Psalm 139:17
और मेरे लिये तो हे ईश्वर, तेरे विचार क्या ही बहुमूल्य हैं! उनकी संख्या का जोड़ कैसा बड़ा है॥
Psalm 139:17 in Other Translations
King James Version (KJV)
How precious also are thy thoughts unto me, O God! how great is the sum of them!
American Standard Version (ASV)
How precious also are thy thoughts unto me, O God! How great is the sum of them!
Bible in Basic English (BBE)
How dear are your thoughts to me, O God! how great is the number of them!
Darby English Bible (DBY)
But how precious are thy thoughts unto me, O ùGod! how great is the sum of them!
World English Bible (WEB)
How precious to me are your thoughts, God! How vast is the sum of them!
Young's Literal Translation (YLT)
And to me how precious have been Thy thoughts, O God, how great hath been their sum!
| How | וְלִ֗י | wĕlî | veh-LEE |
| precious | מַה | ma | ma |
| also are thy thoughts | יָּקְר֣וּ | yoqrû | yoke-ROO |
| God! O me, unto | רֵעֶ֣יךָ | rēʿêkā | ray-A-ha |
| how | אֵ֑ל | ʾēl | ale |
| great | מֶ֥ה | me | meh |
| is the sum | עָ֝צְמוּ | ʿāṣĕmû | AH-tseh-moo |
| of them! | רָאשֵׁיהֶֽם׃ | rāʾšêhem | ra-shay-HEM |
Cross Reference
भजन संहिता 40:5
हे मेरे परमेश्वर यहोवा, तू ने बहुत से काम किए हैं! जो आश्चर्यकर्म और कल्पनाएं तू हमारे लिये करता है वह बहुत सी हैं; तेरे तुल्य कोई नहीं! मैं तो चाहता हूं की खोलकर उनकी चर्चा करूं, परन्तु उनकी गिनती नहीं हो सकती॥
यशायाह 55:8
क्योंकि यहोवा कहता है, मेरे विचार और तुम्हारे विचार एक समान नहीं है, न तुम्हारी गति और मेरी गति एक सी है।
यिर्मयाह 29:11
क्योंकि यहोवा की यह वाणी है, कि जो कल्पनाएं मैं तुम्हारे विषय करता हूँ उन्हें मैं जानता हूँ, वे हानी की नहीं, वरन कुशल ही की हैं, और अन्त में तुम्हारी आशा पूरी करूंगा।
भजन संहिता 31:19
आहा, तेरी भलाई क्या ही बड़ी है जो तू ने अपने डरवैयों के लिये रख छोड़ी है, और अपने शरणागतों के लिये मनुष्यों के साम्हने प्रगट भी की है!
भजन संहिता 36:7
हे परमेश्वर तेरी करूणा, कैसी अनमोल है! मनुष्य तेरे पंखो के तले शरण लेते हैं।
भजन संहिता 92:5
हे यहोवा, तेरे काम क्या ही बड़े हैं! तेरी कल्पनाएं बहुत गम्भीर हैं!
नीतिवचन 8:31
मैं उसकी बसाई हुई पृथ्वी से प्रसन्न थी और मेरा सुख मनुष्यों की संगति से होता था॥
इफिसियों 3:9
और सब पर यह बात प्रकाशित करूं, कि उस भेद का प्रबन्ध क्या है, जो सब के सृजनहार परमेश्वर में आदि से गुप्त था।