भजन संहिता 31:13
मैं ने बहुतों के मुंह से अपना अपवाद सुना, चारों ओर भय ही भय है! जब उन्होंने मेरे विरुद्ध आपस में सम्मति की तब मेरे प्राण लेने की युक्ति की॥
For | כִּ֤י | kî | kee |
I have heard | שָׁמַ֨עְתִּי׀ | šāmaʿtî | sha-MA-tee |
the slander | דִּבַּ֥ת | dibbat | dee-BAHT |
many: of | רַבִּים֮ | rabbîm | ra-BEEM |
fear | מָג֪וֹר | māgôr | ma-ɡORE |
was on every side: | מִסָּ֫בִ֥יב | missābîb | mee-SA-VEEV |
counsel took they while | בְּהִוָּסְדָ֣ם | bĕhiwwosdām | beh-hee-wose-DAHM |
together | יַ֣חַד | yaḥad | YA-hahd |
against | עָלַ֑י | ʿālay | ah-LAI |
devised they me, | לָקַ֖חַת | lāqaḥat | la-KA-haht |
to take away | נַפְשִׁ֣י | napšî | nahf-SHEE |
my life. | זָמָֽמוּ׃ | zāmāmû | za-ma-MOO |