्पना गढ़ने वाला मन, बुराई करने को वेग दौड़ने वाले पांव,
Ecclesiastes 7:29
देखो, मैं ने केवल यह बात पाई है, कि परमेश्वर ने मनुष्य को सीधा बनाया, परन्तु उन्होंने बहुत सी युक्तियां निकाली हैं॥
Ecclesiastes 9:3
जो कुछ सूर्य के नीचे किया जाता है उस में यह एक दोष है कि सब लोगों की एक सी दशा होती है; और मनुष्यों के मनों में बुराई भरी हुई है, और जब तक वे जीवित रहते हैं उनके मन में बावलापन रहता है, और उसके बाद वे मरे हुओं में जा मिलते हैं।
Job 15:16
फिर मनुष्य अधिक घिनौना और मलीन है जो कुटिलता को पानी की नाईं पीता है।