भजन संहिता 35:27
जो मेरे धर्म से प्रसन्न रहते हैं, वह जयजयकार और आनन्द करें, और निरन्तर कहते रहें, यहोवा की बड़ाई हो, जो अपने दास के कुशल से प्रसन्न होता है!
Let them shout for joy, | יָרֹ֣נּוּ | yārōnnû | ya-ROH-noo |
glad, be and | וְיִשְׂמְחוּ֮ | wĕyiśmĕḥû | veh-yees-meh-HOO |
that favour | חֲפֵצֵ֪י | ḥăpēṣê | huh-fay-TSAY |
my righteous cause: | צִ֫דְקִ֥י | ṣidqî | TSEED-KEE |
say them let yea, | וְיֹאמְר֣וּ | wĕyōʾmĕrû | veh-yoh-meh-ROO |
continually, | תָ֭מִיד | tāmîd | TA-meed |
Let the Lord | יִגְדַּ֣ל | yigdal | yeeɡ-DAHL |
be magnified, | יְהוָ֑ה | yĕhwâ | yeh-VA |
pleasure hath which | הֶ֝חָפֵ֗ץ | heḥāpēṣ | HEH-ha-FAYTS |
in the prosperity | שְׁל֣וֹם | šĕlôm | sheh-LOME |
of his servant. | עַבְדּֽוֹ׃ | ʿabdô | av-DOH |