Isaiah 57:11
तू ने किस के डर से झूठ कहा, और किसका भय मानकर ऐसा किया कि मुझ को स्मरण नहीं रखा न मुझ पर ध्यान दिया? क्या मैं बहुत काल से चुप नहीं रहा? इस कारण तू मेरा भय नहीं मानती।
Isaiah 57:11 in Other Translations
King James Version (KJV)
And of whom hast thou been afraid or feared, that thou hast lied, and hast not remembered me, nor laid it to thy heart? have not I held my peace even of old, and thou fearest me not?
American Standard Version (ASV)
And of whom hast thou been afraid and in fear, that thou liest, and hast not remembered me, nor laid it to thy heart? have not I held my peace even of long time, and thou fearest me not?
Bible in Basic English (BBE)
And of whom were you in fear, so that you were false, and did not keep me in mind, or give thought to it? Have I not been quiet, keeping myself secret, and so you were not in fear of me?
Darby English Bible (DBY)
And of whom hast thou been afraid or feared, that thou hast lied, and hast not remembered me, nor taken it to heart? Have not I even of long time held my peace, and thou fearest me not?
World English Bible (WEB)
Of whom have you been afraid and in fear, that you lie, and have not remembered me, nor laid it to your heart? Haven't I held my peace even of long time, and you don't fear me?
Young's Literal Translation (YLT)
And of whom hast thou been afraid, and fearest, That thou liest, and Me hast not remembered? Thou hast not laid `it' to thy heart, Am not I silent, even from of old? And Me thou fearest not?
| And of whom | וְאֶת | wĕʾet | veh-ET |
| hast thou been afraid | מִ֞י | mî | mee |
| or feared, | דָּאַ֤גְתְּ | dāʾagĕt | da-AH-ɡet |
| that | וַתִּֽירְאִי֙ | wattîrĕʾiy | va-tee-reh-EE |
| thou hast lied, | כִּ֣י | kî | kee |
| and hast not | תְכַזֵּ֔בִי | tĕkazzēbî | teh-ha-ZAY-vee |
| remembered | וְאוֹתִי֙ | wĕʾôtiy | veh-oh-TEE |
| me, nor | לֹ֣א | lōʾ | loh |
| laid | זָכַ֔רְתְּ | zākarĕt | za-HA-ret |
| it to | לֹא | lōʾ | loh |
| thy heart? | שַׂ֖מְתְּ | śamĕt | SA-met |
| have not | עַל | ʿal | al |
| I | לִבֵּ֑ךְ | libbēk | lee-BAKE |
| peace my held | הֲלֹ֨א | hălōʾ | huh-LOH |
| even of old, | אֲנִ֤י | ʾănî | uh-NEE |
| and thou fearest | מַחְשֶׁה֙ | maḥšeh | mahk-SHEH |
| me not? | וּמֵ֣עֹלָ֔ם | ûmēʿōlām | oo-MAY-oh-LAHM |
| וְאוֹתִ֖י | wĕʾôtî | veh-oh-TEE | |
| לֹ֥א | lōʾ | loh | |
| תִירָֽאִי׃ | tîrāʾî | tee-RA-ee |
Cross Reference
नीतिवचन 29:25
मनुष्य का भय खाना फन्दा हो जाता है, परन्तु जो यहोवा पर भरोसा रखता है वह ऊंचे स्थान पर चढ़ाया जाता है।
भजन संहिता 50:21
यह काम तू ने किया, और मैं चुप रहा; इसलिये तू ने समझ लिया कि परमेश्वर बिलकुल मेरे समान है। परन्तु मैं तुझे समझाऊंगा, और तेरी आंखों के साम्हने सब कुछ अलग अलग दिखाऊंगा॥
यिर्मयाह 3:21
