Isaiah 58:9
तब तू पुकारेगा और यहोवा उत्तर देगा; तू दोहाई देगा और वह कहेगा, मैं यहां हूं। यदि तू अन्धेर करना और उंगली मटकाना, और, दुष्ट बातें बोलना छोड़ दे,
Isaiah 58:9 in Other Translations
King James Version (KJV)
Then shalt thou call, and the LORD shall answer; thou shalt cry, and he shall say, Here I am. If thou take away from the midst of thee the yoke, the putting forth of the finger, and speaking vanity;
American Standard Version (ASV)
Then shalt thou call, and Jehovah will answer; thou shalt cry, and he will say, Here I am. If thou take away from the midst of thee the yoke, the putting forth of the finger, and speaking wickedly;
Bible in Basic English (BBE)
Then at the sound of your voice, the Lord will give an answer; at your cry he will say, Here am I. If you take away from among you the yoke, the putting out of the finger of shame, and the evil word;
Darby English Bible (DBY)
Then shalt thou call, and Jehovah will answer; thou shalt cry, and he will say, Here I am. If thou take away from the midst of thee the yoke, the putting forth of the finger and the unjust speech,
World English Bible (WEB)
Then shall you call, and Yahweh will answer; you shall cry, and he will say, Here I am. If you take away from the midst of you the yoke, the putting forth of the finger, and speaking wickedly;
Young's Literal Translation (YLT)
Then thou callest, and Jehovah answereth, Thou criest, and He saith, `Behold Me.' If thou turn aside from thy midst the yoke, The sending forth of the finger, And the speaking of vanity,
| Then | אָ֤ז | ʾāz | az |
| shalt thou call, | תִּקְרָא֙ | tiqrāʾ | teek-RA |
| Lord the and | וַיהוָ֣ה | wayhwâ | vai-VA |
| shall answer; | יַעֲנֶ֔ה | yaʿăne | ya-uh-NEH |
| cry, shalt thou | תְּשַׁוַּ֖ע | tĕšawwaʿ | teh-sha-WA |
| and he shall say, | וְיֹאמַ֣ר | wĕyōʾmar | veh-yoh-MAHR |
| Here | הִנֵּ֑נִי | hinnēnî | hee-NAY-nee |
| If am. I | אִם | ʾim | eem |
| thou take away | תָּסִ֤יר | tāsîr | ta-SEER |
| from the midst | מִתּֽוֹכְךָ֙ | mittôkĕkā | mee-toh-heh-HA |
| yoke, the thee of | מוֹטָ֔ה | môṭâ | moh-TA |
| the putting forth | שְׁלַ֥ח | šĕlaḥ | sheh-LAHK |
| finger, the of | אֶצְבַּ֖ע | ʾeṣbaʿ | ets-BA |
| and speaking | וְדַבֶּר | wĕdabber | veh-da-BER |
| vanity; | אָֽוֶן׃ | ʾāwen | AH-ven |
Cross Reference
भजन संहिता 50:15
और संकट के दिन मुझे पुकार; मैं तुझे छुड़ाऊंगा, और तू मेरी महिमा करने पाएगा॥
यशायाह 65:24
उनके पुकारने से पहिले ही मैं उन को उत्तर दूंगा, और उनके मांगते ही मैं उनकी सुन लूंगा।
भजन संहिता 12:2
