Isaiah 5:7
क्योंकि सेनाओं के यहोवा की दाख की बारी इस्राएल का घराना, और उसका मनभाऊ पौधा यहूदा के लोग है; और उसने उन में न्याय की आशा की परन्तु अन्याय देख पड़ा; उसने धर्म की आशा की, परन्तु उसे चिल्लाहट ही सुन पड़ी!
Isaiah 5:7 in Other Translations
King James Version (KJV)
For the vineyard of the LORD of hosts is the house of Israel, and the men of Judah his pleasant plant: and he looked for judgment, but behold oppression; for righteousness, but behold a cry.
American Standard Version (ASV)
For the vineyard of Jehovah of hosts is the house of Israel, and the men of Judah his pleasant plant: and he looked for justice, but, behold, oppression; for righteousness, but, behold, a cry.
Bible in Basic English (BBE)
For the vine-garden of the Lord of armies is the people of Israel, and the men of Judah are the plant of his delight: and he was looking for upright judging, and there was blood; for righteousness, and there was a cry for help.
Darby English Bible (DBY)
For the vineyard of Jehovah of hosts is the house of Israel, and the men of Judah the plant of his delight: and he looked for justice, and behold, blood-shedding; for righteousness, and behold, a cry.
World English Bible (WEB)
For the vineyard of Yahweh of Hosts is the house of Israel, And the men of Judah his pleasant plant: And he looked for justice, but, behold, oppression; For righteousness, but, behold, a cry of distress.
Young's Literal Translation (YLT)
Because the vineyard of Jehovah of Hosts `Is' the house of Israel, And the man of Judah His pleasant plant, And He waiteth for judgment, and lo, oppression, For righteousness, and lo, a cry.
| For | כִּ֣י | kî | kee |
| the vineyard | כֶ֜רֶם | kerem | HEH-rem |
| of the Lord | יְהוָ֤ה | yĕhwâ | yeh-VA |
| of hosts | צְבָאוֹת֙ | ṣĕbāʾôt | tseh-va-OTE |
| house the is | בֵּ֣ית | bêt | bate |
| of Israel, | יִשְׂרָאֵ֔ל | yiśrāʾēl | yees-ra-ALE |
| and the men | וְאִ֣ישׁ | wĕʾîš | veh-EESH |
| Judah of | יְהוּדָ֔ה | yĕhûdâ | yeh-hoo-DA |
| his pleasant | נְטַ֖ע | nĕṭaʿ | neh-TA |
| plant: | שַׁעֲשׁוּעָ֑יו | šaʿăšûʿāyw | sha-uh-shoo-AV |
| looked he and | וַיְקַ֤ו | wayqǎw | vai-KAHV |
| for judgment, | לְמִשְׁפָּט֙ | lĕmišpāṭ | leh-meesh-PAHT |
| behold but | וְהִנֵּ֣ה | wĕhinnē | veh-hee-NAY |
| oppression; | מִשְׂפָּ֔ח | miśpāḥ | mees-PAHK |
| for righteousness, | לִצְדָקָ֖ה | liṣdāqâ | leets-da-KA |
| but behold | וְהִנֵּ֥ה | wĕhinnē | veh-hee-NAY |
| a cry. | צְעָקָֽה׃ | ṣĕʿāqâ | tseh-ah-KA |
Cross Reference
भजन संहिता 80:8
तू मिस्त्र से एक दाखलता ले आया; और अन्यजातियों को निकाल कर उसे लगा दिया।
यशायाह 58:6
जिस उपवास से मैं प्रसन्न होता हूं, वह क्या यह नहीं, कि, अन्याय से बनाए हुए दासों, और अन्धेर सहने वालों का जुआ तोड़कर उन को छुड़ा लेना, और, सब जुओं को टूकड़े टूकड़े कर देना?
यशायाह 62:5
क्योंकि जिस प्रकार जवान पुरूष एक कुमारी को ब्याह लाता है, वैसे ही तेरे पुत्र तुझे ब्याह लेंगे; और, जैसे दुल्हा अपनी दुल्हिन के कारण हषिर्त होता है, वैसे ही तेरा परमेश्वर तेरे कारण हषिर्त होगा॥
यिर्मयाह 12:10
बहुत से चरवाहों ने मेरी दाख की बारी को बिगाड़ कर दिया, उन्होंने मेरे भाग को लताड़ा, वरन मेरे मनोहर भाग के खेत को सुनसान जंगल बना दिया है।
मीका 6:8
हे मनुष्य, वह तुझे बता चुका है कि अच्छा क्या है; और यहोवा तुझ से इसे छोड़ और क्या चाहता है, कि तू न्याय से काम करे, और कृपा से प्रीति रखे, और अपने परमेश्वर के साथ नम्रता से चले?
सपन्याह 3:17
तेरा परमेश्वर यहोवा तेरे बीच में है, वह उद्धार करने में पराक्रमी है; वह तेरे कारण आनन्द से मगन होगा, वह अपने प्रेम के मारे चुपका रहेगा; फिर ऊंचे स्वर से गाता हुआ तेरे कारण मगन होगा॥
जकर्याह 7:9
खराई से न्याय चुकाना, और एक दूसरे के साथ कृपा और दया से काम करना,
मत्ती 3:8
सो मन फिराव के योग्य फल लाओ।
मत्ती 23:23
हे कपटी शास्त्रियों, और फरीसियों, तुम पर हाय; तुम पोदीने और सौंफ और जीरे का दसवां अंश देते हो, परन्तु तुम ने व्यवस्था की गम्भीर बातों को अर्थात न्याय, और दया, और विश्वास को छोड़ दिया है; चाहिये था कि इन्हें भी करते रहते, और उन्हें भी न छोड़ते।
लूका 18:7
सो क्या परमेश्वर अपने चुने हुओं का न्याय न चुकाएगा, जो रात-दिन उस की दुहाई देते रहते; और क्या वह उन के विषय में देर करेगा?
