भजन संहिता 58:1
हे मनुष्यों, क्या तुम सचमुच धर्म की बात बोलते हो? और हे मनुष्यवंशियों क्या तुम सीधाई से न्याय करते हो?
Do ye indeed | הַֽאֻמְנָ֗ם | haʾumnām | ha-oom-NAHM |
speak | אֵ֣לֶם | ʾēlem | A-lem |
righteousness, | צֶ֭דֶק | ṣedeq | TSEH-dek |
O congregation? | תְּדַבֵּר֑וּן | tĕdabbērûn | teh-da-bay-ROON |
judge ye do | מֵישָׁרִ֥ים | mêšārîm | may-sha-REEM |
uprightly, | תִּ֝שְׁפְּט֗וּ | tišpĕṭû | TEESH-peh-TOO |
O ye sons | בְּנֵ֣י | bĕnê | beh-NAY |
of men? | אָדָֽם׃ | ʾādām | ah-DAHM |