Ecclesiastes 7:2
जेवनार के घर जाने से शोक ही के घर जाना उत्तम है; क्योंकि सब मनुष्यों का अन्त यही है, और जो जीवित है वह मन लगाकर इस पर सोचेगा।
Ecclesiastes 7:2 in Other Translations
King James Version (KJV)
It is better to go to the house of mourning, than to go to the house of feasting: for that is the end of all men; and the living will lay it to his heart.
American Standard Version (ASV)
It is better to go to the house of mourning than to go to the house of feasting: for that is the end of all men; and the living will lay it to his heart.
Bible in Basic English (BBE)
It is better to go to the house of weeping, than to go to the house of feasting; because that is the end of every man, and the living will take it to their hearts.
Darby English Bible (DBY)
It is better to go to the house of mourning than to go to the house of feasting: in that that is the end of all men, and the living taketh it to heart.
World English Bible (WEB)
It is better to go to the house of mourning than to go to the house of feasting: for that is the end of all men, and the living should take this to heart.
Young's Literal Translation (YLT)
Better to go unto a house of mourning, Than to go unto a house of banqueting, For that is the end of all men, And the living layeth `it' unto his heart.
| It is better | ט֞וֹב | ṭôb | tove |
| to go | לָלֶ֣כֶת | lāleket | la-LEH-het |
| to | אֶל | ʾel | el |
| the house | בֵּֽית | bêt | bate |
| mourning, of | אֵ֗בֶל | ʾēbel | A-vel |
| than to go | מִלֶּ֙כֶת֙ | milleket | mee-LEH-HET |
| to | אֶל | ʾel | el |
| the house | בֵּ֣ית | bêt | bate |
| feasting: of | מִשְׁתֶּ֔ה | mište | meesh-TEH |
| for | בַּאֲשֶׁ֕ר | baʾăšer | ba-uh-SHER |
| that | ה֖וּא | hûʾ | hoo |
| end the is | ס֣וֹף | sôp | sofe |
| of all | כָּל | kāl | kahl |
| men; | הָאָדָ֑ם | hāʾādām | ha-ah-DAHM |
| living the and | וְהַחַ֖י | wĕhaḥay | veh-ha-HAI |
| will lay | יִתֵּ֥ן | yittēn | yee-TANE |
| it to | אֶל | ʾel | el |
| his heart. | לִבּֽוֹ׃ | libbô | lee-boh |
Cross Reference
भजन संहिता 90:12
हम को अपने दिन गिनने की समझ दे कि हम बुद्धिमान हो जाएं॥
हाग्गै 1:5
इसलिये अब सेनाओं का यहोवा यों कहता है, अपनी अपनी चाल-चलन पर ध्यान करो।
मलाकी 2:2
यदि तुम इसे न सुनो, और मन लगा कर मेरे नाम का आदर न करो, तो सेनाओं का यहोवा यों कहता है कि मैं तुम को शाप दूंगा, और जो वस्तुएं मेरी आशीष से तुम्हें मिलीं हैं, उन पर मेरा शाप पड़ेगा, वरन तुम जो मन नहीं लगाते हो इस कारण मेरा शाप उन पर पड़ चुका है।
मत्ती 5:4
धन्य हैं वे, जो शोक करते हैं, क्योंकि वे शांति पाएंगे।
मत्ती 14:6
पर जब हेरोदेस का जन्म दिन आया, तो हेरोदियास की बेटी ने उत्सव में नाच दिखाकर हेरोदेस को खुश किया।
रोमियो 6:21
सो जिन बातों से अब तुम लज्ज़ित होते हो, उन से उस समय तुम क्या फल पाते थे?
फिलिप्पियों 3:19
उन का अन्त विनाश है, उन का ईश्वर पेट है, वे अपनी लज्ज़ा की बातों पर घमण्ड करते हैं, और पृथ्वी की वस्तुओं पर मन लगाए रहते हैं।
इब्रानियों 9:27
और जैसे मनुष्यों के लिये एक बार मरना और उसके बाद न्याय का होना नियुक्त है।
1 पतरस 4:3
क्योंकि अन्यजातियों की इच्छा के अनुसार काम करने, और लुचपन की बुरी अभिलाषाओं, मतवालापन, लीलाक्रीड़ा, पियक्कड़पन, और घृणित मूर्तिपूजा में जहां तक हम ने पहिले समय गंवाया, वही बहुत हुआ।
आमोस 6:3
तुम बुरे दिन को दूर कर देते, और उपद्रव की गद्दी को निकट ले आते हो॥
यशायाह 47:7
तू ने कहा, मैं सर्वदा स्वामिन बनी रहूंगी, सो तू ने अपने मन में इन बातों पर विचार न किया और यह भी न सोचा कि उनका क्या फल होगा॥
उत्पत्ति 49:2
हे याकूब के पुत्रों, इकट्ठे हो कर सुनो, अपने पिता इस्राएल की ओर कान लगाओ।
उत्पत्ति 50:15
जब यूसुफ के भाइयों ने देखा कि हमारा पिता मर गया है, तब कहने लगे, कदाचित यूसुफ अब हमारे पीछे पड़े, और जितनी बुराई हम ने उससे की थी सब का पूरा पलटा हम से ले।
गिनती 23:10
याकूब के धूलि के किनके को कौन गिन सकता है, वा इस्त्राएल की चौथाई की गिनती कौन ले सकता है? सौभाग्य यदि मेरी मृत्यु धर्मियों की सी, और मेरा अन्त भी उन्हीं के समान हो!
व्यवस्थाविवरण 32:29
भला होता कि ये बुद्धिमान होते, कि इस को समझ लेते, और अपने अन्त का विचार करते!
व्यवस्थाविवरण 32:46
तब उसने उन से कहा कि जितनी बातें मैं आज तुम से चिताकर कहता हूं उन सब पर अपना अपाना मन लगाओ, और उनके अर्थात इस व्यवस्था की सारी बातों के मानने में चौकसी करने की आज्ञा अपने लड़केबालों को दो।
अय्यूब 1:4
उसके बेटे उपने अपने दिन पर एक दूसरे के घर में खाने-पीने को जाया करते थे; और अपनी तीनों बहिनों को अपने संग खाने-पीने के लिये बुलवा भेजते थे।
यशायाह 5:11
हाय उन पर जो बड़े तड़के उठ कर मदिरा पीने लगते हैं और बड़ी रात तक दाखमधु पीते रहते हैं जब तक उन को गर्मी न चढ़ जाए!
यशायाह 22:12
उस समय सेनाओं के प्रभु यहोवा ने रोने-पीटने, सिर मुंडाने और टाट पहिनने के लिये कहा था;
उत्पत्ति 48:1
इन बातों के पश्चात किसी ने यूसुफ से कहा, सुन, तेरा पिता बीमार है; तब वह मनश्शे और एप्रैम नाम अपने दोनों पुत्रों को संग ले कर उसके पास चला।