Deuteronomy 17:20
जिस से वह अपने मन में घमण्ड करके अपने भाइयों को तुच्छ न जाने, और इन आज्ञाओं से न तो दाहिने मुड़े और न बाएं; जिस से कि वह और उसके वंश के लोग इस्राएलियों के मध्य बहुत दिनों तक राज्य करते रहें॥
Deuteronomy 17:20 in Other Translations
King James Version (KJV)
That his heart be not lifted up above his brethren, and that he turn not aside from the commandment, to the right hand, or to the left: to the end that he may prolong his days in his kingdom, he, and his children, in the midst of Israel.
American Standard Version (ASV)
that his heart be not lifted up above his brethren, and that he turn not aside from the commandment, to the right hand, or to the left: to the end that he may prolong his days in his kingdom, he and his children, in the midst of Israel.
Bible in Basic English (BBE)
So that his heart may not be lifted up over his countrymen, and he may not be turned away from the orders, to one side or the other: but that his life and the lives of his children may be long in his kingdom in Israel.
Darby English Bible (DBY)
that his heart be not lifted up above his brethren, and that he turn not aside from the commandment, to the right hand, or to the left; that he may prolong his days in his kingdom, he, and his sons, in the midst of Israel.
Webster's Bible (WBT)
That his heart may not be lifted above his brethren, and that he may not turn aside from the commandment to the right hand or to the left: to the end that he may prolong his days in his kingdom, he, and his children, in the midst of Israel.
World English Bible (WEB)
that his heart not be lifted up above his brothers, and that he not turn aside from the commandment, to the right hand, or to the left: to the end that he may prolong his days in his kingdom, he and his children, in the midst of Israel.
Young's Literal Translation (YLT)
so that his heart is not high above his brethren, and so as not to turn aside from the command, right or left, so that he prolongeth days over his kingdom, he and his sons, in the midst of Israel.
| That his heart | לְבִלְתִּ֤י | lĕbiltî | leh-veel-TEE |
| be not | רוּם | rûm | room |
| up lifted | לְבָבוֹ֙ | lĕbābô | leh-va-VOH |
| above his brethren, | מֵֽאֶחָ֔יו | mēʾeḥāyw | may-eh-HAV |
| aside not turn he that and | וּלְבִלְתִּ֛י | ûlĕbiltî | oo-leh-veel-TEE |
| ס֥וּר | sûr | soor | |
| from | מִן | min | meen |
| commandment, the | הַמִּצְוָ֖ה | hammiṣwâ | ha-meets-VA |
| to the right hand, | יָמִ֣ין | yāmîn | ya-MEEN |
| left: the to or | וּשְׂמֹ֑אול | ûśĕmōwl | oo-seh-MOVE-l |
| that end the to | לְמַעַן֩ | lĕmaʿan | leh-ma-AN |
| he may prolong | יַֽאֲרִ֨יךְ | yaʾărîk | ya-uh-REEK |
| his days | יָמִ֧ים | yāmîm | ya-MEEM |
| in | עַל | ʿal | al |
| his kingdom, | מַמְלַכְתּ֛וֹ | mamlaktô | mahm-lahk-TOH |
| he, | ה֥וּא | hûʾ | hoo |
| children, his and | וּבָנָ֖יו | ûbānāyw | oo-va-NAV |
