भजन संहिता 31:19
आहा, तेरी भलाई क्या ही बड़ी है जो तू ने अपने डरवैयों के लिये रख छोड़ी है, और अपने शरणागतों के लिये मनुष्यों के साम्हने प्रगट भी की है!
Oh how | מָ֤ה | mâ | ma |
great | רַֽב | rab | rahv |
is thy goodness, | טוּבְךָ֮ | ṭûbĕkā | too-veh-HA |
which | אֲשֶׁר | ʾăšer | uh-SHER |
up laid hast thou | צָפַ֪נְתָּ | ṣāpantā | tsa-FAHN-ta |
for them that fear | לִּֽירֵ֫אֶ֥יךָ | lîrēʾêkā | lee-RAY-A-ha |
wrought hast thou which thee; | פָּ֭עַלְתָּ | pāʿaltā | PA-al-ta |
for them that trust | לַחֹסִ֣ים | laḥōsîm | la-hoh-SEEM |
before thee in | בָּ֑ךְ | bāk | bahk |
the sons | נֶ֝֗גֶד | neged | NEH-ɡed |
of men! | בְּנֵ֣י | bĕnê | beh-NAY |
אָדָם׃ | ʾādām | ah-DAHM |