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भजन संहिता 37:16 छवि
धर्मी का थोड़ा से माल दुष्टों के बहुत से धन से उत्तम है।
धर्मी का थोड़ा से माल दुष्टों के बहुत से धन से उत्तम है।
धर्मी का थोड़ा से माल दुष्टों के बहुत से धन से उत्तम है।