यशायाह 2:2
अन्त के दिनों में ऐसा होगा कि यहोवा के भवन का पर्वत सब पहाड़ों पर दृढ़ किया जाएगा, और सब पहाडिय़ों से अधिक ऊंचा किया जाएगा; और हर जाति के लागे धारा की नाईं उसकी ओर चलेंगें।
And pass to come shall it | וְהָיָ֣ה׀ | wĕhāyâ | veh-ha-YA |
in the last | בְּאַחֲרִ֣ית | bĕʾaḥărît | beh-ah-huh-REET |
days, | הַיָּמִ֗ים | hayyāmîm | ha-ya-MEEM |
mountain the that | נָכ֨וֹן | nākôn | na-HONE |
of the Lord's | יִֽהְיֶ֜ה | yihĕye | yee-heh-YEH |
house | הַ֤ר | har | hahr |
shall be | בֵּית | bêt | bate |
established | יְהוָה֙ | yĕhwāh | yeh-VA |
top the in | בְּרֹ֣אשׁ | bĕrōš | beh-ROHSH |
of the mountains, | הֶהָרִ֔ים | hehārîm | heh-ha-REEM |
and shall be exalted | וְנִשָּׂ֖א | wĕniśśāʾ | veh-nee-SA |
hills; the above | מִגְּבָע֑וֹת | miggĕbāʿôt | mee-ɡeh-va-OTE |
and all | וְנָהֲר֥וּ | wĕnāhărû | veh-na-huh-ROO |
nations | אֵלָ֖יו | ʾēlāyw | ay-LAV |
shall flow | כָּל | kāl | kahl |
unto | הַגּוֹיִֽם׃ | haggôyim | ha-ɡoh-YEEM |