Skip to content
TAMIL CHRISTIAN SONGS .IN
TAMIL CHRISTIAN SONGS .IN
  • Lyrics
  • Chords
  • Bible
  • /
  • A
  • B
  • C
  • D
  • E
  • F
  • G
  • H
  • I
  • J
  • K
  • L
  • M
  • N
  • O
  • P
  • Q
  • R
  • S
  • T
  • U
  • V
  • W
  • X
  • Y
  • Z

Index
  • A
  • B
  • C
  • D
  • E
  • F
  • G
  • H
  • I
  • J
  • K
  • L
  • M
  • N
  • O
  • P
  • Q
  • R
  • S
  • T
  • U
  • V
  • W
  • X
  • Y
  • Z
Isaiah 10 KJV ASV BBE DBY WBT WEB YLT

Isaiah 10 in Hindi WBT Compare Webster's Bible

Isaiah 10

1 हाय उन पर जो दुष्टता से न्याय करते, और उन पर जो उत्पात करने की आज्ञा लिख देते हैं,

2 कि वे कंगालों का न्याय बिगाड़ें और मेरी प्रजा के दीन लोगों का हक मारें, कि वे विधवाओं को लूटें और अनाथों का माल अपना लें!

3 तुम दण्ड के दिन और उस आपत्ति के दिन जो दूर से आएगी क्या करोगे? तुम सहायता के लिये किसके पास भाग कर जाओगे?

4 और तुम अपने वैभव को कहां रख छोड़ोगे? वे केवल बंधुओं के पैरों के पास गिर पड़ेंगे और मरे हुओं के नीचे दबे पड़े रहेंगे। इतने पर भी उसका क्रोध शान्त नहीं हुआ और उसका हाथ अब तक बढ़ा हुआ है॥

5 अश्शूर पर हाय, जो मेरे क्रोध का लठ और मेरे हाथ में का सोंटा है! वह मेरा क्रोध है।

6 मैं उसको एक भक्तिहीन जाति के विरुद्ध भेजूंगा, और जिन लोगों पर मेरा रोष भड़का है उनके विरुद्ध उसको आज्ञा दूंगा कि छीन छान करे और लूट ले, और उन को सड़कों की कीच के समान लताड़े।

7 परन्तु उसकी ऐसी मनसा न होगी, न उसके मन में ऐसा विचार है; क्योंकि उसके मन में यही है कि मैं बहुत सी जातियों का नाश और अन्त कर डालूं।

8 क्योंकि वह कहता है, क्या मेरे सब हाकिम राजा के तुल्य नहीं है?

9 क्या कलनो कर्कमीश के समान नहीं है? क्या हमात अर्पद के और शोमरोन दमिश्क के समान नहीं?

10 जिस प्रकार मेरा हाथ मूरतों से भरे हुए उन राज्यों पर पहुंचा जिनकी मूरतें यरूशलेम और शोमरोन की मूरतों से बढ़कर थीं, और जिस प्रकार मैं ने शोमरोन और उसकी मूरतों से किया,

11 क्या उसी प्रकार मैं यरूशलेम से और उसकी मूरतों से भी न करूं?

12 इस कारण जब प्रभु सिय्योन पर्वत पर और यरूशलेम में अपना सब काम कर चुकेगा, तब मैं अश्शूर के राजा के गर्व की बातों का, और उसकी घमण्ड भरी आंखों का पलटा दूंगा।

13 उसने कहा है, अपने ही बाहुबल और बुद्धि से मैं ने यह काम किया है, क्योंकि मैं चतुर हूं; मैं ने देश देश के सिवानों को हटा दिया, और उनके रखे हुए धन को लूट लिया; मैं ने वीर की नाईं गद्दी पर विराजनेहारों को उतार दिया है।

14 देश देश के लोगों की धनसम्पत्ति, चिडिय़ों के घोंसलों की नाईं, मेरे हाथ आई है, और जैसे कोई छोड़े हुए अण्डों को बटोर ले वैसे ही मैं ने सारी पृथ्वी को बटोर लिया है; और कोई पंख फड़फड़ाने वा चोंच खोलने वा चीं चीं करने वाला न था॥

15 क्या कुल्हाड़ा उसके विरुद्ध जो उस से काटता हो डींग मारे, वा आरी उसके विरुद्ध जो उसे खींचता हो बड़ाई करे? क्या सोंटा अपने चलाने वाले को चलाए वा छड़ी उसे उठाए जो काठ नहीं है!

