नीतिवचन 18:14 in Hindi

हिंदी हिंदी बाइबिल नीतिवचन नीतिवचन 18 नीतिवचन 18:14

Proverbs 18:14
रोग में मनुष्य अपनी आत्मा से सम्भलता है; परन्तु जब आत्मा हार जाती है तब इसे कौन सह सकता है?

Proverbs 18:13Proverbs 18Proverbs 18:15

Proverbs 18:14 in Other Translations

King James Version (KJV)
The spirit of a man will sustain his infirmity; but a wounded spirit who can bear?

American Standard Version (ASV)
The spirit of a man will sustain his infirmity; But a broken spirit who can bear?

Bible in Basic English (BBE)
The spirit of a man will be his support when he is ill; but how may a broken spirit be lifted up?

Darby English Bible (DBY)
The spirit of a man sustaineth his infirmity; but a broken spirit who can bear?

World English Bible (WEB)
A man's spirit will sustain him in sickness, But a crushed spirit, who can bear?

Young's Literal Translation (YLT)
The spirit of a man sustaineth his sickness, And a smitten spirit who doth bear?

The
spirit
רֽוּחַrûaḥROO-ak
of
a
man
אִ֭ישׁʾîšeesh
will
sustain
יְכַלְכֵּ֣לyĕkalkēlyeh-hahl-KALE
infirmity;
his
מַחֲלֵ֑הוּmaḥălēhûma-huh-LAY-hoo
but
a
wounded
וְר֥וּחַwĕrûaḥveh-ROO-ak
spirit
נְ֝כֵאָ֗הnĕkēʾâNEH-hay-AH
who
מִ֣יmee
can
bear?
יִשָּׂאֶֽנָּה׃yiśśāʾennâyee-sa-EH-na

Cross Reference

नीतिवचन 17:22
मन का आनन्द अच्छी औषधि है, परन्तु मन के टूटने से हड्डियां सूख जाती हैं।

नीतिवचन 15:13
मन आनन्दित होने से मुख पर भी प्रसन्नता छा जाती है, परन्तु मन के दु:ख से आत्मा निराश होती है।

1 पतरस 1:6
और इस कारण तुम मगन होते हो, यद्यपि अवश्य है कि अब कुछ दिन तक नाना प्रकार की परीक्षाओं के कारण उदास हो।

याकूब 1:2
हे मेरे भाइयों, जब तुम नाना प्रकार की परीक्षाओं में पड़ो

2 कुरिन्थियों 12:9
और उस ने मुझ से कहा, मेरा अनुग्रह तेरे लिये बहुत है; क्योंकि मेरी सामर्थ निर्बलता में सिद्ध होती है; इसलिये मैं बड़े आनन्द से अपनी निर्बलताओं पर घमण्ड करूंगा, कि मसीह की सामर्थ मुझ पर छाया करती रहे।

भजन संहिता 147:3
वह खेदित मन वालों को चंगा करता है, और उनके शोक पर मरहम- पट्टी बान्धता है।

मरकुस 14:33
और वह पतरस और याकूब और यूहन्ना को अपने साथ ले गया: और बहुत ही अधीर, और व्याकुल होने लगा।

रोमियो 5:3
केवल यही नहीं, वरन हम क्लेशों में भी घमण्ड करें, यही जानकर कि क्लेश से धीरज।

रोमियो 8:35
कौन हम को मसीह के प्रेम से अलग करेगा? क्या क्लेश, या संकट, या उपद्रव, या अकाल, या नंगाई, या जोखिम, या तलवार?

2 कुरिन्थियों 1:12
क्योंकि हम अपने विवेक की इस गवाही पर घमण्ड करते हैं, कि जगत में और विशेष करके तुम्हारे बीच हमारा चरित्र परमेश्वर के योग्य ऐसी पवित्रता और सच्चाई सहित था, जो शारीरिक ज्ञान से नहीं, परन्तु परमेश्वर के अनुग्रह के साथ था।

2 कुरिन्थियों 2:7
इसलिये इस से यह भला है कि उसका अपराध क्षमा करो; और शान्ति दो, न हो कि ऐसा मनुष्य उदासी में डूब जाए।

भजन संहिता 109:22
क्योंकि मैं दीन और दरिद्र हूं, और मेरा हृदय घायल हुआ है।

भजन संहिता 88:14
हे यहोवा, तू मुझ को क्यों छोड़ता है? तू अपना मुख मुझ से क्यों छिपाता रहता है?

भजन संहिता 77:2
संकट के दिन मैं प्रभु की खोज में लगा रहा; रात को मेरा हाथ फैला रहा, और ढीला न हुआ, मुझ में शांति आई ही नहीं।

अय्यूब 2:7
तब शैतान यहोवा के साम्हने से निकला, और अय्यूब को पांव के तलवे से ले सिर की चोटी तक बड़े बड़े फोड़ों से पीड़ित किया।

अय्यूब 6:4
क्योंकि सर्वशक्तिमान के तीर मेरे अन्दर चुभे हैं; और उनका विष मेरी आत्मा में पैठ गया है; ईश्वर की भयंकर बात मेरे विरुद्ध पांति बान्धे है।

अय्यूब 7:14
तब तब तू मुझे स्वप्नों से घबरा देता, और दर्शनों से भयभीत कर देता है;

अय्यूब 10:15
जो मैं दुष्टता करूं तो मुझ पर हाय! और जो मैं धमीं बनूं तौभी मैं सिर न उठाऊंगा, क्योंकि मैं अपमान से भरा हुआ हूं और अपने दु:ख पर ध्यान रखता हूँ।

भजन संहिता 30:9
जब मैं कब्र में चला जाऊंगा तब मेरे लोहू से क्या लाभ होगा? क्या मिट्टी तेरा धन्यवाद कर सकती है? क्या वह तेरी सच्चाई का प्रचार कर सकती है?

भजन संहिता 32:3
जब मैं चुप रहा तब दिन भर कराहते कराहते मेरी हडि्डयां पिघल गई।

भजन संहिता 38:2
क्योंकि तेरे तीर मुझ में लगे हैं, और मैं तेरे हाथ के नीचे दबा हूं।

भजन संहिता 42:10
मेरे सताने वाले जो मेरी निन्दा करते हैं मानो उस में मेरी हडि्डयां चूर चूर होती हैं, मानो कटार से छिदी जाती हैं, क्योंकि वे दिन भर मुझ से कहते रहते हैं, तेरा परमेश्वर कहां है?

भजन संहिता 55:3
क्योंकि शत्रु कोलाहल और दुष्ट उपद्रव कर रहें हैं; वे मुझ पर दोषारोपण करते हैं, और क्रोध में आकर मुझे सताते हैं॥

भजन संहिता 55:5
भय और कंपकपी ने मुझे पकड़ लिया है, और भय के कारण मेरे रोंए रोंए खड़े हो गए हैं।

अय्यूब 1:20
तब अय्यूब उठा, और बागा फाड़, सिर मुंड़ाकर भूमि पर गिरा और दण्डवत् कर के कहा,