Isaiah 19:20
वह मिस्र देश में सेनाओं के यहोवा के लिये चिन्ह और साक्षी ठहरेगा; और जब वे अंधेर करने वाले के कारण यहोवा की दोहाई देंगे, तब वह उनके पास एक उद्धारकर्ता और रक्षक भेजेगा, और उन्हें मुक्त करेगा।
Isaiah 19:20 in Other Translations
King James Version (KJV)
And it shall be for a sign and for a witness unto the LORD of hosts in the land of Egypt: for they shall cry unto the LORD because of the oppressors, and he shall send them a saviour, and a great one, and he shall deliver them.
American Standard Version (ASV)
And it shall be for a sign and for a witness unto Jehovah of hosts in the land of Egypt; for they shall cry unto Jehovah because of oppressors, and he will send them a saviour, and a defender, and he will deliver them.
Bible in Basic English (BBE)
And it will be a sign and a witness to the Lord of armies in the land of Egypt: when they are crying out to the Lord because of their cruel masters, then he will send them a saviour and a strong one to make them free.
Darby English Bible (DBY)
and it shall be for a sign and for a witness to Jehovah of hosts in the land of Egypt; for they shall cry unto Jehovah because of the oppressors, and he will send them a saviour and defender, who shall deliver them.
World English Bible (WEB)
It shall be for a sign and for a witness to Yahweh of Hosts in the land of Egypt; for they shall cry to Yahweh because of oppressors, and he will send them a savior, and a defender, and he will deliver them.
Young's Literal Translation (YLT)
And it hath been for a sign and for a testimony, To Jehovah of Hosts in the land of Egypt, For they cry unto Jehovah from the face of oppressors, And He sendeth to them a saviour, Even a great one, and hath delivered them.
| And it shall be | וְהָיָ֨ה | wĕhāyâ | veh-ha-YA |
| sign a for | לְא֥וֹת | lĕʾôt | leh-OTE |
| and for a witness | וּלְעֵ֛ד | ûlĕʿēd | oo-leh-ADE |
| Lord the unto | לַֽיהוָ֥ה | layhwâ | lai-VA |
| of hosts | צְבָא֖וֹת | ṣĕbāʾôt | tseh-va-OTE |
| land the in | בְּאֶ֣רֶץ | bĕʾereṣ | beh-EH-rets |
| of Egypt: | מִצְרָ֑יִם | miṣrāyim | meets-RA-yeem |
| for | כִּֽי | kî | kee |
| cry shall they | יִצְעֲק֤וּ | yiṣʿăqû | yeets-uh-KOO |
| unto | אֶל | ʾel | el |
| the Lord | יְהוָה֙ | yĕhwāh | yeh-VA |
| because | מִפְּנֵ֣י | mippĕnê | mee-peh-NAY |
| oppressors, the of | לֹֽחֲצִ֔ים | lōḥăṣîm | loh-huh-TSEEM |
| and he shall send | וְיִשְׁלַ֥ח | wĕyišlaḥ | veh-yeesh-LAHK |
| saviour, a them | לָהֶ֛ם | lāhem | la-HEM |
| and a great one, | מוֹשִׁ֥יעַ | môšîaʿ | moh-SHEE-ah |
| deliver shall he and | וָרָ֖ב | wārāb | va-RAHV |
| them. | וְהִצִּילָֽם׃ | wĕhiṣṣîlām | veh-hee-tsee-LAHM |
Cross Reference
निर्गमन 2:23
बहुत दिनों के बीतने पर मिस्र का राजा मर गया। और इस्राएली कठिन सेवा के कारण लम्बी लम्बी सांस ले कर आहें भरने लगे, और पुकार उठे, और उनकी दोहाई जो कठिन सेवा के कारण हुई वह परमेश्वर तक पहुंची।
तीतुस 2:13
और उस धन्य आशा की अर्थात अपने महान परमेश्वर और उद्धारकर्ता यीशु मसीह की महिमा के प्रगट होने की बाट जोहते रहें।
