2 राजा 6:15
भोर को परमेश्वर के भक्त का टहलुआ उठा और निकल कर क्या देखता है कि घोड़ों और रथों समेत एक दल नगर को घेरे हुए पड़ा है। और उसके सेवक ने उस से कहा, हाय! मेरे स्वामी, हम क्या करें?
And when the servant | וַ֠יַּשְׁכֵּם | wayyaškēm | VA-yahsh-kame |
man the of | מְשָׁרֵ֨ת | mĕšārēt | meh-sha-RATE |
of God | אִ֥ישׁ | ʾîš | eesh |
risen was | הָֽאֱלֹהִים֮ | hāʾĕlōhîm | ha-ay-loh-HEEM |
early, | לָקוּם֒ | lāqûm | la-KOOM |
and gone forth, | וַיֵּצֵ֕א | wayyēṣēʾ | va-yay-TSAY |
behold, | וְהִנֵּה | wĕhinnē | veh-hee-NAY |
an host | חַ֛יִל | ḥayil | HA-yeel |
compassed | סוֹבֵ֥ב | sôbēb | soh-VAVE |
אֶת | ʾet | et | |
city the | הָעִ֖יר | hāʿîr | ha-EER |
both with horses | וְס֣וּס | wĕsûs | veh-SOOS |
and chariots. | וָרָ֑כֶב | wārākeb | va-RA-hev |
And his servant | וַיֹּ֨אמֶר | wayyōʾmer | va-YOH-mer |
said | נַֽעֲר֥וֹ | naʿărô | na-uh-ROH |
unto | אֵלָ֛יו | ʾēlāyw | ay-LAV |
him, Alas, | אֲהָ֥הּ | ʾăhāh | uh-HA |
my master! | אֲדֹנִ֖י | ʾădōnî | uh-doh-NEE |
how | אֵיכָ֥ה | ʾêkâ | ay-HA |
shall we do? | נַֽעֲשֶֽׂה׃ | naʿăśe | NA-uh-SEH |