नीतिवचन 21:6 in Hindi

हिंदी हिंदी बाइबिल नीतिवचन नीतिवचन 21 नीतिवचन 21:6

Proverbs 21:6
जो धन झूठ के द्वारा प्राप्त हो, वह वायु से उड़ जाने वाला कोहरा है, उसके ढूंढ़ने वाले मृत्यु ही को ढूंढ़ते हैं।

Proverbs 21:5Proverbs 21Proverbs 21:7

Proverbs 21:6 in Other Translations

King James Version (KJV)
The getting of treasures by a lying tongue is a vanity tossed to and fro of them that seek death.

American Standard Version (ASV)
The getting of treasures by a lying tongue Is a vapor driven to and fro by them that seek death.

Bible in Basic English (BBE)
He who gets stores of wealth by a false tongue, is going after what is only breath, and searching for death.

Darby English Bible (DBY)
The getting of treasures by a lying tongue is a fleeting breath of them that seek death.

World English Bible (WEB)
Getting treasures by a lying tongue Is a fleeting vapor for those who seek death.

Young's Literal Translation (YLT)
The making of treasures by a lying tongue, `Is' a vanity driven away of those seeking death.

The
getting
פֹּ֣עַלpōʿalPOH-al
of
treasures
אֹ֭צָרוֹתʾōṣārôtOH-tsa-rote
by
a
lying
בִּלְשׁ֣וֹןbilšônbeel-SHONE
tongue
שָׁ֑קֶרšāqerSHA-ker
vanity
a
is
הֶ֥בֶלhebelHEH-vel
tossed
to
and
fro
נִ֝דָּ֗ףniddāpNEE-DAHF
seek
that
them
of
מְבַקְשֵׁיmĕbaqšêmeh-vahk-SHAY
death.
מָֽוֶת׃māwetMA-vet

Cross Reference

नीतिवचन 20:21
जो भाग पहिले उतावली से मिलता है, अन्त में उस पर आशीष नहीं होती।

नीतिवचन 13:11
निर्धन के पास माल नहीं रहता, परन्तु जो अपने परिश्रम से बटोरता, उसकी बढ़ती होती है।

2 पतरस 2:3
और वे लोभ के लिये बातें गढ़ कर तुम्हें अपने लाभ का कारण बनाएंगे, और जो दण्ड की आज्ञा उन पर पहिले से हो चुकी है, उसके आने में कुछ भी देर नहीं, और उन का विनाश ऊंघता नहीं।

नीतिवचन 10:2
दुष्टों के रखे हुए धन से लाभ नही होता, परन्तु धर्म के कारण मृत्यु से बचाव होता है।

नीतिवचन 8:36
परन्तु जो मेरा अपराध करता है, वह अपने ही पर उपद्रव करता है; जितने मुझ से बैर रखते वे मृत्यु से प्रीति रखते हैं॥

तीतुस 1:11
इन का मुंह बन्द करना चाहिए: ये लोग नीच कमाई के लिये अनुचित बातें सिखा कर घर के घर बिगाड़ देते हैं।

1 तीमुथियुस 6:9
पर जो धनी होना चाहते हैं, वे ऐसी परीक्षा, और फंदे और बहुतेरे व्यर्थ और हानिकारक लालसाओं में फंसते हैं, जो मनुष्यों को बिगाड़ देती हैं और विनाश के समुद्र में डूबा देती हैं।

यहेजकेल 18:31
अपने सब अपराधों को जो तुम ने किए हैं, दूर करो; अपना मन और अपनी आत्मा बदल डालो! हे इस्राएल के घराने, तुम क्यों मरो?

यिर्मयाह 17:11
जो अन्याय से धन बटोरता है वह उस तीतर के समान होता है जो दूसरी चिडिय़ा के दिए हुए अंडों को सेती है, उसकी आधी आयु में ही वह उस धन को छोड़ जाता है, और अन्त में वह मूढ़ ही ठहरता है।

नीतिवचन 30:8
अर्थात व्यर्थ और झूठी बात मुझ से दूर रख; मुझे न तो निर्धन कर और न धनी बना; प्रतिदिन की रोटी मुझे खिलाया कर।

नीतिवचन 22:8
जो कुटिलता का बीज बोता है, वह अनर्थ ही काटेगा, और उसके रोष का सोंटा टूटेगा।

नीतिवचन 20:14
मोल लेने के समय ग्राहक तुच्छ तुच्छ कहता है; परन्तु चले जाने पर बड़ाई करता है।