| in the midst | בְּקֶ֥רֶב | bĕqereb | beh-KEH-rev |
| of Israel. | יִשְׂרָאֵֽל׃ | yiśrāʾēl | yees-ra-ALE |
Cross Reference
1 राजा 15:5
क्योंकि दाऊद वह किया करता था जो यहोवा की दृष्टि में ठीक था और हित्ती ऊरिय्याह की बात के सिवाय और किसी बात में यहोवा की किसी आज्ञा से जीवन भर कभी न मुड़ा।
व्यवस्थाविवरण 5:32
इसलिये तुम अपने परमेश्वर यहोवा की आज्ञा के अनुसार करने में चौकसी करना; न तो दाहिने मुड़ना और न बांए।
2 इतिहास 33:19
और उसकी प्रार्थना और वह कैसे सुनी गई, और उसका सारा पाप और विश्वासघात और उसने दीन होने से पहिले कहां कहां ऊंचे स्थान बनवाए, और अशेरा नाम और खुदी हुई मूत्तिर्यां खड़ी कराई, यह सब होशे के वचनों में जिखा है।
2 इतिहास 33:23
और जैसे उसका पिता मनश्शे यहोवा के साम्हने दीन हुआ, वैसे वह दीन न हुआ, वरन आमोन अधिक दोषी होता गया।
2 इतिहास 34:27
कि इसलिये कि तू वे बातें सुन कर दीन हुआ, और परमेश्वर के साम्हने अपना सिर नवाया, और उसकी बातें सुन कर जो उसने इस स्थान और इस के निवासियों के विरुद्ध कहीं, तू ने मेरे साम्हने अपना सिर नवाया, और वस्त्र फाड़ कर मेरे साम्हने रोया है, इस कारण मैं ने तेरी सुनी है; यहोवा की यही वाणी है।
भजन संहिता 19:11
और उन्हीं से तेरा दास चिताया जाता है; उनके पालन करने से बड़ा ही प्रतिफल मिलता है।
भजन संहिता 131:1
हे यहोवा, न तो मेरा मन गर्व से और न मेरी दृष्टि घमण्ड से भरी है; और जो बातें बड़ी और मेरे लिये अधिक कठिन हैं, उन से मैं काम नहीं रखता।
भजन संहिता 132:12
यदि तेरे वंश के लोग मेरी वाचा का पालन करें और जो चितौनी मैं उन्हें सिखाऊंगा, उस पर चलें, तो उनके वंश के लोग भी तेरी गद्दी पर युग युग बैठते चले जाएंगे।
नीतिवचन 10:27
यहोवा के भय मानने से आयु बढ़ती है, परन्तु दुष्टों का जीवन थोड़े ही दिनों का होता है।
नीतिवचन 27:24
क्योंकि सम्पत्ति सदा नहीं ठहरती; और क्या राजमुकुट पीढ़ी-पीढ़ी चला जाता है?
सभोपदेशक 8:13
परन्तु दुष्ट का भला नहीं होने का, और न उसकी जीवनरूपी छाया लम्बी होने पाएगी, क्योंकि वह परमेश्वर का भय नहीं मानता॥
यशायाह 2:12
क्योंकि सेनाओं के यहोवा का दिन सब घमण्डियों और ऊंची गर्दन वालों पर और उन्नति से फूलने वालों पर आएगा; और वे झुकाए जाएंगे;
दानिय्येल 5:20
परन्तु जब उसका मन फूल उठा, और उसकी आत्मा कठोर हो गई, यहां तक कि वह अभिमान करने लगा, तब वह अपने राजसिंहासन पर से उतारा गया, और उसकी प्रतिष्ठा भंग की गई;
हबक्कूक 2:4
देख, उसका मन फूला हुआ है, उसका मन सीधा नहीं है; परन्तु धर्मी अपने विश्वास के द्वारा जीवित रहेगा।
2 कुरिन्थियों 12:7
और इसलिये कि मैं प्रकाशों की बहुतायत से फूल न जाऊं, मेरे शरीर में एक कांटा चुभाया गया अर्थात शैतान का एक दूत कि मुझे घूँसे मारे ताकि मैं फूल न जाऊं।
1 पतरस 5:5
हे नवयुवकों, तुम भी प्राचीनों के आधीन रहो, वरन तुम सब के सब एक दूसरे की सेवा के लिये दीनता से कमर बान्धे रहो, क्योंकि परमेश्वर अभिमानियों का साम्हना करता है, परन्तु दीनों पर अनुग्रह करता है।
2 इतिहास 33:12
तब संकट में पड़ कर वह अपने परमेश्वर यहोवा को मानने लगा, और अपने पूर्वजों के परमेश्वर के साम्हने बहुत दीन हुआ, और उस से प्रार्थना की।
2 इतिहास 32:25
परन्तु हिजकिय्याह ने उस उपकार का बदला न दिया, क्योंकि उसका मन फूल उठा था। इस कारण उसका कोप उस पर और यहूदा और यरूशलेम पर भड़का।
