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यिर्मयाह 49:4 छवि
हे भटकने वाली बेटी! तू अपने देश की तराइयों पर, विशेष कर अपने बहुत ही अपजाऊ तराई पर क्यों फूलती है? तू क्यों यह कह कर अपने रखे हुए धन पर भरोसा रखती है, कि मेरे विरुद्ध कौन चढ़ाई कर सकेगा?
हे भटकने वाली बेटी! तू अपने देश की तराइयों पर, विशेष कर अपने बहुत ही अपजाऊ तराई पर क्यों फूलती है? तू क्यों यह कह कर अपने रखे हुए धन पर भरोसा रखती है, कि मेरे विरुद्ध कौन चढ़ाई कर सकेगा?