Isaiah 46:11
मैं पूर्व से एक उकाब पक्षी को अर्थात दूर देश से अपनी युक्ति के पूरा करने वाले पुरूष को बुलाता हूं। मैं ही ने यह बात कही है और उसे पूरी भी करूंगा; मैं ने यह विचार बान्धा है और उसे सफल भी करूंगा।
Isaiah 46:11 in Other Translations
King James Version (KJV)
Calling a ravenous bird from the east, the man that executeth my counsel from a far country: yea, I have spoken it, I will also bring it to pass; I have purposed it, I will also do it.
American Standard Version (ASV)
calling a ravenous bird from the east, the man of my counsel from a far country; yea, I have spoken, I will also bring it to pass; I have purposed, I will also do it.
Bible in Basic English (BBE)
Sending for a bird of strong flight from the east, the man of my purpose from a far country; I have said it, and I will give effect to it; the thing designed by me will certainly be done.
Darby English Bible (DBY)
calling a bird of prey from the east, the man of my counsel from a far country. Yea, I have spoken, I will also bring it to pass; I have purposed it, I will also do it.
World English Bible (WEB)
calling a ravenous bird from the east, the man of my counsel from a far country; yes, I have spoken, I will also bring it to pass; I have purposed, I will also do it.
Young's Literal Translation (YLT)
Calling from the east a ravenous bird, From a far land the man of My counsel, Yea, I have spoken, yea, I bring it in, I have formed `it', yea, I do it.
| Calling | קֹרֵ֤א | qōrēʾ | koh-RAY |
| a ravenous bird | מִמִּזְרָח֙ | mimmizrāḥ | mee-meez-RAHK |
| east, the from | עַ֔יִט | ʿayiṭ | AH-yeet |
| the man | מֵאֶ֥רֶץ | mēʾereṣ | may-EH-rets |
| counsel my executeth that | מֶרְחָ֖ק | merḥāq | mer-HAHK |
| from a far | אִ֣ישׁ | ʾîš | eesh |
| country: | עֲצָתִ֑ו | ʿăṣātiw | uh-tsa-TEEV |
| yea, | אַף | ʾap | af |
| spoken have I | דִּבַּ֙רְתִּי֙ | dibbartiy | dee-BAHR-TEE |
| it, I will also | אַף | ʾap | af |
| bring | אֲבִיאֶ֔נָּה | ʾăbîʾennâ | uh-vee-EH-na |
| purposed have I pass; to it | יָצַ֖רְתִּי | yāṣartî | ya-TSAHR-tee |
| it, I will also | אַף | ʾap | af |
| do | אֶעֱשֶֽׂנָּה׃ | ʾeʿĕśennâ | eh-ay-SEH-na |
Cross Reference
गिनती 23:19
ईश्वर मनुष्य नहीं, कि झूठ बोले, और न वह आदमी है, कि अपनी इच्छा बदले। क्या जो कुछ उसने कहा उसे न करे? क्या वह वचन देकर उस पूरा न करे?
यशायाह 41:2
किस ने पूर्व दिशा से एक को उभारा है, जिसे वह धर्म के साथ अपने पांव के पास बुलाता है? वह जातियों को उसके वश में कर देता और उसको राजाओं पर अधिकारी ठहराता है; उसकी तलवार वह उन्हें धूल के समान, और उसके धनुष से उड़ाए हुए भूसे के समान कर देता है।
भजन संहिता 119:24
तेरी चितौनियां मेरा सुखमूल और मेरे मन्त्री हैं॥
अय्यूब 23:13
परन्तु वह एक ही बात पर अड़ा रहता है, और कौन उसको उस से फिरा सकता है? जो कुछ उसका जी चाहता है वही वह करता है।
यशायाह 14:24
