Isaiah 47:10
तू ने अपनी दुष्टता पर भरोसा रखा, तू ने कहा, मुझे कोई नहीं देखता; तेरी बुद्धि और ज्ञान ने तुझे बहकाया और तू ने अपने मन में कहा, मैं ही हूं और मेरे सिवाय कोई दूसरा नहीं।
Isaiah 47:10 in Other Translations
King James Version (KJV)
For thou hast trusted in thy wickedness: thou hast said, None seeth me. Thy wisdom and thy knowledge, it hath perverted thee; and thou hast said in thine heart, I am, and none else beside me.
American Standard Version (ASV)
For thou hast trusted in thy wickedness; thou hast said, None seeth me; thy wisdom and thy knowledge, it hath perverted thee, and thou hast said in thy heart, I am, and there is none else besides me.
Bible in Basic English (BBE)
For you had faith in your evil-doing; you said, No one sees me; by your wisdom and knowledge you have been turned out of the way: and you have said in your heart, I am, and there is no other.
Darby English Bible (DBY)
For thou hast confided in thy wickedness: thou hast said, None seeth me. Thy wisdom and thy knowledge, it hath seduced thee; and thou hast said in thy heart, It is I, and there is none but me.
World English Bible (WEB)
For you have trusted in your wickedness; you have said, None sees me; your wisdom and your knowledge, it has perverted you, and you have said in your heart, I am, and there is none else besides me.
Young's Literal Translation (YLT)
And thou art confident in thy wickedness, Thou hast said, `There is none seeing me,' Thy wisdom and thy knowledge, It is turning thee back, And thou sayest in thy heart, `I `am', and none else.'
| For thou hast trusted | וַתִּבְטְחִ֣י | wattibṭĕḥî | va-teev-teh-HEE |
| in thy wickedness: | בְרָעָתֵ֗ךְ | bĕrāʿātēk | veh-ra-ah-TAKE |
| said, hast thou | אָמַרְתְּ֙ | ʾāmarĕt | ah-ma-ret |
| None | אֵ֣ין | ʾên | ane |
| seeth | רֹאָ֔נִי | rōʾānî | roh-AH-nee |
| me. Thy wisdom | חָכְמָתֵ֥ךְ | ḥokmātēk | hoke-ma-TAKE |
| and thy knowledge, | וְדַעְתֵּ֖ךְ | wĕdaʿtēk | veh-da-TAKE |
| it | הִ֣יא | hîʾ | hee |
| hath perverted | שׁוֹבְבָ֑תֶךְ | šôbĕbātek | shoh-veh-VA-tek |
| thee; and thou hast said | וַתֹּאמְרִ֣י | wattōʾmĕrî | va-toh-meh-REE |
| heart, thine in | בְלִבֵּ֔ךְ | bĕlibbēk | veh-lee-BAKE |
| I | אֲנִ֖י | ʾănî | uh-NEE |
| am, and none else beside | וְאַפְסִ֥י | wĕʾapsî | veh-af-SEE |
| עֽוֹד׃ | ʿôd | ode |
Cross Reference
यशायाह 29:15
हाय उन पर जो अपनी युक्ति को यहोवा से छिपाने का बड़ा यत्न करते, और अपने काम अन्धेरे में कर के कहते हैं, हम को कौन देखता है? हम को कौन जानता है?
यशायाह 5:21
हाय उन पर जो अपनी दृष्टि में ज्ञानी और अपने लेखे बुद्धिमान हैं!
भजन संहिता 52:7
देखो, यह वही पुरूष है जिसने परमेश्वर को अपनी शरण नहीं माना, परन्तु अपने धन की बहुतायत पर भरोसा रखता था, और अपने को दुष्टता में दृढ़ करता रहा!
