ओबद्दाह 1:5
यदि चोर-डाकू रात को तेरे पास आते, (हाय, तू कैसे मिटा दिया गया है!) तो क्या वे चुराए हुए धन से तृप्त हो कर चले न जाते? और यदि दाख के तोड़ने वाले तेरे पास आते, तो क्या वे कहीं कहीं दाख न छोड़ जाते?
If | אִם | ʾim | eem |
thieves | גַּנָּבִ֤ים | gannābîm | ɡa-na-VEEM |
came | בָּאֽוּ | bāʾû | ba-OO |
to thee, if | לְךָ֙ | lĕkā | leh-HA |
robbers | אִם | ʾim | eem |
by night, | שׁ֣וֹדְדֵי | šôdĕdê | SHOH-deh-day |
(how | לַ֔יְלָה | laylâ | LA-la |
art thou cut off!) | אֵ֣יךְ | ʾêk | ake |
would they not | נִדְמֵ֔יתָה | nidmêtâ | need-MAY-ta |
stolen have | הֲל֥וֹא | hălôʾ | huh-LOH |
till they had enough? | יִגְנְב֖וּ | yignĕbû | yeeɡ-neh-VOO |
if | דַּיָּ֑ם | dayyām | da-YAHM |
the grapegatherers | אִם | ʾim | eem |
came | בֹּֽצְרִים֙ | bōṣĕrîm | boh-tseh-REEM |
to thee, would they not | בָּ֣אוּ | bāʾû | BA-oo |
leave | לָ֔ךְ | lāk | lahk |
some grapes? | הֲל֖וֹא | hălôʾ | huh-LOH |
יַשְׁאִ֥ירוּ | yašʾîrû | yahsh-EE-roo | |
עֹלֵלֽוֹת׃ | ʿōlēlôt | oh-lay-LOTE |