मुण्डे टीलों पर से इस्राएलियों के रोने और गिड़गिड़ाने का शब्द सुनाई दे रहा है, क्योंकि वे टेढ़ी चाल चलते रहे हैं और अपने परमेश्वर यहोवा को भूल गए हैं।
यिर्मयाह 2:32
क्या कुमारी अपने सिंगार वा दुल्हिन अपनी सजावट भूल सकती है? तौभी मेरी प्रजा ने युगों से मुझे बिसरा दिया है।
यशायाह 51:12
मैं, मैं ही तेरा शान्तिदाता हूं; तू कौन है जो मरने वाले मनुष्य से, और घास के समान मुर्झाने वाले आदमी से डरता है,
2 थिस्सलुनीकियों 2:9
उस अधर्मी का आना शैतान के कार्य के अनुसार सब प्रकार की झूठी सामर्थ, और चिन्ह, और अद्भुत काम के साथ।
1 तीमुथियुस 4:2
यह उन झूठे मनुष्यों के कपट के कारण होगा, जिन का विवेक मानों जलते हुए लोहे से दागा गया है।
प्रकाशित वाक्य 21:8
पर डरपोकों, और अविश्वासियों, और घिनौनों, और हत्यारों, और व्यभिचारियों, और टोन्हों, और मूर्तिपूजकों, और सब झूठों का भाग उस झील में मिलेगा, जो आग और गन्धक से जलती रहती है: यह दूसरी मृत्यु है॥
प्रकाशित वाक्य 22:15
पर कुत्ते, और टोन्हें, और व्यभिचारी, और हत्यारे और मूर्तिपूजक, और हर एक झूठ का चाहने वाला, और गढ़ने वाला बाहर रहेगा॥
गलातियों 2:12
इसलिये कि याकूब की ओर से कितने लोगों के आने से पहिले वह अन्यजातियों के साथ खाया करता था, परन्तु जब वे आए, तो खतना किए हुए लोगों के डर के मारे उन से हट गया और किनारा करने लगा।
प्रेरितों के काम 5:3
परन्तु पतरस ने कहा; हे हनन्याह! शैतान ने तेरे मन में यह बात क्यों डाली है कि तू पवित्र आत्मा से झूठ बोले, और भूमि के दाम में से कुछ रख छोड़े?
यशायाह 26:10
दुष्ट पर चाहे दया भी की जाए तौभी वह धर्म को न सीखेगा; धर्मराज्य में भी वह कुटिलता करेगा, और यहोवा को महात्म्य उसे सूझ न पड़ेगा॥
यशायाह 30:9
क्योंकि वे बलवा करने वाले लोग और झूठ बोलने वाले लड़के हैं जो यहोवा की शिक्षा को सुनना नहीं चाहते।
यशायाह 59:3
क्योंकि तुम्हारे हाथ हत्या से और तुम्हारी अंगुलियां अधर्म के कर्मों से अपवित्र हो गईं हैं; तुम्हारे मुंह से तो झूठ और तुम्हारी जीभ से कुटिल बातें निकलती हैं।
यिर्मयाह 9:3
अपनी अपनी जीभ को वे धनुष की नाईं झूठ बोलने के लिये तैयार करते हैं, और देश में बलवन्त तो हो गए, परन्तु सच्चाई के लिये नहीं; वे बुराई पर बुराई बढ़ाते जाते हैं, और वे मुझ को जानते ही नहीं, यहोवा की यही वाणी है।
यिर्मयाह 42:20
क्योंकि जब तुम ने मुझ को यह कह कर अपने परमेश्वर यहोवा के पास भेज दिया कि हमारे निमित्त हमारे परमेश्वर यहोवा से प्रार्थना कर और जो कुछ हमारा परमेश्वर यहोवा कहे उसी के अनुसार हम को बता और हम वैसा ही करेंगे, तब तुम जान बूझ के अपने ही को धोखा देते थे।
यहेजकेल 13:22
तुम ने जो झूठ कह कर धमीं के मन को उदास किया है, यद्यपि मैं ने उसको उदास करना नहीं चाहा, और तुम ने दुष्ट जन को हियाव बन्धाया है, ताकि वह अपने बुरे मार्ग से न फिरे और जीवित रहे।
होशे 11:12
एप्रैम ने मिथ्या से, और इस्राएल के घराने ने छल से मुझे घेर रखा है; और यहूदा अब तक पवित्र और विश्वासयोग्य परमेश्वर की ओर चंचल बना रहता है॥
मत्ती 26:69
और पतरस बाहर आंगन में बैठा हुआ था: कि एक लौंड़ी ने उसके पास आकर कहा; तू भी यीशु गलीली के साथ था।
सभोपदेशक 8:11
बुरे काम के दण्ड की आज्ञा फुर्ती से नहीं दी जाती; इस कारण मनुष्यों का मन बुरा काम करने की इच्छा से भरा रहता है।