Isaiah 5:5
अब मैं तुम को जताता हूं कि अपनी दाख की बारी से क्या करूंगा। मैं उसके कांटे वाले बाड़े को उखाड़ दूंगा कि वह चट की जाए, और उसकी भीत को ढा दूंगा कि वह रौंदी जाए।
Isaiah 5:5 in Other Translations
King James Version (KJV)
And now go to; I will tell you what I will do to my vineyard: I will take away the hedge thereof, and it shall be eaten up; and break down the wall thereof, and it shall be trodden down:
American Standard Version (ASV)
And now I will tell you what I will do to my vineyard: I will take away the hedge thereof, and it shall be eaten up; I will break down the wall thereof, and it shall be trodden down:
Bible in Basic English (BBE)
And now, this is what I will do to my vine-garden: I will take away the circle of thorns round it, and it will be burned up; its wall will be broken down and the beasts of the field will go through it;
Darby English Bible (DBY)
And now, let me tell you what I am about to do to my vineyard: I will take away its hedge, and it shall be eaten up; I will break down its wall, and it shall be trodden under foot;
World English Bible (WEB)
Now I will tell you what I will do to my vineyard. I will take away its hedge, and it will be eaten up. I will break down its wall of it, and it will be trampled down.
Young's Literal Translation (YLT)
And now, pray, let me cause you to know, That which I am doing to my vineyard, To turn aside its hedge, And it hath been for consumption, To break down its wall, And it hath been for a treading-place.
| And now | וְעַתָּה֙ | wĕʿattāh | veh-ah-TA |
| tell will I to; go | אוֹדִֽיעָה | ʾôdîʿâ | oh-DEE-ah |
| נָּ֣א | nāʾ | na | |
| you | אֶתְכֶ֔ם | ʾetkem | et-HEM |
| what | אֵ֛ת | ʾēt | ate |
| I | אֲשֶׁר | ʾăšer | uh-SHER |
| will do | אֲנִ֥י | ʾănî | uh-NEE |
| to my vineyard: | עֹשֶׂ֖ה | ʿōśe | oh-SEH |
| away take will I | לְכַרְמִ֑י | lĕkarmî | leh-hahr-MEE |
| hedge the | הָסֵ֤ר | hāsēr | ha-SARE |
| thereof, and it shall be | מְשׂוּכָּתוֹ֙ | mĕśûkkātô | meh-soo-ka-TOH |
| eaten up; | וְהָיָ֣ה | wĕhāyâ | veh-ha-YA |
| down break and | לְבָעֵ֔ר | lĕbāʿēr | leh-va-ARE |
| the wall | פָּרֹ֥ץ | pārōṣ | pa-ROHTS |
| be shall it and thereof, | גְּדֵר֖וֹ | gĕdērô | ɡeh-day-ROH |
| trodden down: | וְהָיָ֥ה | wĕhāyâ | veh-ha-YA |
| לְמִרְמָֽס׃ | lĕmirmās | leh-meer-MAHS |
Cross Reference
लूका 21:24
वे तलवार के कौर हो जाएंगे, और सब देशों के लोगों में बन्धुए होकर पहुंचाए जाएंगे, और जब तक अन्य जातियों का समय पूरा न हो, तब तक यरूशलेम अन्य जातियों से रौंदा जाएगा।
विलापगीत 1:15
यहोवा ने मेरे सब पराक्रमी पुरुषों को तुच्छ जाना; उसने नियत पर्व का प्रचार कर के लोगों को मेरे विरुद्ध बुलाया कि मेरे जवानों को पीस डालें; यहूदा की कुमारी कन्या को यहोवा ने मानो कोल्हू में पेरा है।
यशायाह 28:18
तब जो वाचा तुम ने मृत्यु से बान्धी है वह टूट जाएगी, और जो प्रतिज्ञा तुम ने अधोलोक से कराई वह न ठहरेगी; जब विपत्ति बाढ़ की नाईं बढ़ आए, तब तुम उस में डूब ही जाओगे।
प्रकाशित वाक्य 11:2
और मन्दिर के बाहर का आंगन छोड़ दे; उस मत नाप, क्योंकि वह अन्यजातियों को दिया गया है, और वे पवित्र नगर को बयालीस महीने तक रौंदेंगी।
यशायाह 28:3
एप्रैमी मत वालों के घमण्ड का मुकुट पांव से लताड़ा जाएगा;
यशायाह 10:6
मैं उसको एक भक्तिहीन जाति के विरुद्ध भेजूंगा, और जिन लोगों पर मेरा रोष भड़का है उनके विरुद्ध उसको आज्ञा दूंगा कि छीन छान करे और लूट ले, और उन को सड़कों की कीच के समान लताड़े।
व्यवस्थाविवरण 28:49
यहोवा तेरे विरुद्ध दूर से, वरन पृथ्वी के छोर से वेग उड़ने वाले उकाब सी एक जाति को चढ़ा लाएगा जिसकी भाषा को तू न समझेगा;
दानिय्येल 8:13
तब मैं ने एक पवित्र जन को बोलते सुना; फिर एक और पवित्र जन ने उस पहिले बोलने वाले अपराध के विषय में जो कुछ दर्शन देखा गया, वह कब तक फलता रहेगा; अर्थात पवित्र स्थान और सेना दोनों को रौंदा जाना कब तक होता रहेगा?
