आमोस 5:11
तुम जो कंगालों को लताड़ा करते, और भेंट कहकर उस से अन्न हर लेते हो, इसलिये जो घर तुम ने गढ़े हुए पत्थरों के बनाए हैं, उन में रहने न पाओगे; और जो मनभावनी दाख की बारियां तुम ने लगाई हैं, उनका दाखमधु न पीने पाओगे।
Forasmuch | לָ֠כֵן | lākēn | LA-hane |
therefore | יַ֣עַן | yaʿan | YA-an |
as your treading | בּוֹשַׁסְכֶ֞ם | bôšaskem | boh-shahs-HEM |
upon is | עַל | ʿal | al |
the poor, | דָּ֗ל | dāl | dahl |
take ye and | וּמַשְׂאַת | ûmaśʾat | oo-mahs-AT |
from | בַּר֙ | bar | bahr |
him burdens | תִּקְח֣וּ | tiqḥû | teek-HOO |
wheat: of | מִמֶּ֔נּוּ | mimmennû | mee-MEH-noo |
ye have built | בָּתֵּ֥י | bottê | boh-TAY |
houses | גָזִ֛ית | gāzît | ɡa-ZEET |
stone, hewn of | בְּנִיתֶ֖ם | bĕnîtem | beh-nee-TEM |
but ye shall not | וְלֹא | wĕlōʾ | veh-LOH |
dwell | תֵ֣שְׁבוּ | tēšĕbû | TAY-sheh-voo |
in them; ye have planted | בָ֑ם | bām | vahm |
pleasant | כַּרְמֵי | karmê | kahr-MAY |
vineyards, | חֶ֣מֶד | ḥemed | HEH-med |
but ye shall not | נְטַעְתֶּ֔ם | nĕṭaʿtem | neh-ta-TEM |
drink | וְלֹ֥א | wĕlōʾ | veh-LOH |
תִשְׁתּ֖וּ | tištû | teesh-TOO | |
wine | אֶת | ʾet | et |
of them. | יֵינָֽם׃ | yênām | yay-NAHM |