Isaiah 57:16
मैं सदा मुकद्दमा न लड़ता रहूंगा, न सर्वदा क्रोधित रहूंगा; क्योंकि आत्मा मेरे बनाए हुए हैं और जीव मेरे साम्हने मूच्छिर्त हो जाते हैं।
Isaiah 57:16 in Other Translations
King James Version (KJV)
For I will not contend for ever, neither will I be always wroth: for the spirit should fail before me, and the souls which I have made.
American Standard Version (ASV)
For I will not contend for ever, neither will I be always wroth; for the spirit would faint before me, and the souls that I have made.
Bible in Basic English (BBE)
For I will not give punishment for ever, or be angry without end: for from me breath goes out; and I it was who made the souls.
Darby English Bible (DBY)
For I will not contend for ever, neither will I be always wroth; for the spirit would fail before me, and the souls [which] I have made.
World English Bible (WEB)
For I will not contend forever, neither will I be always angry; for the spirit would faint before me, and the souls who I have made.
Young's Literal Translation (YLT)
For, not to the age do I strive, nor for ever am I wroth, For the spirit from before Me is feeble, And the souls I have made.
| For | כִּ֣י | kî | kee |
| I will not | לֹ֤א | lōʾ | loh |
| contend | לְעוֹלָם֙ | lĕʿôlām | leh-oh-LAHM |
| ever, for | אָרִ֔יב | ʾārîb | ah-REEV |
| neither | וְלֹ֥א | wĕlōʾ | veh-LOH |
| will I be always | לָנֶ֖צַח | lāneṣaḥ | la-NEH-tsahk |
| wroth: | אֶקְּצ֑וֹף | ʾeqqĕṣôp | eh-keh-TSOFE |
| for | כִּי | kî | kee |
| the spirit | ר֙וּחַ֙ | rûḥa | ROO-HA |
| should fail | מִלְּפָנַ֣י | millĕpānay | mee-leh-fa-NAI |
| before | יַֽעֲט֔וֹף | yaʿăṭôp | ya-uh-TOFE |
| souls the and me, | וּנְשָׁמ֖וֹת | ûnĕšāmôt | oo-neh-sha-MOTE |
| which I | אֲנִ֥י | ʾănî | uh-NEE |
| have made. | עָשִֽׂיתִי׃ | ʿāśîtî | ah-SEE-tee |
Cross Reference
मीका 7:18
तेरे समान ऐसा परमेश्वर कहां है जो अधर्म को क्षमा करे और अपने निज भाग के बचे हुओं के अपराध को ढांप दे? वह अपने क्रोध को सदा बनाए नहीं रहता, क्योंकि वह करूणा से प्रीति रखता है।
भजन संहिता 85:5
क्या तू हम पर सदा कोपित रहेगा? क्या तू पीढ़ी से पीढ़ी तक कोप करता रहेगा?
इब्रानियों 12:9
फिर जब कि हमारे शारीरिक पिता भी हमारी ताड़ना किया करते थे, तो क्या आत्माओं के पिता के और भी आधीन न रहें जिस से जीवित रहें।
यिर्मयाह 10:24
हे यहोवा, मेरी ताड़ना कर, पर न्याय से; क्रोध में आकर नहीं, कहीं ऐसा न हो कि मैं नाश हो जाऊं।
यशायाह 42:5
ईश्वर जो आकाश का सृजने और तानने वाला है, जो उपज सहित पृथ्वी का फैलाने वाला और उस पर के लोगों को सांस और उस पर के चलने वालों को आत्मा देने वाला यहावो है, वह यों कहता है:
भजन संहिता 103:9
वह सर्वदा वादविवाद करता न रहेगा, न उसका क्रोध सदा के लिये भड़का रहेगा।
भजन संहिता 78:38
परन्तु वह जो दयालु है, वह अधर्म को ढांपता, और नाश नहीं करता; वह बारबार अपने क्रोध को ठण्डा करता है, और अपनी जलजलाहट को पूरी रीति से भड़कने नहीं देता।
यिर्मयाह 38:16
तब सिदकिय्याह राजा ने अकेले में यिर्मयाह से शपथ खाई, यहोवा जिसने हमारा यह जीव रचा है, उसके जीवन की सौगन्ध न मैं तो तुझे मरवा डालूंगा, और न उन मनुष्यों के वश में कर दूंगा जो तेरे प्राण के खोजी हैं।
गिनती 16:22
तब वे मुंह के बल गिरके कहने लगे, हे ईश्वर, हे सब प्राणियों के आत्माओं के परमेश्वर, क्या एक पुरूष के पाप के कारण तेरा क्रोध सारी मण्डली पर होगा?
जकर्याह 12:1
इस्राएल के विषय में यहोवा का कहा हुआ भारी वचन: यहोवा को आकाश का तानने वाला, पृथ्वी की नेव डालने वाला और मनुष्य की आत्मा का रचने वाला है, उसकी यह वाणी है,
सभोपदेशक 12:7
जब मिट्टी ज्यों की त्यों मिट्टी में मिल जाएगी, और आत्मा परमेश्वर के पास जिसने उसे दिया लौट जाएगी।
अय्यूब 34:14
यदि वह मनुष्य से अपना मन हटाये और अपना आत्मा और श्वास अपने ही में समेट ले,
उत्पत्ति 6:3
और यहोवा ने कहा, मेरा आत्मा मनुष्य से सदा लों विवाद करता न रहेगा, क्योंकि मनुष्य भी शरीर ही है: उसकी आयु एक सौ बीस वर्ष की होगी।