विलापगीत 1:19
मैं ने अपने मित्रों को पुकारा परन्तु उन्होंने भी मुझे छोखा दिया; जब मेरे याजक और पुरनिये इसलिये भोजनवस्तु ढूंढ़ रहे थे कि खाने से उनका जी हरा हो जाए, तब नगर ही में उनके प्राण छूट गए।
I called | קָרָ֤אתִי | qārāʾtî | ka-RA-tee |
for my lovers, | לַֽמְאַהֲבַי֙ | lamʾahăbay | lahm-ah-huh-VA |
but they | הֵ֣מָּה | hēmmâ | HAY-ma |
deceived | רִמּ֔וּנִי | rimmûnî | REE-moo-nee |
priests my me: | כֹּהֲנַ֥י | kōhănay | koh-huh-NAI |
and mine elders | וּזְקֵנַ֖י | ûzĕqēnay | oo-zeh-kay-NAI |
ghost the up gave | בָּעִ֣יר | bāʿîr | ba-EER |
in the city, | גָּוָ֑עוּ | gāwāʿû | ɡa-VA-oo |
while | כִּֽי | kî | kee |
sought they | בִקְשׁ֥וּ | biqšû | veek-SHOO |
their meat | אֹ֙כֶל֙ | ʾōkel | OH-HEL |
to relieve | לָ֔מוֹ | lāmô | LA-moh |
וְיָשִׁ֖יבוּ | wĕyāšîbû | veh-ya-SHEE-voo | |
their souls. | אֶת | ʾet | et |
נַפְשָֽׁם׃ | napšām | nahf-SHAHM |