Isaiah 42:5
ईश्वर जो आकाश का सृजने और तानने वाला है, जो उपज सहित पृथ्वी का फैलाने वाला और उस पर के लोगों को सांस और उस पर के चलने वालों को आत्मा देने वाला यहावो है, वह यों कहता है:
Isaiah 42:5 in Other Translations
King James Version (KJV)
Thus saith God the LORD, he that created the heavens, and stretched them out; he that spread forth the earth, and that which cometh out of it; he that giveth breath unto the people upon it, and spirit to them that walk therein:
American Standard Version (ASV)
Thus saith God Jehovah, he that created the heavens, and stretched them forth; he that spread abroad the earth and that which cometh out of it; he that giveth breath unto the people upon it, and spirit to them that walk therein:
Bible in Basic English (BBE)
God the Lord, even he who made the heavens, measuring them out on high; stretching out the earth, and giving its produce; he who gives breath to the people on it, and life to those who go about on it, says:
Darby English Bible (DBY)
Thus saith ùGod, Jehovah, he that created the heavens and stretched them out, he that spread forth the earth and its productions, he that giveth breath unto the people upon it, and spirit to them that walk therein:
World English Bible (WEB)
Thus says God Yahweh, he who created the heavens, and stretched them forth; he who spread abroad the earth and that which comes out of it; he who gives breath to the people on it, and spirit to those who walk therein:
Young's Literal Translation (YLT)
Thus said God, Jehovah, preparing The heavens, and stretching them out, Spreading out the earth and its productions, Giving breath to the people on it, And spirit to those walking in it.
| Thus | כֹּֽה | kō | koh |
| saith | אָמַ֞ר | ʾāmar | ah-MAHR |
| God | הָאֵ֣ל׀ | hāʾēl | ha-ALE |
| the Lord, | יְהוָ֗ה | yĕhwâ | yeh-VA |
| created that he | בּוֹרֵ֤א | bôrēʾ | boh-RAY |
| the heavens, | הַשָּׁמַ֙יִם֙ | haššāmayim | ha-sha-MA-YEEM |
| out; them stretched and | וְנ֣וֹטֵיהֶ֔ם | wĕnôṭêhem | veh-NOH-tay-HEM |
| forth spread that he | רֹקַ֥ע | rōqaʿ | roh-KA |
| the earth, | הָאָ֖רֶץ | hāʾāreṣ | ha-AH-rets |
| out cometh which that and | וְצֶאֱצָאֶ֑יהָ | wĕṣeʾĕṣāʾêhā | veh-tseh-ay-tsa-A-ha |
| of it; he that giveth | נֹתֵ֤ן | nōtēn | noh-TANE |
| breath | נְשָׁמָה֙ | nĕšāmāh | neh-sha-MA |
| people the unto | לָעָ֣ם | lāʿām | la-AM |
| upon | עָלֶ֔יהָ | ʿālêhā | ah-LAY-ha |
| it, and spirit | וְר֖וּחַ | wĕrûaḥ | veh-ROO-ak |
| walk that them to | לַהֹלְכִ֥ים | lahōlĕkîm | la-hoh-leh-HEEM |
| therein: | בָּֽהּ׃ | bāh | ba |
Cross Reference
यशायाह 45:18
क्योंकि यहोवा जो आकाश का सृजनहार है, वही परमेश्वर है; उसी ने पृथ्वी को रचा और बनाया, उसी ने उसको स्थिर भी किया; उसने उसे सुनसान रहने के लिये नहीं परन्तु बसने के लिये उसे रचा है। वही यों कहता है, मैं यहोवा हूं, मेरे सिवा दूसरा और कोई नहीं है।
यशायाह 45:12
मैं ही ने पृथ्वी को बनाया और उसके ऊपर मनुष्यों को सृजा है; मैं ने अपने ही हाथों से आकाश को ताना और उसके सारे गणों को आज्ञा दी है।
प्रेरितों के काम 17:25
न किसी वस्तु का प्रयोजन रखकर मनुष्यों के हाथों की सेवा लेता है, क्योंकि वह तो आप ही सब को जीवन और स्वास और सब कुछ देता है।
भजन संहिता 24:1
पृथ्वी और जो कुछ उस में है यहोवा ही का है; जगत और उस में निवास करने वाले भी।
भजन संहिता 102:25
