Isaiah 27:10
क्योंकि गढ़वाला नगर निर्जन हुआ है, वह छोड़ी हुई बस्ती के समान निर्जन और जंगल हो गया है; वहां बछड़े चरेंगे और वहीं बैठेंगे, और पेड़ों की डालियों की फुनगी को खा लेंगे।
Isaiah 27:10 in Other Translations
King James Version (KJV)
Yet the defenced city shall be desolate, and the habitation forsaken, and left like a wilderness: there shall the calf feed, and there shall he lie down, and consume the branches thereof.
American Standard Version (ASV)
For the fortified city is solitary, a habitation deserted and forsaken, like the wilderness: there shall the calf feed, and there shall he lie down, and consume the branches thereof.
Bible in Basic English (BBE)
For the strong town is without men, an unpeopled living-place; and she has become a waste land: there the young ox will take his rest, and its branches will be food for him.
Darby English Bible (DBY)
For the fortified city is solitary, a habitation abandoned and forsaken like a wilderness; there shall the calf feed, and there shall he lie down, and consume its boughs.
World English Bible (WEB)
For the fortified city is solitary, a habitation deserted and forsaken, like the wilderness: there shall the calf feed, and there shall he lie down, and consume the branches of it.
Young's Literal Translation (YLT)
For the fenced city `is' alone, A habitation cast out and forsaken as a wilderness, There doth the calf delight, And there it lieth down, And hath consumed its branches.
| Yet | כִּ֣י | kî | kee |
| the defenced | עִ֤יר | ʿîr | eer |
| city | בְּצוּרָה֙ | bĕṣûrāh | beh-tsoo-RA |
| shall be desolate, | בָּדָ֔ד | bādād | ba-DAHD |
| habitation the and | נָוֶ֕ה | nāwe | na-VEH |
| forsaken, | מְשֻׁלָּ֥ח | mĕšullāḥ | meh-shoo-LAHK |
| and left | וְנֶעֱזָ֖ב | wĕneʿĕzāb | veh-neh-ay-ZAHV |
| like a wilderness: | כַּמִּדְבָּ֑ר | kammidbār | ka-meed-BAHR |
| there | שָׁ֣ם | šām | shahm |
| shall the calf | יִרְעֶ֥ה | yirʿe | yeer-EH |
| feed, | עֵ֛גֶל | ʿēgel | A-ɡel |
| and there | וְשָׁ֥ם | wĕšām | veh-SHAHM |
| down, lie he shall | יִרְבָּ֖ץ | yirbāṣ | yeer-BAHTS |
| and consume | וְכִלָּ֥ה | wĕkillâ | veh-hee-LA |
| the branches | סְעִפֶֽיהָ׃ | sĕʿipêhā | seh-ee-FAY-ha |
Cross Reference
यशायाह 17:2
अरोएर के नगर निर्जन हो जाएंगे, वे पशुओं के झुण्ड़ोंकी चराई बनेंगे; पशु उन में बैठेंगे और उनका कोई भगाने वाला न होगा।
मीका 3:12
इसलिये तुम्हारे कारण सिय्योन जोत कर खेत बनाया जाएगा, और यरूशलेम डीह ही डीह हो जाएगा, और जिस पर्वत पर भवन बना है, वह वन के ऊंचे स्थान सा हो जाएगा॥
यिर्मयाह 26:18
यहूदा के राजा हिजकिय्याह के दिनों में मोरसेती मीकायाह भविष्यद्वाणी कहता था, उसने यहूदा के सारे लोगों से कहा, सेनाओं का यहोवा यों कहता है कि सिय्योन जोतकर खेत बनाया जाएगा और यरूशलेम खएडहर हो जाएगा, और भवन वाला पर्वत जंगली स्थान हो जाएगा।
यिर्मयाह 26:6
तो मैं इस भवन को शीलो के समान उजाड़ दूंगा, और इस नगर का ऐसा सत्यानाश कर दूंगा कि पृथ्वी की सारी जातियों के लोग उसकी उपमा दे देकर शाप दिया करेंगे।
यशायाह 32:13
मेरे लोगों के वरन प्रसन्न नगर के सब हर्ष भरे घरों में भी भांति भांति के कटीले पेड़ उपजेंगे।
यशायाह 17:9
उस समय उनके गढ़ वाले नगर घने वन, और उनके निर्जन स्थान पहाड़ों की चोटियों के समान होंगे जो इस्राएलियों के डर के मारे छोड़ दिए गए थे, और वे उजाड़ पड़े रहेंगे॥
लूका 21:20
जब तुम यरूशलेम को सेनाओं से घिरा हुआ देखो, तो जान लेना कि उसका उजड़ जाना निकट है।
लूका 19:43
क्योंकि वे दिन तुझ पर आएंगे कि तेरे बैरी मोर्चा बान्धकर तुझे घेर लेंगे, और चारों ओर से तुझे दबाएंगे।
यहेजकेल 36:4
इस कारण, हे इस्राएल के पहाड़ो, परमेश्वर यहोवा का वचन सुनो, परमेश्वर यहोवा तुम से यों कहता है, अर्थात पहाड़ों और पहाडिय़ों से और नालों और तराइयों से, और उजड़े हुए खण्डहरों और निर्जन नगरों से जो चारों ओर की बची हुई जातियों से लुट गए और उनके हंसने के कारण हो गए हैं;
विलापगीत 5:18
क्योंकि सिय्योन पर्वत उजाड़ पड़ा है; उस में सियार घूमते हैं।
विलापगीत 2:5
यहोवा शत्रु बन गया, उसने इस्राएल को निगल लिया; उसके सारे भवनों को उसने मिटा दिया, और उसके दृढ़ गढ़ों को नष्ट कर डाला है; और यहूदा की पुत्री का रोना-पीटना बहुत बढ़ाया है।
विलापगीत 1:4
सिय्योन के मार्ग विलाप कर रहे हैं, क्योंकि नियत पर्वों में कोई नहीं आता है; उसके सब फाटक सुनसान पड़े हैं, उसके याजक कराहते हैं; उसकी कुमारियां शोकित हैं, और वह आप कठिन दु:ख भोग रही है।
यशायाह 64:10
देख, तेरे पवित्र नगर जंगल हो गए, सिय्योन सुनसान हो गया है, यरूशलेम उजड़ गया है।
यशायाह 25:2
तू ने नगर को डीह, और उस गढ़ वाले नगर को खण्डहर कर डाला है; तू ने परदेशियों की राजपुरी को ऐसा उजाड़ा कि वह नगर नहीं रहा; वह फिर कभी बसाया न जाएगा।
यशायाह 7:25
और जितने पहाड़ कुदाल से खोदे जाते हैं, उन सभों पर कटीले पेड़ों के डर के मारे कोई न जाएगा, वे गाये बैलों के चरने के, और भेड़ बकरियों के रौंदने के लिये होंगे॥
यशायाह 6:11
तब मैं ने पूछा, हे प्रभु कब तक? उसने कहा, जब तक नगर न उजड़े और उन में कोई रह न जाए, और घरों में कोई मनुष्य न रह जाए, और देश उजाड़ और सुनसान हो जाए,
यशायाह 5:9
सेनाओं के यहोवा ने मेरे सुनते कहा है: निश्चय बहुत से घर सुनसान हो जाएंगे, और बड़ें बड़े और सुन्दर घर निर्जन हो जाएंगे।