विलापगीत 4:20
यहोवा का अभिषिक्त जो हमारा प्राण था, और जिसके विषय हम ने सोचा था कि अन्यजातियों के बीच हम उसकी शरण में जीवित रहेंगे, वह उनके खोदे हुए गड़हों में पकड़ा गया।
The breath | ר֤וּחַ | rûaḥ | ROO-ak |
of our nostrils, | אַפֵּ֙ינוּ֙ | ʾappênû | ah-PAY-NOO |
anointed the | מְשִׁ֣יחַ | mĕšîaḥ | meh-SHEE-ak |
of the Lord, | יְהוָ֔ה | yĕhwâ | yeh-VA |
was taken | נִלְכַּ֖ד | nilkad | neel-KAHD |
pits, their in | בִּשְׁחִיתוֹתָ֑ם | bišḥîtôtām | beesh-hee-toh-TAHM |
of whom | אֲשֶׁ֣ר | ʾăšer | uh-SHER |
we said, | אָמַ֔רְנוּ | ʾāmarnû | ah-MAHR-noo |
shadow his Under | בְּצִלּ֖וֹ | bĕṣillô | beh-TSEE-loh |
we shall live | נִֽחְיֶ֥ה | niḥĕye | nee-heh-YEH |
among the heathen. | בַגּוֹיִֽם׃ | baggôyim | va-ɡoh-YEEM |