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TAMIL CHRISTIAN SONGS .IN
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Ezekiel 12 KJV ASV BBE DBY WBT WEB YLT

Ezekiel 12 in Hindi WBT Compare Webster's Bible

Ezekiel 12

1 फिर यहोवा का यह वचन मेरे पास पहुंचा,

2 हे मनुष्य के सन्तान, तू बलवा करने वाले घराने के बीच में रहता है, जिनके देखने के लिये आंखें तो हैं, परन्तु नहीं देखते; और सुनने के लिये कान तो हैं परन्तु नहीं सुनते; क्योंकि वे बलवा करने वाले घराने के हैं।

3 इसलिये हे मनुष्य के सन्तान दिन को बंधुआई का सामान, तैयार कर के उनके देखते हुए उठ जाना, उनके देखते हुए अपना स्थान छोड़ कर दूसरे स्थान को जाना। यद्यपि वे बलवा करने वाले घराने के हैं, तौभी सम्भव है कि वे ध्यान दें।

4 सो तू दिन को उनके देखते हुए बंधुआई के सामान की नाईं अपना सामान निकालना, और तब तू सांझ को बंधुआई में जाने वाले के समान उनके देखते हुए उठ जाना।

5 उनके देखते हुए भीत को फोड़कर उसी से अपना सामान निकालना।

6 उनके देखते हुए उसे अपने कंधे पर उठा कर अन्धेरे में निकालना, और अपना मुंह ढांपे रहना कि भूमि तुझे न देख पड़े; क्योंकि मैं ने तुझे इस्राएल के घराने के लिये एक चिन्ह ठहराया है।

7 उस आज्ञा के अनुसार मैं ने वैसा ही किया। दिन को मैं ने अपना सामान बंधुआई के सामान की नाईं निकाला, और सांझ को अपने हाथ से भीत को फोड़ा; फिर अन्धेरे में सामान को निकाल कर, उनके देखते हुए अपने कंधे पर उठाए हुए चला गया।

8 बिहान को यहोवा का यह वचन मेरे पास पहुंचा,

9 हे मनुष्य के सन्तान, क्या इस्राएल के घराने ने अर्थात उस बलवा करने वाले घराने ने तुझ से यह नहीं पूछा, कि यह तू क्या करता है?

10 तू उन से कह कि प्रभु यहोवा यों कहता है, यह प्रभावशाली वचन यरूशलेम के प्रधान पुरुष और इस्राएल के सारे घराने के विष्य में है जिसके बीच में वे रहते हैं।

11 तू उन से कह, मैं तुम्हारे लिये चिन्ह हूँ; जैसा मैं ने किया है, वैसा ही इस्राएली लोगों से भी किया जाएगा; उन को उठ कर बंधुआई में जाना पड़ेगा।

12 उनके बीच में जो प्रधान है, सो अन्धेरे में अपने कंधे पर बोझ उठाए हुए निकलेगा; वह अपना सामान निकालने के लिये भीत को फोड़ेगा, और अपना मुंह ढांपे रहेगा कि उसको भूमि न देख पड़े।

13 और मैं उस पर अपना जाल फैलाऊंगा, और वह मेरे फंदे में फंसेगा; और मैं उसे कसदियों के देश के बाबुल में पहुंचा दूंगा; यद्यपि वह उस नगर में मर जाएगा, तौभी उसको न देखेगा।

14 और जितने उसके सहायक उसके आस पास होंगे, उन को और उसकी सारी टोलियों को मैं सब दिशाओं में तितर-बितर कर दूंगा; और तलवार खींच कर उनके पीछे चलवाऊंगा।

15 और जब मैं उन्हे जाति जाति में तितर-बितर कर दूंगा, और देश देश में छिन्न भिन्न कर दूंगा, तब वे जान लेंगे कि मैं यहोवा हूँ।

16 परन्तु मैं उन में से थोड़े से लोगों को तलवार, भूख और मरी से बचा रखूंगा; और वे अपने घृणित काम उन जातियों में बखान करेंगे जिनके बीच में वे पहुंचेंगे; तब वे जान लेंगे कि मैं यहोवा हूँ।

17 तब यहोवा का यह वचन मेरे पास पहुंचा,

18 हे मनुष्य के सन्तान, कांपते हुए अपनी रोटी खाना और थरथराते और चिन्ता करते हुए अपना पानी पीना;

19 और इस देश के लोगों से यों कहना, कि प्रभु यहोवा यरूशलेम और इस्राएल के देश के निवासियों के विषय में यों कहता है, वे अपनी रोटी चिन्ता के साथ खाएंगे, और अपना पानी विस्मय के साथ पीएंगे; क्योंकि देश अपने सब रहने वालों के उपद्रव के कारण अपनी सारी भरपूरी से रहित हो जाएगा।

20 और बसे हुए नगर उजड़ जाएंगे, और देश भी उजाड़ हो जाएगा; तब तुम लोग जान लोगे कि मैं यहोवा हूँ।

21 फिर यहोवा का यह वचन मेरे पास पहुंचा,

22 हे मनुष्य के सन्तान यह क्या कहावत है जो तुम लोग इस्राएल के देश में कहा करते हो, कि दिन अधिक हो गए हैं, और दर्शन की कोई बात पूरी नहीं हुई?

23 इसलिये उन से कह, प्रभु यहोवा यों कहता है, मैं इस कहावत को बन्द करूंगा; और यह कहावत इस्राएल पर फिर न चलेगी। और तू उन से कह कि वह दिन निकट आ गया है, और दर्शन की सब बातें पूरी होने पर हैं।

24 क्योंकि इस्राएल के घराने में न तो और अधिक झूठे दर्शन की कोई बात और न कोई चिकनी-चुपड़ी बात फिर कही जाएगी।

25 क्योंकि मैं यहोवा हूँ; जब मैं बोलूं, तब जो वचन मैं कहूं, वह पूरा हो जाएगा। उस में विलम्ब न होगा, परन्तु, हे बलवा करने वाले घराने तुम्हारे ही दिनों में मैं वचन कहूंगा, और वह पूरा हो जाएगा, प्रभु यहोवा की यही वाणी है।

26 फिर यहोवा का यह वचन मेरे पास पहुंचा,

27 हे मनुष्य के सन्तान, देख, इस्राएल के घराने के लोग यह कह रहे हैं कि जो दर्शन वह देखता है, वह बहुत दिन के बाद पूरा होने वाला है; और कि वह दूर के समय के विषय में भविष्यद्वाणी करता है।

28 इसलिये तू उन से कह, प्रभु यहोवा यों कहता है, मेरे किसी वचन के पूरा होने में फिर विलम्ब न होगा, वरन जो वचन मैं कहूं, सो वह निश्चय पूरा होगा, प्रभु यहोवा की यही वाणी है।

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