16 इस कारण प्रभु अर्थात सेनाओं का प्रभु उस राजा के हृष्टपुष्ट योद्धाओं को दुबला कर देगा, और उसके ऐश्वर्य के नीचे आग की सी जलन होगी।

17 इस्राएल की ज्योति तो आग ठहरेगी, और इस्राएल का पवित्र ज्वाला ठहरेगा; और वह उसके झाड़ झंखार को एक ही दीन में भस्म करेगा।

18 और जैसे रोगी के झीण हो जाने पर उसकी दशा होती है वैसी ही वह उसके वन और फलदाई बारी की शोभा पूरी रीति से नाश करेगा।

19 उस वन के वृक्ष इतने थोड़े रह जाएंगे कि लड़का भी उन को गिन कर लिख लेगा॥

20 उस समय इस्राएल के बचे हुए लोग और याकूब के घराने के भागे हुए, अपने मारने वाले पर फिर कभी भरोसा न रखेंगे, परन्तु यहोवा जो इस्राएल का पवित्र है, उसी पर वे सच्चाई से भरोसा रखेंगे।

21 याकूब में से बचे हुए लोग पराक्रमी परमेश्वर की ओर फिरेंगे।

22 क्योंकि हे इस्राएल, चाहे तेरे लोग समुद्र की बालू के किनकों के समान भी बहुत हों, तौभी निश्चय है कि उन में से केवल बचे लोग ही लौटेंगे। सत्यानाश तो पूरे न्याय के साथ ठाना गया है।

23 क्योंकि प्रभु सेनाओं के यहोवा ने सारे देश का सत्यानाश कर देना ठाना है॥

24 इसलिये प्रभु सेनाओं का यहोवा यों कहता है, हे सिय्योन में रहने वालों मेरी प्रजा, अश्शूर से मत डर; चाहे वह सोंटें से तुझे मारे और मिस्र की नाईं तेरे ऊपर छड़ी उठाएं।

25 क्योंकि अब थोड़ी ही देर है कि मेरी जलन और क्रोध उनका सत्यानाश कर के शान्त होगा

26 और सेनाओं का यहोवा उसके विरुद्ध कोड़ा उठा कर उसको ऐसा मारेगा जैसा उसने ओरेब नाम चट्टान पर मिद्यानियों को मारा था; और जैसा उसने मिस्रियों के विरुद्ध समुद्र पर लाठी बढ़ाई, वैसा ही उसकी ओर भी बढ़ाएगा।

27 उस समय ऐसा होगा कि उसका बोझ तेरे कंधे पर से और उसका जूआ तेरी गर्दन पर से उठा लिया जाएगा, और अभिषेक के कारण वह जूआ तोड़ डाला जाएगा॥

28 वह अय्यात् में आया है, और मिग्रोन में से हो कर आगे बढ़ गया है; मिकमाश में उसने अपना सामान रखा है।

29 वे घाटी से पार हो गए, उन्होंने गेबा में रात काटी; रामा थरथरा उठा है, शाऊल का गिबा भाग निकला है।

30 हे गल्लीम की बेटी चिल्ला! हे लैशा के लागों कान लगाओ! हाय बेचारा अनातोत!

31 मदमेना मारा मारा फिरता है, गेबीम के निवासी भागने के लिये अपना अपना समान इकट्टा कर रहे हैं।

32 आज ही के दिन वह नोब में टिकेगा; तब वह सिय्योन पहाड़ पर, और यरूशलेम की पहाड़ी पर हाथ उठा कर घमाकएगा।

33 देखो, प्रभु सेनाओं का यहोवा पेड़ों को भयानक रूप से छांट डालेगा; ऊँचे ऊँचे वृक्ष काटे जाएंगे, और जो ऊँचे हैं सो नीचे किए जाएंगे।

34 वह घने वन को लोहे से काट डालेगा और लबानोन एक प्रतापी के हाथ से नाश किया जाएगा॥

  • Tamil
  • Hindi
  • Malayalam
  • Telugu
  • Kannada
  • Gujarati
  • Punjabi
  • Bengali
  • Oriya
  • Nepali

By continuing to browse the site, you are agreeing to our use of cookies.

Close