Ezekiel 20:22
तौभी मैं ने हाथ खींच लिया, और अपने नाम के निमित्त ऐसा किया, कि उन जातियों के साम्हने जिनके देखते हुए मैं उन्हें निकाल लाया था, वे अपवित्र न ठहरे।
Ezekiel 20:22 in Other Translations
King James Version (KJV)
Nevertheless I withdrew mine hand, and wrought for my name's sake, that it should not be polluted in the sight of the heathen, in whose sight I brought them forth.
American Standard Version (ASV)
Nevertheless I withdrew my hand, and wrought for my name's sake, that it should not be profaned in the sight of the nations, in whose sight I brought them forth.
Bible in Basic English (BBE)
And I was acting for the honour of my name, so that it might not be made unclean in the eyes of the nations, before whose eyes I had taken them out.
Darby English Bible (DBY)
But I withdrew my hand, and wrought for my name's sake, that it should not be profaned in the sight of the nations, in whose sight I had brought them out.
World English Bible (WEB)
Nevertheless I withdrew my hand, and worked for my name's sake, that it should not be profaned in the sight of the nations, in whose sight I brought them forth.
Young's Literal Translation (YLT)
And I have turned back My hand, And I do `it' for My name's sake, Not to pollute `it' before the eyes of the nations, Before whose eyes I brought them out.
| Nevertheless I withdrew | וַהֲשִׁבֹ֙תִי֙ | wahăšibōtiy | va-huh-shee-VOH-TEE |
| אֶת | ʾet | et | |
| mine hand, | יָדִ֔י | yādî | ya-DEE |
| wrought and | וָאַ֖עַשׂ | wāʾaʿaś | va-AH-as |
| for my name's | לְמַ֣עַן | lĕmaʿan | leh-MA-an |
| sake, | שְׁמִ֑י | šĕmî | sheh-MEE |
| not should it that | לְבִלְתִּ֤י | lĕbiltî | leh-veel-TEE |
| be polluted | הֵחֵל֙ | hēḥēl | hay-HALE |
| in the sight | לְעֵינֵ֣י | lĕʿênê | leh-ay-NAY |
| heathen, the of | הַגּוֹיִ֔ם | haggôyim | ha-ɡoh-YEEM |
| in whose | אֲשֶׁר | ʾăšer | uh-SHER |
| sight | הוֹצֵ֥אתִי | hôṣēʾtî | hoh-TSAY-tee |
| I brought them forth. | אוֹתָ֖ם | ʾôtām | oh-TAHM |
| לְעֵינֵיהֶֽם׃ | lĕʿênêhem | leh-ay-nay-HEM |
Cross Reference
यहेजकेल 20:14
परन्तु मैं ने अपने नाम के निमित्त ऐसा किया कि वे उन जातियों के साम्हने, जिनके देखते मैं उन को निकाल लाया था, अपवित्र न ठहरे।
यहेजकेल 20:9
तौभी मैं ने अपने नाम के निमित्त ऐसा किया कि जिनके बीच वे थे, और जिनके देखते हुए मैं ने उन को मिस्र देश से निकलने के लिये अपने को उन पर प्रगट किया था उन जातियों के साम्हने वे अपवित्र न ठहरे।
यिर्मयाह 14:21
अपने नाम के निमित्त हमें न ठुकरा; अपने तेजोमय सिंहासन का अपमान न कर; जो वाचा तू ने हमारे साथ बान्धी, उसे स्मरण कर और उसे न तोड़।
यशायाह 48:9
अपने ही नाम के निमित्त मैं क्रोध करने में विलम्ब करता हूं, ओर अपनी महिमा के निमित्त अपने तईं रोक रखता हूं, ऐसा न हो कि मैं तुझे काट डालूं।
भजन संहिता 78:38
परन्तु वह जो दयालु है, वह अधर्म को ढांपता, और नाश नहीं करता; वह बारबार अपने क्रोध को ठण्डा करता है, और अपनी जलजलाहट को पूरी रीति से भड़कने नहीं देता।
यहेजकेल 20:17
तौभी मैं ने उन पर कृपा की दृष्टि की, और उन्हें नाश न किया, और न जंगल में पूरी रीति से उनका अन्त कर डाला।
यिर्मयाह 14:7
हे यहोवा, हमारे अधर्म के काम हमारे विरुद्ध साक्षी दे रहे हैं, हम तेरा संग छोड़ कर बहुत दूर भटक गए हैं, और हम ने तेरे विरुद्ध पाप किया है; तौभी, तू अपने नाम के निमित्त कुछ कर।
भजन संहिता 79:9
हे हमारे उद्धारकर्ता परमेश्वर, अपने नाम की महिमा के निमित हमारी सहायता कर; और अपने नाम के निमित हम को छुड़ा कर हमारे पापों को ढांप दे।
अय्यूब 13:21
अपनी ताड़ना मुझ से दूर कर ले, और अपने भय से मुझे भयभीत न कर।
दानिय्येल 9:19
हे प्रभु, सुन ले; हे प्रभु, पाप क्षमा कर; हे प्रभु, ध्यान देकर जो करता है उसे कर, विलम्ब न कर; हे मेरे परमेश्वर, तेरा नगर और तेरी प्रजा तेरी ही कहलाती है; इसलिये अपने नाम के निमित्त ऐसा ही कर॥
दानिय्येल 9:17
हे हमारे परमेश्वर, अपने दास की प्रार्थना और गिड़गड़ाहट सुनकर, अपने उजड़े हुए पवित्र स्थान पर अपने मुख का प्रकाश चमका; हे प्रभु, अपने नाम के निमित्त यह कर।
विलापगीत 2:8
यहोवा ने सिय्योन की कुमारी की शहरपनाह तोड़ डालने को ठाना था: उसने डोरी डाली और अपना हाथ उसे नाश करने से नहीं खींचा; उसने किले और शहरपनाह दोनों से विलाप करवाया, वे दोनों एक साथ गिराए गए हैं।
भजन संहिता 115:1
हे यहोवा, हमारी नहीं, हमारी नहीं, वरन अपने ही नाम की महिमा, अपनी करूणा और सच्चाई के निमित्त कर।
भजन संहिता 25:11
हे यहोवा अपने नाम के निमित्त मेरे अधर्म को जो बहुत हैं क्षमा कर॥