सेनाओं के यहोवा ने यह शपथ खाई है, नि:सन्देह जैसा मैं ने ठाना है, वैसा ही हो जाएगा, और जैसी मैं ने युक्ति की है, वैसी ही पूरी होगी,
इफिसियों 1:11
उसी में जिस में हम भी उसी की मनसा से जो अपनी इच्छा के मत के अनुसार सब कुछ करता है, पहिले से ठहराए जाकर मीरास बने।
इफिसियों 3:11
उस सनातन मनसा के अनुसार, जो उस ने हमारे प्रभु मसीह यीशु में की थी।
प्रेरितों के काम 5:39
परन्तु यदि परमेश्वर की ओर से है, तो तुम उन्हें कदापि मिटा न सकोगे; कहीं ऐसा न हो, कि तुम परमेश्वर से भी लड़ने वाले ठहरो।
प्रेरितों के काम 4:28
कि जो कुछ पहिले से तेरी सामर्थ और मति से ठहरा था वही करें।
यहेजकेल 39:4
तू अपने सारे दलों और अपने साथ की सारी जातियों समेत इस्राएल के पहाड़ों पर मार डाला जाएगा; मैं तुझे भांति भांति के मांसाहारी पक्षियों और वनपशुओं का आहार कर दूंगा।
यिर्मयाह 51:20
तू मेरा फरसा और युद्ध के लिये हथियार ठहराया गया है; तेरे द्वारा मैं जाति जाति को तितर-बितर करूंगा; और तेरे ही द्वारा राज्य राज्य को नाश करूंगा।
यिर्मयाह 50:45
सो सुनो कि यहोवा ने बाबुल के विरुद्ध क्या युक्ति की है और कसदियों के देश के विरुद्ध कौन सी कल्पना की है: निश्चय वह भेड़-बकरियों के बच्चों को घसीट ले जाएगा, निश्चय वह उनकी चराइयों को भेड़-बकरियों से खाली कर देगा।
भजन संहिता 76:10
निश्चय मनुष्य की जलजलाहट तेरी स्तुति का कारण हो जाएगी, और जो जलजलाहट रह जाए, उसको तू रोकेगा।
यशायाह 13:2
मुंड़े पहाड़ पर एक झंडा खड़ा करो, हाथ से सैन करो और और उन से ऊंचे स्वर से पुकारो कि वे सरदारों के फाटकों में प्रवेश करें।
यशायाह 21:7
जब वह सवार देखे जो दो-दो कर के आते हों, और गदहों और ऊंटों के सवार, तब बहुत ही ध्यान देकर सुने।
यशायाह 38:15
मैं क्या कहूं? उसी ने मुझ से प्रतिज्ञा की और पूरा भी किया है। मैं जीवन भर कडुआहट के साथ धीरे धीरे चलता रहूंगा॥
यशायाह 41:25
मैं ने एक को उत्तर दिशा से उभारा, वह आ भी गया है; वह पूर्व दिशा से है और मेरा नाम लेता है; जैसा कुम्हार गिली मिट्टी को लताड़ता है, वैसा ही वह हाकिमों को कीच के समान लताड़ देगा।
यशायाह 44:28
जो कुस्रू के विषय में कहता है, वह मेरा ठहराया हुआ चरवाहा है और मेरी इच्छा पूरी करेगा; यरूशलेम के विषय कहता है, वह बसाई जाएगी और मन्दिर के विषय कि तेरी नेव डाली जाएगी॥
यशायाह 45:13
मैं ही ने उस पुरूष को धामिर्कता से उभारा है और मैं उसके सब मार्गों को सीधा करूंगा; वह मेरे नगर को फिर बसाएगा और मेरे बंधुओं को बिना दाम या बदला लिए छुड़ा देगा, सेनाओं के यहोवा का यही वचन है॥
यशायाह 48:14
तुम सब के सब इकट्ठे हो कर सुनो! उन में से किस ने कभी इन बातों का समाचार दिया? यहोवा उस से प्रेम रखता है: वह बाबुल पर अपनी इच्छा पूरी करेगा, और कसदियों पर उसका हाथ पड़ेगा।
यिर्मयाह 50:29
सब धनुर्धारियों को बाबुल के विरुद्ध इकट्ठे करो, उसके चारों ओर छावनी डालो, कोई जन भाग कर निकलने न पाए। उसके काम का बदला उसे देओ, जैसा उसने किया है, ठीक वैसा ही उसके साथ करो; क्योंकि उसने यहोवा इस्राएल के पवित्र के विरुद्ध अभिमान किया है।
एज्रा 1:2
कि फारस का राजा कुस्रू यों कहता है: कि स्वर्ग के परमेश्वर यहोवा ने पृथ्वी भर का राज्य मुझे दिया है, और उसने मुझे आज्ञा दी, कि यहूदा के यरूशलेम में मेरा एक भवन बनवा।