व्यवस्थाविवरण 8:2
और स्मरण रख कि तेरा परमेश्वर यहोवा उन चालीस वर्षों में तुझे सारे जंगल के मार्ग में से इसलिये ले आया है, कि वह तुझे नम्र बनाए, और तेरी परीक्षा करके यह जान ले कि तेरे मन में क्या क्या है, और कि तू उसकी आज्ञाओं का पालन करेगा वा नहीं।
व्यवस्थाविवरण 8:13
और तेरी गाय-बैलों और भेड़-बकरियों की बढ़ती हो, और तेरा सोना, चांदी, और तेरा सब प्रकार का धन बढ़ जाए,
व्यवस्थाविवरण 12:25
तू उसे न खाना; इसलिये कि वह काम करने से जो यहोवा की दृष्टि में ठीक हैं तेरा और तेरे बाद तेरे वंश का भी भला हो।
व्यवस्थाविवरण 12:28
इन बातों को जिनकी आज्ञा मैं तुझे सुनाता हूं चित्त लगाकर सुन, कि जब तू वह काम करे जो तेरे परमेश्वर यहोवा की दृष्टि में भला और ठीक है, तब तेरा और तेरे बाद तेरे वंश का भी सदा भला होता रहे।
व्यवस्थाविवरण 12:32
जितनी बातों की मैं तुम को आज्ञा देता हूं उन को चौकस हो कर माना करना; और न तो कुछ उन में बढ़ाना और न उन में से कुछ घटाना॥
व्यवस्थाविवरण 17:11
व्यवस्था की जो बात वे तुझे बताएं, और न्याय की जो बात वे तुझ से कहें, उसी के अनुसार करना; जो बात वे तुझ को बाताएं उस से दाहिने वा बाएं न मुड़ना।
1 शमूएल 13:13
शमूएल ने शाऊल से कहा, तू ने मूर्खता का काम किया है; तू ने अपने परमेश्वर यहोवा की आज्ञा को नहीं माना; नहीं तो यहोवा तेरा राज्य इस्राएलियों के ऊपर सदा स्थिर रखता।
1 शमूएल 15:23
देख बलवा करना और भावी कहने वालों से पूछना एक ही समान पाप है, और हठ करना मूरतों और गृहदेवताओं की पूजा के तुल्य है। तू ने जो यहोवा की बात को तुच्छ जाना, इसलिये उसने तुझे राजा होने के लिये तुच्छ जाना है।
1 राजा 11:12
तौभी तेरे पिता दाऊद के कारण तेरे दिनो में तो ऐसा न करूंगा; परन्तु तेरे पुत्र के हाथ से राज्य छीन लूंगा।
1 राजा 11:34
तौभी मैं उसके हाथ से पूर्ण राज्य न ले लूंगा, परन्तु मेरा चुना हुआ दास दाऊद जो मेरी आज्ञाएं और विधियां मानता रहा, उसके कारण मैं उसको जीवन भर प्रधान ठहराए रखूंगा।
1 राजा 11:36
और उसके पुत्र को मैं एक गोत्र दूंगा, इसलिये कि यरूशलेम अर्थात उस नगर में जिसे अपना नाम रखने को मैं ने चुना है, मेरे दास दाऊद का दीपक मेरे साम्हने सदैव बना रहे।
2 राजा 10:30
और यहोवा ने येहू से कहा, इसलिये कि नू ने वह किया, जो मेरी दृष्टि में ठीक है, और अहाब के घराने से मेरी इच्छा के अनुसार बर्ताव किया है, तेरे पर पोते के पुत्र तक तेरी सन्तान इस्राएल की गद्दी पर विराजती रहेगी।
2 राजा 14:10
तू ने एदोमियों को जीता तो है इसलिये तू फूल उठा है। उसी पर बड़ाई मारता हुआ घर रह जा; तू अपनी हानि के लिये यहां क्यों हाथ उठाता है, जिस से तू क्या वरन यहूदा भी नीचा खाएगा?
2 इतिहास 25:19
तू कहता है, कि मैं ने एदोमियों को जीत लिया है; इस कारण तू फूल उठा और बड़ाई मारता है! अपने घर में रह जा; तू अपनी हानि के लिये यहां क्यों हाथ डालता है, इस से तू क्या, वरन यहूदा भी नीचा खाएगा।
2 इतिहास 26:16
परन्तु जब वह सामथीं हो गया, तब उसका मन फूल उठा; और उसने बिगड़ कर अपने परमेश्वर यहोवा का विश्वासघात किया, अर्थात वह धूप की वेदी पर धूप जलाने को यहोवा के मन्दिर में घुस गया।
व्यवस्थाविवरण 4:2
जो आज्ञा मैं तुम को सुनाता हूं उस में न तो कुछ बढ़ाना, और न कुछ घटाना; तुम्हारे परमेश्वर यहोवा की जो जो आज्ञा मैं तुम्हें सुनाता हूं उन्हें तुम मानना।