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भजन संहिता 105:32 छवि
उसने उनके लिये जलवृष्टि की सन्ती ओले, और उनके देश में धधकती आग बरसाई।
उसने उनके लिये जलवृष्टि की सन्ती ओले, और उनके देश में धधकती आग बरसाई।
उसने उनके लिये जलवृष्टि की सन्ती ओले, और उनके देश में धधकती आग बरसाई।