भजन संहिता 27:4
एक वर मैं ने यहोवा से मांगा है, उसी के यत्न में लगा रहूंगा; कि मैं जीवन भर यहोवा के भवन में रहने पाऊं, जिस से यहोवा की मनोहरता पर दृष्टि लगाए रहूं, और उसके मन्दिर में ध्यान किया करूं॥
One | אַחַ֤ת׀ | ʾaḥat | ah-HAHT |
thing have I desired | שָׁאַ֣לְתִּי | šāʾaltî | sha-AL-tee |
of | מֵֽאֵת | mēʾēt | MAY-ate |
the Lord, | יְהוָה֮ | yĕhwāh | yeh-VA |
after; seek I will that | אוֹתָ֪הּ | ʾôtāh | oh-TA |
dwell may I that | אֲבַ֫קֵּ֥שׁ | ʾăbaqqēš | uh-VA-KAYSH |
in the house | שִׁבְתִּ֣י | šibtî | sheev-TEE |
Lord the of | בְּבֵית | bĕbêt | beh-VATE |
all | יְ֭הוָה | yĕhwâ | YEH-va |
the days | כָּל | kāl | kahl |
life, my of | יְמֵ֣י | yĕmê | yeh-MAY |
to behold | חַיַּ֑י | ḥayyay | ha-YAI |
beauty the | לַחֲז֥וֹת | laḥăzôt | la-huh-ZOTE |
of the Lord, | בְּנֹֽעַם | bĕnōʿam | beh-NOH-am |
inquire to and | יְ֝הוָ֗ה | yĕhwâ | YEH-VA |
in his temple. | וּלְבַקֵּ֥ר | ûlĕbaqqēr | oo-leh-va-KARE |
בְּהֵיכָלֽוֹ׃ | bĕhêkālô | beh-hay-ha-LOH |