Isaiah 30:7
क्योंकि मिस्र की सहायता व्यर्थ और निकम्मी है, इस कारण मैं ने उसको बैठी रहने वाली रहब कहा है॥
Isaiah 30:7 in Other Translations
King James Version (KJV)
For the Egyptians shall help in vain, and to no purpose: therefore have I cried concerning this, Their strength is to sit still.
American Standard Version (ASV)
For Egypt helpeth in vain, and to no purpose: therefore have I called her Rahab that sitteth still.
Bible in Basic English (BBE)
For there is no use or purpose in the help of Egypt: so I have said about her, She is Rahab, who has come to an end.
Darby English Bible (DBY)
For Egypt shall help in vain, and to no purpose; therefore have I named her, Arrogance, that doeth nothing.
World English Bible (WEB)
For Egypt helps in vain, and to no purpose: therefore have I called her Rahab who sits still.
Young's Literal Translation (YLT)
Yea, Egyptians `are' vanity, and in vain do help, Therefore I have cried concerning this: `Their strength `is' to sit still.'
| For the Egyptians | וּמִצְרַ֕יִם | ûmiṣrayim | oo-meets-RA-yeem |
| shall help | הֶ֥בֶל | hebel | HEH-vel |
| vain, in | וָרִ֖יק | wārîq | va-REEK |
| and to no purpose: | יַעְזֹ֑רוּ | yaʿzōrû | ya-ZOH-roo |
| therefore | לָכֵן֙ | lākēn | la-HANE |
| have I cried | קָרָ֣אתִי | qārāʾtî | ka-RA-tee |
| concerning this, | לָזֹ֔את | lāzōt | la-ZOTE |
| Their | רַ֥הַב | rahab | RA-hahv |
| strength | הֵ֖ם | hēm | hame |
| is to sit still. | שָֽׁבֶת׃ | šābet | SHA-vet |
Cross Reference
निर्गमन 14:13
मूसा ने लोगों से कहा, डरो मत, खड़े खड़े वह उद्धार का काम देखो, जो यहोवा आज तुम्हारे लिये करेगा; क्योंकि जिन मिस्रियों को तुम आज देखते हो, उन को फिर कभी न देखोगे।
विलापगीत 3:26
यहोवा से उद्धार पाने की आशा रख कर चुपचाप रहना भला है।
यिर्मयाह 37:7
इस्राएल का परमेश्वर यहोवा यों कहता है, यहुदा के जिस राजा ने तुम को प्रार्थना करने के लिये मेरे पास भेजा है, उस से यों कहो, कि देख, फिरौन की जो सेना तुम्हारी सहायता के लिये निकली है वह अपने देश मिस्र में लौट जाएगी।
यशायाह 51:9
हे यहोवा की भुजा, जाग! जाग और बल धारण कर; जैसे प्राचीनकाल में और बीते हुए पीढिय़ों में, वैसे ही अब भी जाग। क्या तू वही नहीं है जिसने रहब को टुकड़े टुकड़े किया और मगरमच्छ को छेदा?
यशायाह 31:1
हाय उन पर जो सहायता पाने के लिये मिस्र को जाते हैं और घोड़ों का आसरा करते हैं; जो रथों पर भरोसा रखते क्योंकि वे बहुत हैं, और सवारों पर, क्योंकि वे अति बलवान हैं, पर इस्राएल के पवित्र की ओर दृष्टि नहीं करते और न यहोवा की खोज करते हैं!
यशायाह 30:15
प्रभु यहोवा, इस्राएल का पवित्र यों कहता है, लौट आने और शान्त रहने में तुम्हारा उद्धार है; शान्त रहते और भरोसा रखने में तुम्हारी वीरता है। परन्तु तुम ने ऐसा नहीं किया,
यशायाह 28:12
जिन से उसने कहा, विश्राम इसी से मिलेगा; इसी के द्वारा थके हुए को विश्राम दो; परन्तु उन्होंने सुनना न चाहा।
यशायाह 7:4
और उस से कह, सावधान और शान्त हो; और उन दोनों धूंआं निकलती लुकटियों से अर्थात रसीन और अरामियों के भड़के हुए कोप से, और रमल्याह के पुत्र से मत डर, और न तेरा मन कच्चा हो।
यशायाह 2:22
सो तुम मनुष्य से परे रहो जिसकी श्वास उसके नथनों में है, क्योंकि उसका मूल्य है ही क्या?
भजन संहिता 118:8
यहोवा की शरण लेनी, मनुष्य पर भरोसा रखने से उत्तम है।
भजन संहिता 76:8
तू ने स्वर्ग से निर्णय सुनाया है; पृथ्वी उस समय सुनकर डर गई, और चुप रही,
होशे 5:13
जब एप्रैम ने अपना रोग और यहूदा ने अपना घाव देखा, तब एप्रैम अश्शूर के पास गया, और यारेब के राजा को कहला भेजा। परन्तु ना वह तुम्हें चंगा कर सकता और ना तुम्हारा घाव अच्छा कर सकता है।