Isaiah 41:18
मैं मुण्डे टीलों से भी नदियां और मैदानों के बीच में सोते बहऊंगा; मैं जंगल को ताल और निर्जल देश को सोते ही सोते कर दूंगा।
Isaiah 41:18 in Other Translations
King James Version (KJV)
I will open rivers in high places, and fountains in the midst of the valleys: I will make the wilderness a pool of water, and the dry land springs of water.
American Standard Version (ASV)
I will open rivers on the bare heights, and fountains in the midst of the valleys; I will make the wilderness a pool of water, and the dry land springs of water.
Bible in Basic English (BBE)
I will make rivers on the dry mountain-tops, and fountains in the valleys: I will make the waste land a pool of water, and the dry land springs of water.
Darby English Bible (DBY)
I will open rivers on the bare heights, and fountains in the midst of the valleys; I will make the wilderness into a pool of water, and the dry land into water-springs.
World English Bible (WEB)
I will open rivers on the bare heights, and springs in the midst of the valleys; I will make the wilderness a pool of water, and the dry land springs of water.
Young's Literal Translation (YLT)
I open on high places rivers, And in midst of valleys fountains, I make a wilderness become a pond of water, And a dry land become springs of water.
| I will open | אֶפְתַּ֤ח | ʾeptaḥ | ef-TAHK |
| rivers | עַל | ʿal | al |
| in | שְׁפָיִים֙ | šĕpāyîm | sheh-fa-YEEM |
| high places, | נְהָר֔וֹת | nĕhārôt | neh-ha-ROTE |
| fountains and | וּבְת֥וֹךְ | ûbĕtôk | oo-veh-TOKE |
| in the midst | בְּקָע֖וֹת | bĕqāʿôt | beh-ka-OTE |
| of the valleys: | מַעְיָנ֑וֹת | maʿyānôt | ma-ya-NOTE |
| make will I | אָשִׂ֤ים | ʾāśîm | ah-SEEM |
| the wilderness | מִדְבָּר֙ | midbār | meed-BAHR |
| a pool | לַאֲגַם | laʾăgam | la-uh-ɡAHM |
| of water, | מַ֔יִם | mayim | MA-yeem |
| dry the and | וְאֶ֥רֶץ | wĕʾereṣ | veh-EH-rets |
| land | צִיָּ֖ה | ṣiyyâ | tsee-YA |
| springs | לְמוֹצָ֥אֵי | lĕmôṣāʾê | leh-moh-TSA-ay |
| of water. | מָֽיִם׃ | māyim | MA-yeem |
Cross Reference
यशायाह 35:6
तब लंगड़ा हरिण की सी चौकडिय़ां भरेगा और गूंगे अपनी जीभ से जयजयकार करेंगे। क्योंकि जंगल में जल के सोते फूट निकलेंगे और मरूभूमि में नदियां बहने लगेंगी
यशायाह 30:25
और उस महासंहार के समय जब गुम्मट गिर पड़ेंगे, सब ऊंचे ऊंचे पहाड़ों और पहाडिय़ों पर नालियां और सोते पाए जाएंगे।
भजन संहिता 107:35
वह जंगल को जल का ताल, और निर्जल देश को जल के सोते कर देता है।
यहेजकेल 47:1
फिर वह मुझे भवन के द्वार पर लौटा ले गया; और भवन की डेवढ़ी के नीचे से एक सोता निकलकर पूर्व ओर बह रहा था। भवन का द्वार तो पूर्वमुखी था, और सोता भवन के पूर्व और वेदी के दक्खिन, नीचे से निकलता था।
यशायाह 58:11
और यहोवा तुझे लगातार लिए चलेगा, और काल के समय तुझे तृप्त और तेरी हड्डियों को हरी भरी करेगा; और तू सींची हुई बारी और ऐसे सोते के समान होगा जिसका जल कभी नहीं सूखता।
प्रकाशित वाक्य 22:1
फिर उस ने मुझे बिल्लौर की सी झलकती हुई, जीवन के जल की एक नदी दिखाई, जो परमेश्वर और मेंम्ने के सिंहासन से निकल कर उस नगर की सड़क के बीचों बीच बहती थी।
प्रकाशित वाक्य 7:17
क्योंकि मेम्ना जो सिंहासन के बीच में है, उन की रखवाली करेगा; और उन्हें जीवन रूपी जल के सोतों के पास ले जाया करेगा, और परमेश्वर उन की आंखों से सब आंसू पोंछ डालेगा॥
जकर्याह 14:8
उस समय यरूशलेम से बहता हुआ जल फूट निकलेगा उसकी एक शाखा पूरब के ताल और दूसरी पच्छिम के समुद्र की ओर बहेगी, और धूप के दिनों में और जाड़े के दिनों में भी बराबर बहती रहेंगी॥
योएल 3:18
और उस समय पहाड़ों से नया दाखमधु टपकने लगेगा, और टीलों से दूध बहने लगेगा, और यहूदा देश के सब नाले जल से भर जाएंगे; और यहोवा के भवन में से एक सोता फूट निकलेगा, जिस से शित्तीम का नाम नाला सींचा जाएगा॥
यशायाह 49:9
और जो अन्धियारे में हैं उन से कहे, अपने आप को दिखलाओ! वे मार्गों के किनारे किनारे पेट भरने पाएंगे, सब मुण्डे टीलों पर भी उन को चराई मिलेगी।
यशायाह 48:21
जब वह उन्हें निर्जल देशों में ले गया, तब वे प्यासे न हुए; उसने उनके लिये चट्टान में से पानी निकाला; उसने चट्टान को चीरा और जल बह निकला।
यशायाह 44:3
क्योंकि मैं प्यासी भूमि पर जल और सूखी भूमि पर धाराएं बहाऊंगा; मैं तेरे वंश पर अपनी आत्मा और तेरी सन्तान पर अपनी आशीष उण्डेलूंगा।
यशायाह 43:19
देखो, मैं एक नई बात करता हूं; वह अभी प्रगट होगी, क्या तुम उस से अनजान रहोगे? मैं जंगल में एक मार्ग बनाऊंगा और निर्जल देश में नदियां बहाऊंगा।
यशायाह 32:2
हर एक मानो आंधी से छिपने का स्थान, और बौछार से आड़ होगा; या निर्जल देश में जल के झरने, व तप्त भूमि में बड़ी चट्टान की छाया।
यशायाह 12:3
तुम आनन्द पूर्वक उद्धार के सोतों से जल भरोगे।
भजन संहिता 105:41
उसने चट्टान फाड़ी तब पानी बह निकला; और निर्जल भूमि पर नदी बहने लगी।
भजन संहिता 78:15
वह जंगल में चट्टानें फाड़कर, उन को मानो गहिरे जलाशयों से मनमाने पिलाता था।
भजन संहिता 46:4
एक नदी है जिसकी नहरों से परमेश्वर के नगर में अर्थात परमप्रधान के पवित्र निवास भवन में आनन्द होता है।