यहेजकेल 9:9
तब उसने मुझ से कहा, इस्राएल और यहूदा के घरानों का अधर्म अत्यन्त ही अधिक है, यहां तक कि देश हत्या से और नगर अन्याय से भर गया है; क्योंकि वे कहते हें कि यहोवा ने पृथ्वी को त्याग दिया और यहोवा कुछ नहीं देखता।
यहेजकेल 8:12
तब उसने मुझ से कहा, हे मनुष्य के सन्तान, क्या तू ने देखा है कि इस्राएल के घराने के पुरनिये अपनी अपनी नक्काशी वाली कोठरियों के भीतर अर्थात अन्धियारे में क्या कर रहे हैं? वे कहते हैं कि यहोवा हम को नहीं देखता; यहोवा ने देश को त्याग दिया है।
यशायाह 59:4
कोई धर्म के साथ नालिश नहीं करता, न कोई सच्चाई से मुकद्दमा लड़ता है; वे मिथ्या पर भरोसा रखते हैं और झूठ बातें बकते हैं, उसको मानो उत्पात का गर्भ रहता, और वे अनर्थ को जन्म देते हैं।
1 कुरिन्थियों 3:19
क्योंकि इस संसार का ज्ञान परमेश्वर के निकट मूर्खता है, जैसा लिखा है; कि वह ज्ञानियों को उन की चतुराई में फंसा देता है।
1 कुरिन्थियों 1:19
क्योंकि लिखा है, कि मैं ज्ञानवानों के ज्ञान को नाश करूंगा, और समझदारों की समझ को तुच्छ कर दूंगा।
रोमियो 1:22
वे अपने आप को बुद्धिमान जताकर मूर्ख बन गए।
यहेजकेल 28:2
हे मनुष्य के सन्तान, सोर के प्रधान से कह, परमेश्वर यहोवा यों कहता है कि तू ने मन में फूलकर यह कहा है, मैं ईश्वर हूँ, मैं समुद्र के बीच परमेश्वर के आसन पर बैठा हूँ, परन्तु, यद्यपि तू अपने आप को परमेश्वर सा दिखाता है, तौभी तू ईश्वर नहीं, मनुष्य ही है।
यिर्मयाह 23:24
फिर यहोवा की यह वाणी है, क्या कोई ऐसे गुप्त स्थानों में छिप सकता है, कि मैं उसे न देख सकूं? क्या स्वर्ग और पृथ्वी दोनों मुझ से परिपूर्ण नहीं हैं?
यशायाह 44:20
वह राख खाता है; भरमाई हुई बुद्धि के कारण वह भटकाया गया है और वह न अपने को बचा सकता और न यह कह सकता है, क्या मेरे दाहिने हाथ में मिथ्या नहीं?
यशायाह 28:15
तुम ने कहा है कि हम ने मृत्यु से वाचा बान्धी और अधोलोक से प्रतिज्ञा कराई है; इस कारण विपत्ति जब बाढ़ की नाईं बढ़ आए तब हमारे पास न आएगी; क्योंकि हम ने झूठ की शरण ली और मिथ्या की आड़ में छिपे हुए हैं।
सभोपदेशक 8:8
ऐसा कोई मनुष्य नहीं जिसका वश प्राण पर चले कि वह उसे निकलते समय रोक ले, और न कोई मृत्यु के दिन पर अधिकारी होता है; और न उसे लड़ाई से छृट्टी मिल सकती है, और न दुष्ट लोग अपनी दुष्टता के कारण बच सकते हैं।
भजन संहिता 94:7
और कहते हैं, कि याह न देखेगा, याकूब का परमेश्वर विचार न करेगा॥
भजन संहिता 64:5
वे बुरे काम करने को हियाव बान्धते हैं; वे फन्दे लगाने के विषय बातचीत करते हैं; और कहते हैं, कि हम को कौन देखेगा?
भजन संहिता 62:9
सचमुच नीच लोग तो अस्थाई, और बड़े लोग मिथ्या ही हैं; तौल में वे हलके निकलते हैं; वे सब के सब सांस से भी हलके हैं।
भजन संहिता 10:11
वह अपने मन में सोचता है, कि ईश्वर भूल गया, वह अपना मुंह छिपाता है; वह कभी नहीं देखेगा॥
अय्यूब 22:13
फिर तू कहता है कि ईश्वर क्या जानता है? क्या वह घोर अन्धकार की आड़ में हो कर न्याय करेगा?