भजन संहिता 21:2
तू ने उसके मनोरथ को पूरा किया है, और उसके मुंह की बिनती को तू ने अस्वीकार नहीं किया।
Thou hast given | תַּאֲוַ֣ת | taʾăwat | ta-uh-VAHT |
him his heart's | לִ֭בּוֹ | libbô | LEE-boh |
desire, | נָתַ֣תָּה | nātattâ | na-TA-ta |
not hast and | לּ֑וֹ | lô | loh |
withholden | וַאֲרֶ֥שֶׁת | waʾărešet | va-uh-REH-shet |
the request | שְׂ֝פָתָ֗יו | śĕpātāyw | SEH-fa-TAV |
of his lips. | בַּל | bal | bahl |
Selah. | מָנַ֥עְתָּ | mānaʿtā | ma-NA-ta |
סֶּֽלָה׃ | selâ | SEH-la |