यिर्मयाह 9:5 in Hindi

हिंदी हिंदी बाइबिल यिर्मयाह यिर्मयाह 9 यिर्मयाह 9:5

Jeremiah 9:5
वे एक दूसरे को ठगेंगे और सच नहीं बोलेंगे; उन्होंने झूठ ही बोलना सीखा है; और कुटिलता ही में परिश्रम करते हैं।

Jeremiah 9:4Jeremiah 9Jeremiah 9:6

Jeremiah 9:5 in Other Translations

King James Version (KJV)
And they will deceive every one his neighbour, and will not speak the truth: they have taught their tongue to speak lies, and weary themselves to commit iniquity.

American Standard Version (ASV)
And they will deceive every one his neighbor, and will not speak the truth: they have taught their tongue to speak lies; they weary themselves to commit iniquity.

Bible in Basic English (BBE)
Everyone will make sport of his neighbour with deceit, not saying what is true: their tongues have been trained to say false words; they are twisted, hating to come back.

Darby English Bible (DBY)
And they act deceitfully every one with his neighbour, and speak not the truth: they teach their tongue to speak falsehood, they weary themselves with perverse dealing.

World English Bible (WEB)
They will deceive everyone his neighbor, and will not speak the truth: they have taught their tongue to speak lies; they weary themselves to commit iniquity.

Young's Literal Translation (YLT)
And each at his friend they mock, And truth they do not speak, They taught their tongue to speak falsehood, To commit iniquity they have laboured.

And
they
will
deceive
וְאִ֤ישׁwĕʾîšveh-EESH
every
one
בְּרֵעֵ֙הוּ֙bĕrēʿēhûbeh-ray-A-HOO
neighbour,
his
יְהָתֵ֔לּוּyĕhātēllûyeh-ha-TAY-loo
and
will
not
וֶאֱמֶ֖תweʾĕmetveh-ay-MET
speak
לֹ֣אlōʾloh
the
truth:
יְדַבֵּ֑רוּyĕdabbērûyeh-da-BAY-roo
taught
have
they
לִמְּד֧וּlimmĕdûlee-meh-DOO
their
tongue
לְשׁוֹנָ֛םlĕšônāmleh-shoh-NAHM
to
speak
דַּבֶּרdabberda-BER
lies,
שֶׁ֖קֶרšeqerSHEH-ker
themselves
weary
and
הַעֲוֵ֥הhaʿăwēha-uh-VAY
to
commit
iniquity.
נִלְאֽוּ׃nilʾûneel-OO

Cross Reference

मीका 6:12
यहां के धनवान् लोग उपद्रव का काम देखा करते हैं; और यहां के सब रहने वाले झूठ बोलते हैं और उनके मुंह से छल की बातें निकलती हैं।

अय्यूब 15:5
तू अपने मुंह से अपना अधर्म प्रगट करता है, और धूर्त्त लोगों के बोलने की रीति पर बोलता है।

यिर्मयाह 9:3
अपनी अपनी जीभ को वे धनुष की नाईं झूठ बोलने के लिये तैयार करते हैं, और देश में बलवन्त तो हो गए, परन्तु सच्चाई के लिये नहीं; वे बुराई पर बुराई बढ़ाते जाते हैं, और वे मुझ को जानते ही नहीं, यहोवा की यही वाणी है।

यिर्मयाह 9:8
उनकी जीभ काल के तीर के समान बेधने वाली है, उस से छल की बातें निकलती हैं; वे मुंह से तो एक दूसरे से मेल की बात बोलते हैं पर मन ही मन एक दूसरे की घात में लगे रहते हैं।

यहेजकेल 24:12
मैं उसके कारण परिश्रम करते करते थक गया, परन्तु उसका भारी मोर्चा उस से छूटता नहीं, उसका मोर्चा आग के द्वारा भी नहीं छूटता।

मीका 6:3
हे मेरी प्रजा, मैं ने तेरा क्या किया, और क्या कर के मैं ने तुझे उकता दिया है?

हबक्कूक 2:13
देखो, क्या सेनाओं के यहोवा की ओर से यह नहीं होता कि देश देश के लोग परिश्रम तो करते हैं परन्तु वे आग का कौर होते हैं; और राज्य-राज्य के लोगों का परिश्रम व्यर्थ ही ठहरता है?

इफिसियों 4:25
इस कारण झूठ बोलना छोड़कर हर एक अपने पड़ोसी से सच बोले, क्योंकि हम आपस में एक दूसरे के अंग हैं।

1 तीमुथियुस 4:2
यह उन झूठे मनुष्यों के कपट के कारण होगा, जिन का विवेक मानों जलते हुए लोहे से दागा गया है।

यशायाह 59:13
हम ने यहोवा का अपराध किया है, हम उस से मुकर गए और अपने परमेश्वर के पीछे चलना छोड़ दिया, हम अन्धेर करने लगे और उलट फेर की बातें कहीं, हम ने झूठी बातें मन में गढ़ीं और कही भी हैं।

यशायाह 57:10
तू अपनी यात्रा की लम्बाई के कारण थक गई, तौभी तू ने न कहा कि यह व्यर्थ है; तेरा बल कुछ अधिक हो गया, इसी कारण तू नहीं थकी॥

यशायाह 44:12
लोहार एक बसूला अंगारों में बनाता और हथौड़ों से गढ़कर तैयार करता है, अपने भुजबल से वह उसको बनाता है; फिर वह भूखा हो जाता है और उसका बल घटता है, वह पानी नहीं पीता और थक जाता है।

अय्यूब 11:3
क्या तेरे बड़े बोल के कारण लोग चुप रहें? और जब तू ठट्ठा करता है, तो क्या कोई तुझे लज्जित न करे?

भजन संहिता 7:14
देख दुष्ट को अनर्थ काम की पीड़ाएं हो रही हैं, उसको उत्पात का गर्भ है, और उससे झूठ उत्पन्न हुआ। उसने गड़हा खोदकर उसे गहिरा किया,

भजन संहिता 50:19
तू ने अपना मुंह बुराई करने के लिये खोला, और तेरी जीभ छल की बातें गढ़ती है।

भजन संहिता 64:3
उन्होंने अपनी जीभ को तलवार की नाईं तेज किया है, और अपने कड़वे वचनों के तीरों को चढ़ाया है;

भजन संहिता 140:3
उनका बोलना सांप का काटना सा है, उनके मुंह में नाग का सा विष रहता है॥

नीतिवचन 4:16
क्योंकि दुष्ट लोग यदि बुराई न करें, तो उन को नींद नहीं आती; और जब तक वे किसी को ठोकर न खिलाएं, तब तक उन्हें नींद नहीं मिलती।

यशायाह 5:18
हाय उन पर जो अधर्म को अनर्थ की रस्सियों और पाप को मानो गाड़ी के रस्से से खींच ले आते हैं,

यशायाह 41:6
वे एक दूसरे की सहायता करते हैं और उन में से एक अपने भाई से कहता है, हियाव बान्ध!

उत्पत्ति 19:11
और उन्होंने क्या छोटे, क्या बड़े, सब पुरूषों को जो घर के द्वार पर थे अन्धा कर दिया, सो वे द्वार को टटोलते टटोलते थक गए।