विलापगीत 4:12
पृथ्वी का कोई राजा वा जगत का कोई वासी इसकी कभी प्रतीति न कर सकता था, कि द्रोही और शत्रु यरूशलेम के फाटकों के भीतर घुसने पाएंगे।
विलापगीत 1:2
रात को वह फूट फूट कर रोती है, उसके आंसू गालों पर ढलकते हैं; उसके सब यारों में से अब कोई उसे शान्ति नहीं देता; उसके सब मित्रों ने उस से विश्वासघात किया, और उसके शत्रु बन गए हैं।
यशायाह 27:10
क्योंकि गढ़वाला नगर निर्जन हुआ है, वह छोड़ी हुई बस्ती के समान निर्जन और जंगल हो गया है; वहां बछड़े चरेंगे और वहीं बैठेंगे, और पेड़ों की डालियों की फुनगी को खा लेंगे।
यशायाह 25:10
क्योंकि इस पर्वत पर यहोवा का हाथ सर्वदा बना रहेगा और मोआब अपने ही स्थान में ऐसा लताड़ा जाएगा जैसा घूरे में पुआल लताड़ा जाता है।
भजन संहिता 80:12
फिर तू ने उसके बाड़ों को क्यों गिरा दिया, कि सब बटोही उसके फलों को तोड़ते हैं?
भजन संहिता 74:1
हे परमेश्वर, तू ने हमें क्यों सदा के लिये छोड़ दिया है? तेरी कोपाग्नि का धुआं तेरी चराई की भेंड़ों के विरुद्ध क्यों उठ रहा है?
नहेमायाह 2:3
तब मैं अत्यन्त डर गया। और राजा से कहा, राजा सदा जीवित रहे! जब वह नगर जिस में मेरे पुरखाओं की कबरें हैं, उजाड़ पड़ा है और उसके फाटक जले हुए हैं, तो मेरा मुंह क्यों न उतरे?
2 इतिहास 36:4
तब मिस्र के राजा ने उसके भाई एल्याकीम को यहूदा और यरूशलेम का राजा बनाया और उसका नाम बदल कर यहोयाकीम रखा। और नको उसके भाई यहोआहाज को मिस्र में ले गया।
लैव्यवस्था 26:31
और मैं तुम्हारे नगरों को उजाड़ दूंगा, और तुम्हारे पवित्र स्थानों को उजाड़ दूंगा, और तुम्हारा सुखदायक सुगन्ध ग्रहण न करूंगा।
उत्पत्ति 11:7
इसलिये आओ, हम उतर के उनकी भाषा में बड़ी गड़बड़ी डालें, कि वे एक दूसरे की बोली को न समझ सकें।
उत्पत्ति 11:4
फिर उन्होंने कहा, आओ, हम एक नगर और एक गुम्मट बना लें, जिसकी चोटी आकाश से बातें करे, इस प्रकार से हम अपना नाम करें ऐसा न हो कि हम को सारी पृथ्वी पर फैलना पड़े।