लूका 2:11
कि आज दाऊद के नगर में तुम्हारे लिये एक उद्धारकर्ता जन्मा है, और यही मसीह प्रभु है।
यशायाह 55:13
तब भटकटैयों की सन्ती सनौवर उगेंगे; और बिच्छु पेड़ों की सन्ती मेंहदी उगेगी; और इस से यहोवा का नाम होगा, जो सदा का चिन्ह होगा और कभी न मिटेगा।
यशायाह 52:5
इसलिये यहोवा की यह वाणी है कि मैं अब यहां क्या करूं जब कि मेरी प्रजा सेंतमेंत हर ली गई है? यहोवा यह भी कहता है कि जो उन पर प्रभुता करते हैं वे उधम मचा रहे हैं, और, मेरे नाम कि निन्दा लगातार दिन भर होती रहती है।
यशायाह 49:25
तौभी यहोवा यों कहता है, हां, वीर के बंधुए उस से छीन लिए जांएगे, और बलात्कारी का शिकार उसके हाथ से छुड़ा लिया जाएगा, क्योंकि जो तुझ से लड़ते हैं उन से मैं आप मुकद्दमा लडूंगा, और तेरे लड़के-बालों का मैं उद्धार करूंगा।
यशायाह 45:21
तुम प्रचार करो और उन को लाओ; हां, वे आपस में सम्मति करें किस ने प्राचीनकाल से यह प्रगट किया? किस ने प्राचीनकाल में इसकी सूचना पहिले ही से दी? क्या मैं यहोवा ही ने यह नहीं किया? इसलिये मुझे छोड़ कोई और दूसरा परमेश्वर नहीं है, धर्मी और उद्धारकर्ता ईश्वर मुझे छोड़ और कोई नहीं है॥
यशायाह 37:36
तब यहोवा के दूत ने निकलकर अश्शूरियों की छावनी में एक लाख पचासी हजार पुरूषों को मारा; और भोर को जब लोग सवेरे उठे तब क्या देखा कि लोथ ही लोथ पड़ी हैं।
यशायाह 20:4
उसी प्रकार अश्शूर का राजा मिस्री और कूश के लोगों को बंधुआ कर के देश-निकाल करेगा, क्या लड़के क्या बूढ़े, सभों को बंधुए कर के उघाड़े और नंगे पांव और नितम्ब खुले ले जाएगा, जिस से मिस्र लज्जित हो।
यशायाह 19:4
परन्तु मैं मिस्रियों को एक कठोर स्वामी के हाथ में कर दूंगा; और एक क्रूर राजा उन पर प्रभुता करेगा, प्रभु सेनाओं के यहोवा की यही वाणी है॥
भजन संहिता 50:15
और संकट के दिन मुझे पुकार; मैं तुझे छुड़ाऊंगा, और तू मेरी महिमा करने पाएगा॥
2 राजा 13:4
तब यहोआहाज यहोवा के साम्हने गिड़गिड़ाया और यहोवा ने उसकी सुन ली; क्योंकि उसने इस्राएल पर अन्धेर देखा कि अराम का राजा उन पर कैसा अन्धेर करता था।
यहोशू 24:26
यह सारा वृत्तान्त यहोशू ने परमेश्वर की व्यवस्था की पुस्तक में लिख दिया; और एक बड़ा पत्थर चुनकर वहां उस बांज वृक्ष के तले खड़ा किया, जो यहोवा के पवित्र स्थान में था।
यहोशू 22:34
और रूबेनियों और गादियों ने यह कहकर, कि यह वेदी हमारे और उनके मध्य में इस बात का साक्षी ठहरी है, कि यहोवा ही परमेश्वर है: उस वेदी का नाम एद रखा॥
यहोशू 22:27
परन्तु इसलिये कि हमारे और तुम्हारे, और हमारे बाद हमारे और तुम्हारे वंश के बीच में साक्षी का काम दे; इसलिये कि हम होमबलि, मेलबलि, और बलिदान चढ़ाकर यहोवा के सम्मुख उसकी उपासना करें; और भविष्य में तुम्हारी सन्तान हमारी सन्तान से यह न कहने पाए, कि यहोवा में तुम्हारा कोई भाग नहीं।
यहोशू 4:20
और जो बारह पत्थर यरदन में से निकाले गए थे, उन को यहोशू ने गिलगाल में खड़े किए।
निर्गमन 3:7
फिर यहोवा ने कहा, मैं ने अपक्की प्रजा के लोग जो मिस्र में हैं उनके दु:ख को निश्चय देखा है, और उनकी जो चिल्लाहट परिश्र्म करानेवालोंके कारण होती है उसको भी मैं ने सुना है, और उनकी पीड़ा पर मैं ने चित्त लगाया है ;
याकूब 5:4
देखो, जिन मजदूरों ने तुम्हारे खेत काटे, उन की वह मजदूरी जो तुम ने धोखा देकर रख ली है चिल्ला रही है, और लवने वालों की दोहाई, सेनाओं के प्रभु के कानों तक पहुंच गई है।