आदि में तू ने पृथ्वी की नेव डाली, और आकाश तेरे हाथों का बनाया हुआ है।
भजन संहिता 136:6
उसने पृथ्वी को जल के ऊपर फैलाया है, उसकी करूणा सदा की है।
यशायाह 40:22
यह वह है जो पृथ्वी के घेरे के ऊपर आकाशमण्डल पर विराजमान है; और पृथ्वी के रहने वाले टिड्डी के तुल्य है; जो आकाश को मलमल की नाईं फैलाता और ऐसा तान देता है जैसा रहने के लिये तम्बू ताना जाता है;
यशायाह 44:24
यहोवा, तेरा उद्धारकर्त्ता, जो तुझे गर्भ ही से बनाता आया है, यों कहता है, मैं यहोवा ही सब का बनाने वाला हूं जिसने अकेले ही आकाश को ताना और पृथ्वी को अपनी ही शक्ति से फैलाया है।
यिर्मयाह 32:17
हे प्रभु यहोवा, तू ने बड़े सामर्थ और बढ़ाई हुई भुजा से आकाश और पृथ्वी को बनाया है! तेरे लिये कोई काम कठिन नहीं है।
दानिय्येल 5:23
वरन तू ने स्वर्ग के प्रभु के विरुद्ध सिर उठा कर उसके भवन के पात्र मंगवा कर अपने साम्हने धरवा लिए, और अपने प्रधानों और रानियों और रखेलियों समेत तू ने उन में दाखमधु पिया; और चान्दी-सोने, पीतल, लोहे, काठ और पत्थर के देवता, जो न देखते न सुनते, न कुछ जानते हैं, उनकी तो स्तुति की, परन्तु परमेश्वर, जिसके हाथ में तेरा प्राण है, और जिसके वश में तेरा सब चलना फिरना है, उसका सन्मान तू ने नहीं किया॥
आमोस 9:6
जो आकाश में अपनी कोठरियां बनाता, और अपने आकाशमण्डल की नेव पृथ्वी पर डालता, और समुद्र का जल घरती पर बहा देता है, उसी का नाम यहोवा है॥
जकर्याह 12:1
इस्राएल के विषय में यहोवा का कहा हुआ भारी वचन: यहोवा को आकाश का तानने वाला, पृथ्वी की नेव डालने वाला और मनुष्य की आत्मा का रचने वाला है, उसकी यह वाणी है,
अय्यूब 33:4
मुझे ईश्वर की आत्मा ने बनाया है, और सर्वशक्तिमान की सांस से मुझे जीवन मिलता है।
अय्यूब 12:10
उसके हाथ में एक एक जीवधारी का प्राण, और एक एक देहधारी मनुष्य की आत्मा भी रहती है।
इब्रानियों 1:10
और यह कि, हे प्रभु, आदि में तू ने पृथ्वी की नेव डाली, और स्वर्ग तेरे हाथों की कारीगरी है।
उत्पत्ति 1:24
फिर परमेश्वर ने कहा, पृथ्वी से एक एक जाति के जीवित प्राणी, अर्थात घरेलू पशु, और रेंगने वाले जन्तु, और पृथ्वी के वनपशु, जाति जाति के अनुसार उत्पन्न हों; और वैसा ही हो गया।
उत्पत्ति 2:7
और यहोवा परमेश्वर ने आदम को भूमि की मिट्टी से रचा और उसके नथनों में जीवन का श्वास फूंक दिया; और आदम जीवता प्राणी बन गया।
अय्यूब 27:3
क्योंकि अब तक मेरी सांस बराबर आती है, और ईश्वर का आत्मा मेरे नथुनों में बना है।
अय्यूब 34:14
यदि वह मनुष्य से अपना मन हटाये और अपना आत्मा और श्वास अपने ही में समेट ले,
भजन संहिता 33:6
आकाशमण्डल यहोवा के वचन से, और उसके सारे गण उसके मुंह ही श्वास से बने।
भजन संहिता 104:2
जो उजियाले को चादर की नाईं ओढ़े रहता है, और आकाश को तम्बू के समान ताने रहता है,
यशायाह 40:12
किस ने महासागर को चुल्लू से मापा और किस के बित्ते से आकाश का नाप हुआ, किस ने पृथ्वी की मिट्टी को नपवे में भरा और पहाड़ों को तराजू में और पहाडिय़ों को कांटे में तौला है?
यशायाह 40:28
क्या तुम नहीं जानते? क्या तुम ने नहीं सुना? यहोवा जो सनातन परमेश्वर और पृथ्वी भर का सिरजनहार है, वह न थकता, न श्रमित होता है, उसकी बुद्धि अगम है।
यशायाह 48:13
निश्चय मेरे ही हाथ ने पृथ्वी की नेव डाली, और मेरे ही दाहिने हाथ ने आकाश फैलाया; जब मैं उन को बुलाता हूं, वे एक साथ उपस्थित हो जाते हैं॥
यिर्मयाह 10:12
उसी ने पृथ्वी को अपनी सामर्थ से बनाया, उसने जगत को अपनी बुद्धि से स्थिर किया, और आकाश को अपनी प्रवीणता से तान दिया है।
इब्रानियों 1:2
इन दिनों के अन्त में हम से पुत्र के द्वारा बातें की, जिसे उस ने सारी वस्तुओं का वारिस ठहराया और उसी के द्वारा उस ने सारी सृष्टि रची है।
उत्पत्ति 1:10
और परमेश्वर ने सूखी भूमि को पृथ्वी कहा; तथा जो जल इकट्ठा हुआ उसको उसने समुद्र कहा: और परमेश्वर ने देखा कि अच्छा है।