यशायाह 65:11 in Hindi

हिंदी हिंदी बाइबिल यशायाह यशायाह 65 यशायाह 65:11

Isaiah 65:11
परन्तु तुम जो यहोवा को त्याग देते और मेरे पवित्र पर्वत को भूल जाते हो, जो भाग्य देवता के लिये मेज़ पर भोजन की वस्तुएं सजाते और भावी देवी के लिये मसाला मिला हुआ दाखमधु भर देते हो;

Isaiah 65:10Isaiah 65Isaiah 65:12

Isaiah 65:11 in Other Translations

King James Version (KJV)
But ye are they that forsake the LORD, that forget my holy mountain, that prepare a table for that troop, and that furnish the drink offering unto that number.

American Standard Version (ASV)
But ye that forsake Jehovah, that forget my holy mountain, that prepare a table for Fortune, and that fill up mingled wine unto Destiny;

Bible in Basic English (BBE)
But as for you who have given up the Lord, who have no care for my holy mountain, who get ready a table for Chance, and make offerings of mixed wine to Fate;

Darby English Bible (DBY)
But ye who forsake Jehovah, who forget my holy mountain, who prepare a table for Gad, and fill up mixed wine unto Meni:

World English Bible (WEB)
But you who forsake Yahweh, who forget my holy mountain, who prepare a table for Fortune, and who fill up mixed wine to Destiny;

Young's Literal Translation (YLT)
And ye `are' those forsaking Jehovah, Who are forgetting My holy mountain, Who are setting in array for Gad a table, And who are filling for Meni a mixture.

But
ye
וְאַתֶּם֙wĕʾattemveh-ah-TEM
are
they
that
forsake
עֹזְבֵ֣יʿōzĕbêoh-zeh-VAY
Lord,
the
יְהוָ֔הyĕhwâyeh-VA
that
forget
הַשְּׁכֵחִ֖יםhaššĕkēḥîmha-sheh-hay-HEEM

אֶתʾetet
my
holy
הַ֣רharhahr
mountain,
קָדְשִׁ֑יqodšîkode-SHEE
prepare
that
הַֽעֹרְכִ֤יםhaʿōrĕkîmha-oh-reh-HEEM
a
table
לַגַּד֙laggadla-ɡAHD
for
that
troop,
שֻׁלְחָ֔ןšulḥānshool-HAHN
furnish
that
and
וְהַֽמְמַלְאִ֖יםwĕhammalʾîmveh-hahm-mahl-EEM
the
drink
offering
לַמְנִ֥יlamnîlahm-NEE
unto
that
number.
מִמְסָֽךְ׃mimsākmeem-SAHK

Cross Reference

यशायाह 1:28
परन्तु बलवाइयों और पापियों का एक संग नाश होगा, और जिन्होंने यहोवा को त्यागा है, उनका अन्त हो जाएगा।

यशायाह 65:25
भेडिय़ा और मेम्ना एक संग चरा करेंगे, और सिंह बैल की नाईं भूसा खाएगा; और सर्प का आहार मिट्टी ही रहेगा। मेरे सारे पवित्र पर्वत पर न तो कोई किसी को दु:ख देगा और न कोई किसी की हानि करेगा, यहोवा का यही वचन है॥

यशायाह 2:2
अन्त के दिनों में ऐसा होगा कि यहोवा के भवन का पर्वत सब पहाड़ों पर दृढ़ किया जाएगा, और सब पहाडिय़ों से अधिक ऊंचा किया जाएगा; और हर जाति के लागे धारा की नाईं उसकी ओर चलेंगें।

इब्रानियों 12:22
पर तुम सिय्योन के पहाड़ के पास, और जीवते परमेश्वर के नगर स्वर्गीय यरूशलेम के पास।