यूहन्ना 15:2
जो डाली मुझ में है, और नहीं फलती, उसे वह काट डालता है, और जो फलती है, उसे वह छांटता है ताकि और फले।
1 कुरिन्थियों 6:8
वरन अन्याय करते और हानि पहुंचाते हो, और वह भी भाइयों को।
याकूब 5:4
देखो, जिन मजदूरों ने तुम्हारे खेत काटे, उन की वह मजदूरी जो तुम ने धोखा देकर रख ली है चिल्ला रही है, और लवने वालों की दोहाई, सेनाओं के प्रभु के कानों तक पहुंच गई है।
1 यूहन्ना 3:7
हे बालकों, किसी के भरमाने में न आना; जो धर्म के काम करता है, वही उस की नाईं धर्मी है।
यशायाह 5:2
उसने उसकी मिट्टी खोदी और उसके पत्थर बीनकर उस में उत्तम जाति की एक दाखलता लगाई; उसके बीच में उसने एक गुम्मट बनाया, और दाखरस के लिये एक कुण्ड भी खोदा; तब उसने दाख की आशा की, परन्तु उस में निकम्मी दाखें ही लगीं॥
यशायाह 3:17
इसलिये प्रभु यहोवा उनके सिर को गंजा करेगा, और उनके तन को उघरवाएगा॥
यशायाह 3:14
यहोवा अपनी प्रजा के वृद्ध और हाकिमों के साथ यह विवाद करता है, तुम ही ने बारी की दाख खा डाली है, और दीन लोगों का धन लूटकर तुम ने अपने घरों में रखा है।
निर्गमन 2:23
बहुत दिनों के बीतने पर मिस्र का राजा मर गया। और इस्राएली कठिन सेवा के कारण लम्बी लम्बी सांस ले कर आहें भरने लगे, और पुकार उठे, और उनकी दोहाई जो कठिन सेवा के कारण हुई वह परमेश्वर तक पहुंची।
निर्गमन 3:7
फिर यहोवा ने कहा, मैं ने अपक्की प्रजा के लोग जो मिस्र में हैं उनके दु:ख को निश्चय देखा है, और उनकी जो चिल्लाहट परिश्र्म करानेवालोंके कारण होती है उसको भी मैं ने सुना है, और उनकी पीड़ा पर मैं ने चित्त लगाया है ;
निर्गमन 22:21
और परदेशी को न सताना और न उस पर अन्धेर करना क्योंकि मिस्र देश में तुम भी परदेशी थे।
व्यवस्थाविवरण 15:9
सचेत रह कि तेरे मन में ऐसी अधम चिन्ता न समाए, कि सातवां वर्ष जो छुटकारे का वर्ष है वह निकट है, और अपनी दृष्टि तू अपने उस दरिद्र भाई की ओर से क्रूर करके उसे कुछ न दे, और वह तेरे विरुद्ध यहोवा की दुहाई दे, तो यह तेरे लिये पाप ठहरेगा।
नहेमायाह 5:1
तब लोग और उनकी स्त्रियों की ओर से उनके भाई यहूदियों के किरुद्ध बड़ी चिल्लाहट मची।
अय्यूब 31:38
यदि मेरी भूमि मेरे विरुद्ध दोहाई देती हो, और उसकी रेघारियां मिल कर रोती हों;
अय्यूब 34:28
यहां तक कि उनके कारण कंगालों की दोहाई उस तक पहुंची और उसने दीन लोगों की दोहाई सुनी।
भजन संहिता 80:15
ये पौधा तू ने अपने दाहिने हाथ से लगाया, और जो लता की शाखा तू ने अपने लिये दृढ़ की है।
भजन संहिता 147:11
यहोवा अपने डरवैयों ही से प्रसन्न होता है, अर्थात उन से जो उसकी करूणा की आशा लगाए रहते हैं॥
भजन संहिता 149:4
क्योंकि यहोवा अपनी प्रजा से प्रसन्न रहता है; वह नम्र लोगों का उद्धार कर के उन्हें शोभायमान करेगा।
नीतिवचन 21:13
जो कंगाल की दोहाई पर कान न दे, वह आप पुकारेगा और उसकी सुनी न जाएगी।
श्रेष्ठगीत 7:6
हे प्रिय और मनभावनी कुमारी, तू कैसी सुन्दर और कैसी मनोहर है!
यशायाह 1:6
नख से सिर तक कहीं भी कुछ आरोग्यता नहीं, केवल चोट और कोड़े की मार के चिन्ह और सड़े हुए घाव हैं जो न दबाये गए, न बान्धे गए, न तेल लगा कर नरमाये गए हैं॥
उत्पत्ति 4:10
उसने कहा, तू ने क्या किया है? तेरे भाई का लोहू भूमि में से मेरी ओर चिल्ला कर मेरी दोहाई दे रहा है!