Isaiah 14:27
क्योंकि सेनाओं के यहोवा ने युक्ति की है और कौन उसका टाल सकता है? उसका हाथ बढ़ाया गया है, उसे कौन रोक सकता है?
Isaiah 14:27 in Other Translations
King James Version (KJV)
For the LORD of hosts hath purposed, and who shall disannul it? and his hand is stretched out, and who shall turn it back?
American Standard Version (ASV)
For Jehovah of hosts hath purposed, and who shall annul it? and his hand is stretched out, and who shall turn it back?
Bible in Basic English (BBE)
For it is the purpose of the Lord of armies, and who will make it of no effect? when his hand is stretched out, by whom may it be turned back?
Darby English Bible (DBY)
For Jehovah of hosts hath purposed, and who shall frustrate [it]? And his hand is stretched out, and who shall turn it back?
World English Bible (WEB)
For Yahweh of Hosts has purposed, and who shall annul it? and his hand is stretched out, and who shall turn it back?
Young's Literal Translation (YLT)
For Jehovah of Hosts hath purposed, And who doth make void? And His hand that is stretched out, Who doth turn it back?'
| For | כִּֽי | kî | kee |
| the Lord | יְהוָ֧ה | yĕhwâ | yeh-VA |
| of hosts | צְבָא֛וֹת | ṣĕbāʾôt | tseh-va-OTE |
| purposed, hath | יָעָ֖ץ | yāʿāṣ | ya-ATS |
| and who | וּמִ֣י | ûmî | oo-MEE |
| shall disannul | יָפֵ֑ר | yāpēr | ya-FARE |
| hand his and it? | וְיָד֥וֹ | wĕyādô | veh-ya-DOH |
| is stretched out, | הַנְּטוּיָ֖ה | hannĕṭûyâ | ha-neh-too-YA |
| who and | וּמִ֥י | ûmî | oo-MEE |
| shall turn it back? | יְשִׁיבֶֽנָּה׃ | yĕšîbennâ | yeh-shee-VEH-na |
Cross Reference
यशायाह 43:13
मैं ही ईश्वर हूं और भविष्य में भी मैं ही हूं; मेरे हाथ से कोई छुड़ा न सकेगा; जब मैं काम करना चाहूं तब कौन मुझे रोक सकेगा॥
2 इतिहास 20:6
यह कहने लगा, कि हे हमारे पितरों के परमेश्वर यहोवा! क्या तू स्वर्ग में परमेश्वर नहीं है? और क्या तू जाति जाति के सब राज्यों के ऊपर प्रभुता नहीं करता? और क्या तेरे हाथ में ऐसा बल और पराक्रम नहीं है कि तेरा साम्हना कोई नहीं कर सकता?
नीतिवचन 21:30
यहोवा के विरूद्ध न तो कुछ बुद्धि, और न कुछ समझ, न कोई युक्ति चलती है।
भजन संहिता 33:11
यहोवा की युक्ति सर्वदा स्थिर रहेगी, उसके मन की कल्पनाएं पीढ़ी से पीढ़ी तक बनी रहेंगी।
अय्यूब 9:12
देखो, जब वह छीनने लगे, तब उसको कौन रोकेगा? कौन उस से कह सकता है कि तू यह क्या करता है?
रोमियो 8:31
सो हम इन बातों के विषय में क्या कहें? यदि परमेश्वर हमारी ओर है, तो हमारा विरोधी कौन हो सकता है?
रोमियो 8:28
और हम जानते हैं, कि जो लोग परमेश्वर से प्रेम रखते हैं, उन के लिये सब बातें मिलकर भलाई ही को उत्पन्न करती है; अर्थात उन्हीं के लिये जो उस की इच्छा के अनुसार बुलाए हुए हैं।
दानिय्येल 4:31
यह वचन राजा के मुंह से निकलने भी न पाया था कि आकाशवाणी हुई, हे राजा नबूकदनेस्सर तेरे विषय में यह आज्ञा निकलती है कि राज्य तेरे हाथ से निकल गया,
यिर्मयाह 51:59
यहूदा के राजा सिदकिय्याह के राज्य के चौथे वर्ष में जब उसके साथ सरायाह भी बाबुल को गया था, जो नेरिय्याह का पुत्र और महसेयाह का पोता और राजभवन का अधिकारी भी था,
यिर्मयाह 4:28
इस कारण पृथ्वी विलाप करेगी, और आकाश शोक का काला वस्त्र पहिनेगा; क्योंकि मैं ने ऐसा ही करने को ठाना और कहा भी है; मैं इस से नहीं पछताऊंगा और न अपने प्रण को छोड़ूंगा।
यशायाह 46:11
मैं पूर्व से एक उकाब पक्षी को अर्थात दूर देश से अपनी युक्ति के पूरा करने वाले पुरूष को बुलाता हूं। मैं ही ने यह बात कही है और उसे पूरी भी करूंगा; मैं ने यह विचार बान्धा है और उसे सफल भी करूंगा।
यशायाह 23:9
सेनाओं के यहोवा ही ने ऐसी युक्ति की है कि समस्त गौरव के घमण्ड को तुच्छ कर दे और पृथ्वी के प्रतिष्ठितों का अपमान करवाए।
यशायाह 9:12
और उनके शत्रुओं को अर्थात पहिले आराम को और तब पलिश्तियों को उभारेगा, और वे मुंह खोल कर इस्राएलियों को निगल लेंगे। इतने पर भी उसका क्रोध शान्त नहीं हुआ और उसका हाथ अब तक बढ़ा हुआ है॥
नीतिवचन 19:21
मनुष्य के मन में बहुत सी कल्पनाएं होती हैं, परन्तु जो युक्ति यहोवा करता है, वही स्थिर रहती है।
अय्यूब 23:13
परन्तु वह एक ही बात पर अड़ा रहता है, और कौन उसको उस से फिरा सकता है? जो कुछ उसका जी चाहता है वही वह करता है।
अय्यूब 40:8
क्या तू मेरा न्याय भी व्यर्थ ठहराएगा? क्या तू आप निर्दोष ठहरने की मनसा से मुझ को दोषी ठहराएगा?