भजन संहिता 31:7
मैं तेरी करूणा से मगन और आनन्दित हूं, क्योंकि तू ने मेरे दु:ख पर दृष्टि की है, मेरे कष्ट के समय तू ने मेरी सुधि ली है,
I will be glad | אָגִ֥ילָה | ʾāgîlâ | ah-ɡEE-la |
rejoice and | וְאֶשְׂמְחָ֗ה | wĕʾeśmĕḥâ | veh-es-meh-HA |
in thy mercy: | בְּחַ֫סְדֶּ֥ךָ | bĕḥasdekā | beh-HAHS-DEH-ha |
for | אֲשֶׁ֣ר | ʾăšer | uh-SHER |
considered hast thou | רָ֭אִיתָ | rāʾîtā | RA-ee-ta |
אֶת | ʾet | et | |
my trouble; | עָנְיִ֑י | ʿonyî | one-YEE |
known hast thou | יָ֝דַ֗עְתָּ | yādaʿtā | YA-DA-ta |
my soul | בְּצָר֥וֹת | bĕṣārôt | beh-tsa-ROTE |
in adversities; | נַפְשִֽׁי׃ | napšî | nahf-SHEE |