एस्तेर 1:4
और वह उन्हें बहुत दिन वरन एक सौ अस्सी दिन तक अपने राजविभव का धन और अपने माहात्म्य के अनमोल पदार्थ दिखाता रहा।
When he shewed | בְּהַרְאֹת֗וֹ | bĕharʾōtô | beh-hahr-oh-TOH |
אֶת | ʾet | et | |
riches the | עֹ֙שֶׁר֙ | ʿōšer | OH-SHER |
of his glorious | כְּב֣וֹד | kĕbôd | keh-VODE |
kingdom | מַלְכוּת֔וֹ | malkûtô | mahl-hoo-TOH |
honour the and | וְאֶ֨ת | wĕʾet | veh-ET |
of his excellent | יְקָ֔ר | yĕqār | yeh-KAHR |
majesty | תִּפְאֶ֖רֶת | tipʾeret | teef-EH-ret |
many | גְּדוּלָּת֑וֹ | gĕdûllātô | ɡeh-doo-la-TOH |
days, | יָמִ֣ים | yāmîm | ya-MEEM |
even an hundred | רַבִּ֔ים | rabbîm | ra-BEEM |
and fourscore | שְׁמוֹנִ֥ים | šĕmônîm | sheh-moh-NEEM |
days. | וּמְאַ֖ת | ûmĕʾat | oo-meh-AT |
יֽוֹם׃ | yôm | yome |