1 कुरिन्थियों 10:20
नहीं, वरन यह, कि अन्यजाति जो बलिदान करते हैं, वे परमेश्वर के लिये नहीं, परन्तु दुष्टात्माओं के लिये बलिदान करते हैं: और मैं नहीं चाहता, कि तुम दुष्टात्माओं के सहभागी हो।

यहेजकेल 23:41
सुन्दर पलंग पर बैठी रही; और तेरे साम्हने एक मेज़ बिछी हुई थी, जिस पर तू ने मेरा धूप और मेरा तेल रखा था।

यिर्मयाह 17:13
हे यहोवा, हे इस्राएल के आधार, जितने तुझे छोड देते हैं वे सब लज्जित होंगे; जो तुझ से भटक जाते हैं उनके नाम भूमि ही पर लिखे जाएंगे, क्योंकि उन्होंने बहते जल के सोते यहोवा को त्याग दिया है।

यिर्मयाह 2:28
परन्तु जो देवता तू ने बना लिए हैं, वे कहां रहे? यदि वे तेरी विपत्ति के समय तुझे बचा सकते हैं तो अभी उठें; क्योंकि हे यहूदा, तेरे नगरों के बराबर तेरे देवता भी बहुत हैं।

यशायाह 57:13
जब तू दोहाई दे, तब जिन मूर्तियों को तू ने जमा किया है वह ही तुझे छुड़ाएं! वे तो सब की सब वायु से वरन एक ही फूंक से उड़ जाएंगी। परन्तु जो मेरी शरण लेगा वह देश का अधिकारी होगा, और मेरे पवित्र पर्वत को भी अधिकारी होगा॥

यशायाह 57:5
तुम, जो सब हरे वृक्षों के तले देवताओं के कारण कामातुर होते और नालों में और चट्टानों की दरारों के बीच बाल-बच्चों को वध करते हो?

यशायाह 56:7
उन को मैं अपने पवित्र पर्वत पर ले आकर अपने प्रार्थना के भवन में आनन्दित करूंगा; उनके होमबलि और मेलबलि मेरी वेदी पर ग्रहण किए जाएंगे; क्योंकि मेरा भवन सब देशों के लोगों के लिये प्रार्थना का घर कहलाएगा।

यशायाह 11:9
मेरे सारे पवित्र पर्वत पर न तो कोई दु:ख देगा और न हानि करेगा; क्योंकि पृथ्वी यहोवा के ज्ञान से ऐसी भर जाएगी जैसा जल समुद्र में भरा रहता है॥

भजन संहिता 132:13
क्योंकि यहोवा ने सिय्योन को अपनाया है, और उसे अपने निवास के लिये चाहा है॥

1 इतिहास 28:9
और हे मेरे पुत्र सुलैमान! तू अपने पिता के परमेश्वर का ज्ञान रख, और खरे मन और प्रसन्न जीव से उसकी सेवा करता रह; क्योंकि यहोवा मन को जांचता और विचार में जो कुछ उत्पन्न होता है उसे समझता है। यदि तू उसकी खोज में रहे, तो वह तुझ को मिलेगा; परन्तु यदि तू उसको त्याग दे तो वह सदा के लिये तुझ को छोड़ देगा।

व्यवस्थाविवरण 32:17
उन्होंने पिशाचों के लिये जो ईश्वर न थे बलि चढ़ाए, और उनके लिये वे अनजाने देवता थे, वे तो नये नये देवता थे जो थोड़े ही दिन से प्रकट हुए थे, और जिन से उनके पुरखा कभी डरे नहीं।

व्यवस्थाविवरण 29:24
और सब जातियों के लोग पूछेंगे, कि यहोवा ने इस देश से ऐसा क्यों किया? और इस बड़े कोप के भड़कने का क्या कारण है?

प्रकाशित वाक्य 21:2
फिर मैं ने पवित्र नगर नये यरूशलेम को स्वर्ग पर से परमेश्वर के पास से उतरते देखा, और वह उस दुल्हिन के समान थी, जो अपने पति के लिये सिंगार किए हो।