उन में से प्रत्येक अपने पड़ोसी से झूठी बातें कहता है; वे चापलूसी के ओठों से दो रंगी बातें करते हैं॥
नीतिवचन 6:13
वह नैन से सैन और पांव से इशारा, और अपनी अगुंलियों से संकेत करता है,
भजन संहिता 91:15
जब वह मुझ को पुकारे, तब मैं उसकी सुनूंगा; संकट में मैं उसके संग रहूंगा, मैं उसको बचा कर उसकी महिमा बढ़ाऊंगा।
भजन संहिता 34:15
यहोवा की आंखे धर्मियों पर लगी रहती हैं, और उसके कान भी उसकी दोहाई की ओर लगे रहते हैं।
भजन संहिता 37:4
यहोवा को अपने सुख का मूल जान, और वह तेरे मनोरथों को पूरा करेगा॥
यशायाह 1:15
जब तुम मेरी ओर हाथ फैलाओ, तब मैं तुम से मुंह फेर लूंगा; तुम कितनी ही प्रार्थना क्यों न करो, तौभी मैं तुम्हारी न सुनूंगा; क्योंकि तुम्हारे हाथ खून से भरे हैं।
यिर्मयाह 29:12
तब उस समय तुम मुझ को पुकारोगे और आकर मुझ से प्रार्थना करोगे और मैं तुम्हारी सुनूंगा।
मत्ती 7:7
मांगो, तो तुम्हें दिया जाएगा; ढूंढ़ो, तो तुम पाओगे; खटखटाओ, तो तुम्हारे लिये खोला जाएगा।
1 यूहन्ना 3:21
हे प्रियो, यदि हमारा मन हमें दोष न दे, तो हमें परमेश्वर के साम्हने हियाव होता है।
जकर्याह 10:2
क्योंकि गृहदेवता अनर्थ बात कहते और भावी कहने वाले झूठा दर्शन देखते और झूठे स्वपन सुनाते, और व्यर्थ शान्ति देते हैं। इस कारण लोग भेड़-बकरियों की नाईं भटक गए; और चरवाहे न होने के कारण दुर्दशा में पड़े हैं॥
1 शमूएल 3:4
तब यहोवा ने शमूएल को पुकारा; और उसने कहा, क्या आज्ञा!
भजन संहिता 66:18
यदि मैं मन में अनर्थ बात सोचता तो प्रभु मेरी न सुनता।
भजन संहिता 118:5
मैं ने सकेती में परमेश्वर को पुकारा, परमेश्वर ने मेरी सुन कर, मुझे चौड़े स्थान में पहुंचाया।
यशायाह 30:19
हे सिय्योन के लोगों तुम यरूशलेम में बसे रहो; तुम फिर कभी न रोओगे, वह तुम्हारी दोहाई सुनते ही तुम पर निश्चय अनुग्रह करेगा: वह सुनते ही तुम्हारी मानेगा।
यशायाह 57:4
तुम किस पर हंसी करते हो? तुम किस पर मुंह खोल कर जीभ निकालते हो? क्या तुम पाखण्डी और झूठे के वंश नहीं हो,
यशायाह 58:6
जिस उपवास से मैं प्रसन्न होता हूं, वह क्या यह नहीं, कि, अन्याय से बनाए हुए दासों, और अन्धेर सहने वालों का जुआ तोड़कर उन को छुड़ा लेना, और, सब जुओं को टूकड़े टूकड़े कर देना?
यशायाह 59:3
क्योंकि तुम्हारे हाथ हत्या से और तुम्हारी अंगुलियां अधर्म के कर्मों से अपवित्र हो गईं हैं; तुम्हारे मुंह से तो झूठ और तुम्हारी जीभ से कुटिल बातें निकलती हैं।
यशायाह 59:13
हम ने यहोवा का अपराध किया है, हम उस से मुकर गए और अपने परमेश्वर के पीछे चलना छोड़ दिया, हम अन्धेर करने लगे और उलट फेर की बातें कहीं, हम ने झूठी बातें मन में गढ़ीं और कही भी हैं।
यहेजकेल 13:8
इस कारण प्रभु यहोवा तुम से यों कहता है, तुम ने जो व्यर्थ बात कही और झूठे दर्शन देखे हैं, इसलिये मैं तुम्हारे विरुद्ध हूँ, प्रभु यहोवा की यही वाणी है।
उत्पत्ति 27:18
सो वह अपने पिता के पास गया, और कहा, हे मेरे पिता: उसने कहा क्या बात है? हे मेरे पुत्र, तू कौन है?